लखनऊ: राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष जे एन तिवारी ने आज लखनऊ में संयुक्त परिषद के वरिष्ठ पदाधिकारियों के साथ ऑनलाइन रूबरू होते हुए संविदा कर्मियों से सबंधित मुख्य मांगों को राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के एजेंड में शामिल किया तथा उन मांगों पर प्रदेश के मुख्य सचिव, अपर मुख्य सचिव वित्त, प्रमुख सचिव कार्मिक एवं शासन के सभी विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव एवं सचिवों को उनके ईमेल आईडी पर ज्ञापन भेजा है। जे एन तिवारी ने अवगत कराया है कि प्रदेश के विभिन्न सरकारी विभागों में लगभग 2500 ऐसे संविदा कर्मचारी, शिक्षक कार्य कर रहे है जिनकी नियुक्ति विज्ञापित पदों के सापेक्ष नियमानुसार चयन समिति गठित करके की गई है।

ऐसे संविदा कर्मियों को उनके पद के न्यूनतम ग्रेड वेतन के सापेक्ष सातवें वेतन आयोग की संस्तुतियों के क्रम में संशोधित मैट्रिक्स का लाभ मिल रहा है। सरकार उनको समय-समय पर सरकारी कर्मचारियों को मिलने वाले महंगाई भत्ते का भी भुगतान कर रही है। सभी संविदा कर्मी अपने पद के अनुरूप अपने दायित्व का पूर्ण निर्वहन नियमित कर्मचारियों की भांति ही कर रहे हैं।संविदा कर्मियों को राज्य कोषागार के माध्यम से वेतन भी दिया ज जा रहा है। ऐसे सभी संविदा कर्मी , जो विज्ञापित पदों के सापेक्ष चयन समिति के माध्यम से चयनित होकर आए हैं ,उन्हें राज्य कर्मचारियों के समान ही वेतन एवं महंगाई भत्ते का भुगतान तो किया जा रहा है, परंतु उनको राज्य कर्मियों को मिलने वाली अन्य सुविधाओं से वंचित रखा गया है।
15 - 20 वर्षों तक कार्य कर चुके संविदाकर्मियों को कोई वेतन वृद्धि नहीं दी जा रही है, उनके लिए कोई पदोन्नति का कोई अवसर भी नहीं है, एसीपी का लाभ भी नहीं मिल रहा है, यहां तक की महिलाकर्मियों को प्रसूति अवकाश का लाभ तो मिलता है, लेकिन चाइल्ड केयर लीव नहीं दी जा रही है, जबकि राज्य कर्मियों की भांति ही सातवें वेतन आयोग का लाभ पाने वाले सभी संविदा कर्मी राज्य कर्मियों को मिलने वाली सभी सुविधाओं के हकदार है। मुख्यमंत्री कार्यालय, मुख्य सचिव कर्यालय, सचिवालय के वित्त विभाग, अन्य प्रशासनिक विभागों में सैकड़ो संविदा कर्मी कार्य कर रहैं हैं ,जिनसे शासन के गोपनीय कार्य भी लिए जा रहे हैं।समाज कल्याण एवं जन जाति विकास विभाग में कार्यरत संविदा शिक्षकों के कधों पर आश्रम पद्धति विद्यालयों के संचालन की पूरी जिम्मेदारी है। आश्रम पद्धति विद्यालयों के संविदा शिक्षक न्यूनतम वेतन में नियमित शिक्षकों से अधिक कार्य कर रहे हैं। संविदा शिक्षकों से बोर्ड परीक्षा एवं चुनाव ड्यूटी जैसे महत्वपूर्ण कार्य भी लिए जा रहे है।
आयुष विभाग में कार्यरत चिकित्सक, एमबीबीएस चिकित्सकों की भांति ही मरीजों का उपचार कर रहे है एवं वेतन भी पा रहे हैं। यथार्थ यह है कि संविदा कर्मी नियमित कर्मियों के बराबर उनके कंधे से कंधा मिलाकर कार्य कर रहे हैं।सही अर्थों में सरकार के सभी महत्वपूर्ण कामों में संविदा कर्मी ही लगाए गए हैं, फिर भी मनमाने ढंग से उनको राज्य कर्मियों की कुछ सुविधा देना तथा कुछ सुविधा न देना अन्याय है। जे एन तिवारी ने ऐसे संविदा कर्मियों को, जिनकी नियुक्ति विज्ञापित पदों के सापेक्ष चयन समिति के माध्यम से हुई है तथा जिनको सातवें वेतन आयोग के क्रम में संशोधित वेतन मैट्रिक्स का लाभ मिल रहा है, उन संविदा कर्मियों को वार्षिक वेतन वृद्धि के अवसर, एसीपी व्यवस्था, चिकित्सा अवकाश एवं बोनस तथा महिला कर्मियों के लिए चाइल्ड केयर लीव दिए जाने के लिए ज्ञापन भेजा है।
संविदा कर्मियों की इन महत्वपूर्ण मांगों को संयुक्त परिषद ने अपने एजेंडे में भी शामिल किया है, जिस पर अगली कार्यकारिणी की बैठक में विचार कर आगे की कार्यवाही पर निर्णय लिया जाएगा। आज की ऑन लाइन बैठक में संयुक्त परिषद के कार्यवाहक अध्यक्ष निरंजन कुमार श्रीवास्तव, वरिष्ठ उपाध्यक्ष नारायण जी दुबे, महामंत्री अरुणा शुक्ला, उपाध्यक्ष त्रिलोकी नाथ चौरसिया, रिंकू राय, ब्रिज भूषण मिश्रा , रामेश्वर पांडे, राज बहादुर, प्रीति पांडे, वीरेंद्र वीर यादव, सहदेव सचान, इंद्रजीत सिंह, आरके यादव, आदित्य नारायण झा, डीके त्रिपाठी, वी डी मिश्रा, तेज बहादुर शर्मा, डीके उपाध्याय,अम्बरीष त्यागी, जसवंत सिंह सहित दर्जनों पदाधिकारी सम्मिलित हुए.