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Wednesday, March 26, 2025

टीबी हारेगा, देश जीतेगा- आओ मिलकर टीबी मुक्त भारत बनायें – सीएमओ

वाराणसी: राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम भारत सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता का कार्यक्रम हैI माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आवाहन पर 2025 तक टीबी मुक्त भारत का लक्ष्य रखा गया है| इस क्रम में बुधवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय सभागार में पीडियाट्रिक टीबी की पहचान हेतु जनपद स्तरीय टीओटी का आयोजन किया गया| कार्यक्रम का उद्देश्य, बच्चों में टीबी की समय पर पहचान, जांच, निदान एवं उपचार को मजबूत करना है जिससे अधिक से अधिक बच्चों को क्षय रोग से बचाया जा सके| राज्य स्तर से आये ट्रेनर शैलेंद्र उपाध्याय द्वारा प्रशिक्षण प्रदान किया गया| इस प्रशिक्षण का आयोजन राज्य स्तर से नामित वर्ल्ड हेल्थ पार्टनर संस्था द्वारा किया गया| हम सब मिलकर टीबी मुक्त भारत का निर्माण कर सकते हैं| इसकी जानकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ संदीप चौधरी ने दी।


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सीएमओ ने बताया कि पिछले 6 महीने में 630 बच्चे खोजे गये, जिसमें 147 बच्चे उपचार के उपरांत स्वस्थ हो गये हैं, वह अपना जीवन सामान्य रूप से व्यतीत कर रहे हैं उनका परिवार भी खुश है| इसके अलावा 483 बच्चों का इलाज चल रहा है| उन्होंने बताया कि कार्यक्रम के अंतर्गत बच्चों में टीबी का समय से पता लगाना अभी भी एक बड़ी चुनौती है। बच्चों में टीबी रोकने तथा समय से पहचान कर इलाज शुरू करने हेतु जिले में एक दिवसीय ट्रेनिंग ऑफ ट्रेनर्स का आयोजन किया गयाI किया। उन्होंने बताया कि टीबी का इलाज संभव है, सही समय पर इसका उपचार करवाया जाये और समय से दवाइयों का सेवन किया जाये तो क्षय रोगी आसानी से स्वस्थ हो सकते हैं।

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जिला क्षय रोग अधिकारी एवं कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ पीयूष राय ने बताया कि प्रशिक्षण में बच्चों में टीबी की पहचान, जांच, निदान एवं उपचार पर विस्तार से जानकारी दी गई| उन्होंने बताया कि अभी कुछ बच्चे टीबी जांच और उपचार से वंचित रह जाते हैं इसका प्रमुख कारण समसामयिक रेफरल की कमी, जागरूकता का अभाव एवं प्रारंभिक लक्षणों की अनदेखी है। उन्होंने यह भी बताया कि समय पर रेफरल प्रणाली को मजबूत करने से इन बच्चों को उचित उपचार मिल सकता है। जिसके लिए यह कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है और जनपद स्तरीय चिकित्सालय में यह कार्क्रम आयोजित किया जा चुका है।

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इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम का संचालन डीपीसी अनीता सिंह द्वारा किया गया। प्रशिक्षण में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉक्टर संजय राय, ब्लॉक स्तरीय राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के मेडिकल ऑफिसर, एकीकृत बाल विकास सेवा विभाग से सीडीपीओ, आंगनबाड़ी सुपरवाइजर एवं राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के डॉ संतोष कुमार सिंह तथा जिला कार्यक्रम अधिकारी व मैनेजर उपस्थित रहेI।

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सफलता की कहानी, जयश्री प्रसाद की जुबानी

वाराणसी: आयुष्मान भारत योजना (प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना) के तहत, कई गरीब और कमजोर परिवारों को मुफ्त और कैशलेस इलाज मिल रहा है, जिससे उनकी जान बच रही है और वे बेहतर जीवन जी पा रहे हैं। आयुष्मान भारत कार्ड योजना के तहत स्वास्थ्य विभाग बुजुर्गों की बेहतर स्वास्थ्य सेवा के लिए लगातार प्रयास कर रहा है। इसकी जानकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ संदीप चौधरी ने दी।


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सीएमओ ने बताया कि पहाडपुर, वाराणसी निवासी 73 वर्षीय जयश्री प्रसाद ने सूर्योदय अस्पताल में उन्नत उपचार के लिए ओपीडी में दिखाया, जहाँ उन्हें आयुष्मान भारत योजना के रूप में बहुत सहायता मिली। इस योजना के तहत एक पात्र लाभार्थी होने के नाते, उन्होंने वहाँ अपना इलाज करवाया।  जयश्री अब पूरी तरह से ठीक हो गये हैं और अपने परिवार में आ गये हैं। योजना का लाभ उनके लिए एक बड़ा वरदान साबित हुआ, जिसके माध्यम से वह खुद को और अपने बच्चों के भविष्य को बचाने में सक्षम हुये। आयुष्मान भारत योजना के तहत इलाज पाकर जयश्री प्रसाद स्वस्थ हुये और परिवार भी खुश हुआ।

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आयुष्मान भारत योजना के नोडल अधिकारी डॉ एस एस कनौजिया ने बताया कि जयश्री प्रसाद  पिछले कुछ वर्षों से हृदय रोग से पीड़ित थे, जिसके कारण उन्हें स्वस्थ रहने के लिए उनके हृदय की जाँच की तुरंत आवश्यकता थी। 73 वर्षीय जयश्री प्रसाद 29 नवम्बर 2024 को सूर्योदय हॉस्पिटल, भोजूवीर में डाक्टर को ओपीडी में दिखाया था,  डाक्टर ने जयश्री प्रसाद को देखने के बाद आईसीयू में भर्ती करने का निर्णय लिया और उपचार शुरू किया। मरीज को एक सप्ताह से बुखार आ रहा था, खांसी के साथ-साथ बलगम,  हाई ग्रेड पैरेक्सिया और पेशाब करने में दिक्कत होती थी, बीपी बढ़ जाता था, साँस लेने में दिक्कत होती थी, दिल कि धड़कन बढ़ जाती थी, इलाज शुरू करने के एक हप्ते के बाद मरीज में काफी सुधार आया। यह मरीज 8 दिसम्बर को डिस्चार्ज हो गया|  जयश्री प्रसाद का इलाज आयुष्मान कार्ड से 96000 में किया गया।

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“जयश्री प्रसाद ने बताया कि मेरे दिल की बीमारी के कारण इस दर्द और पीड़ा के साथ, हर दिन मुझे एक साल जैसा लगता था। मैं अपने बच्चों के भविष्य के बारे में चिंतित था और सोच रहा था कि अगर मैं जीवित नहीं रहा तो उनका क्या होगा। सरकार की यह योजना हमारे जैसे लोगों के लिए एक बड़ा सहारा है और मैं बस यही चाहता हूँ कि अधिक से अधिक लोग अपने परिवार के स्वास्थ्य और धन को बचाने के लिए इस योजना का लाभ उठायें।" 

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Thursday, March 20, 2025

यूपी में वाराणसी ने एन्क्वास सर्टीफिकेशन में किया टॉप- सीएमओ

वाराणसी: प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र में सामुदायिक स्तर पर चिकित्सीय व स्वास्थ्य सुविधाओं का लगातार विस्तार और सुदृढ़ीकरण किया जा रहा है। आरोग्यं परमं धनम् को ध्याम में रखते हुए घर के नजदीक ही संचालित किए जा रहे आयुष्मान आरोग्य मंदिरों के माध्यम से समुदाय में बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं की पहुँच बढ़ाई जा रही है। हाल ही में भारत सरकार ने यूपी में एक साथ जनपद के चार शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों को नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस स्टेंडर्ड (एनक्वास) सर्टीफाइड किया है, इसके अलावा जनपद के चार और आयुष्मान आरोग्य मंदिरों (एचडब्ल्यूसी) को भी एनक्वास सर्टीफाइड किया है, जिसमें शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मडुआडीह, पांडेयपुर, टाउन हाल और दुर्गाकुंड तथा ब्लाक चिरईगांव से आयुष्मान आरोग्य मंदिर बराई, ब्लाक चोलापुर से सिंहपुर और अजगरा प्रथम तथा ब्लाक सेवापुरी से लालपुर शामिल हैं| इसकी जानकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ संदीप चौधरी ने दी.


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सीएमओ ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में वाराणसी ने प्रथम स्थान प्राप्त कर यूपी में टॉप किया है| जिसमें भारत सरकार ने यूपी में जनपद के एक साथ चार शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों  मडुआडीह, पांडेयपुर, टाउन हाल और दुर्गाकुंड को एनक्वास सर्टीफाइड किया है, जहाँ मडुआडीह और पांडेयपुर को 87 फीसदी, टाउन हाल को 85 फीसदी तथा दुर्गाकुंड को 82 फीसदी अंक प्राप्त हुये हैं| इसके अलावा चार और आयुष्मान आरोग्य मंदिरों को भी एन्क्वास सर्टीफिकेशन प्राप्त हुआ है, जिसमें बरई ने 93 फीसदी, सिंघपुर और अजगरा प्रथम ने 92 फीसदी तथा लालपुर ने 84 फीसदी अंक प्राप्त किए हैं|  इन्हें लेकर अब कुल 29 केन्द्रों को एन्क्वास प्रमाणपत्र मिल चुका है| उन्होंने इन केन्द्रों पर कार्यरत शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों के प्रभारी चिकित्सा अधिकारियों आयुष्मान आरोग्य मंदिर के सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों,  एएनएम, आशा संगिनी, समस्त आशा कार्यकताओं और ग्राम प्रधानों को बधाई दी। 

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कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ वाईबी पाठक ने बताया कि आयुष्मान आरोग्य मंदिरों को भारत सरकार की ओर से निर्धारित सात मानकों जैसे केयर इन प्रेग्नेंसी एंड चाइल्ड बर्थ, नियोनेटल एंड इंफेंट हेल्थ सर्विसेज़, चाइल्डहुड एंड एडोलसेंट हेल्थ सर्विसेज़, फैमिली प्लानिंग, मैनेजमेंट ऑफ कम्यूनिकेबल डिजीज, मैनेजमेंट ऑफ सिम्पल इलनेस इनक्लूडिंग माइनर एलीमेंट्स एवं मैनेजमेंट ऑफ नॉन कम्यूनिकेबल डिजीज़ पर बेहतर कार्य करने के लिए एनक्वास प्रमाणपत्र दिया जाता है।

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मंडलीय क्वालिटी एस्योरेंस कंसल्टेंट डॉ तनवीर सिद्दीकी ने बताया कि वर्तमान में 65 आयुष्मान आरोग्य मंदिर को एन्क्वास  के लिए सर्टीफिकेशन तैयार कर सक्षम पोर्टल पर डाटा और डिटेल अपलोड कर स्टेट लेवल तथा स्टेट लेवल से नेशनल लेवल पर भेज दिया गया है| इस क्रम में जनपद में अब 29  फैसिलिटी सर्टीफाइड हो चुकी हैं| 5 शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों तथा 36 आयुष्मान आरोग्य मंदिरों का असेसमेंट हो चुका है| जिसका रेजल्ट आना बाकी है.

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Tuesday, March 18, 2025

सीएमओ ने हेल्थकेयर कॉन्क्लेव लखनऊ में किया प्रतिभाग, बतायीं उपलब्धियां

वाराणसी: लखनऊ में आयोजित यूपी हेल्थकेयर कॉन्क्लेव 2025 में विशेषज्ञों द्वारा प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के तरीकों पर चर्चा की गई| हेल्थ कॉन्क्लेव का आयोजन द इकोनॉमिक टाइम्स द्वारा लखनऊ स्थित ताज महल में किया गया। इस कार्यक्रम का उदघाटन उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने किया| इस कार्यक्रम का मुख्य विषय हेल्थ केयर ट्रांसफारमेशन को बढ़ावा देना   इनोवेशन, एक्सेसिबिलिटी और सभी के लिए गुणवत्तापूर्ण देखभाल था| कॉन्क्लेव में कॉन्क्लेव नीति निर्माताओं, स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं, उद्योग जगत के नेताओं, नवोन्मेषकों और विचारकों को एक मंच प्रदान किया गया, जहाँ वे एक साथ आकर ज्ञान साझा किये  और एक स्वस्थ एवं  अधिक समतापूर्ण उत्तर प्रदेश के लिए समाधानों पर चर्चा की। इसकी जानकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ संदीप चौधरी ने दी.


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मुख्य अतिथि के रूप में उपमुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश ब्रजेश पाठक ने प्रदेश की स्वास्थ्य उपलब्धियों  पर प्रकाश डालते हुए कहा कि सरकार के प्रयासों से संस्थागत प्रसव बढ़े हैं और मातृ एवं शिशु मृत्यु-दर में कमी आई है। उन्होंने यह भी बताया कि आयुष्मान कार्ड बनाने में उत्तर प्रदेश ने देश में सर्वोच्च स्थान प्राप्त किया है। इस अवसर पर प्रमुख सचिव, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण व चिकित्सा शिक्षा श्री पार्थ सारथी सेन शर्मा ने कहा कि विगत वर्षों में स्वास्थ्य के क्षेत्र में व्यापक सुधार करते हुए गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्घ कराने में उप्र ने सफलता पाई है। उन्होंने विशेष संचारी रोग नियंत्रण एवं दस्तक अभियान की प्रशंसा करते हुए कहा कि वेक्टर जनित रोगों के प्रसार में व्यापक कमी आई है कॉन्क्लेव के अन्य सत्र में प्रतिभाग करते हुए मिशन निदेशक, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, उत्तर प्रदेश, डॉ. पिंकी जोवल ने प्रदेश में स्वास्थ्य के क्षेत्र में अपनाए जा रहे नवाचारों एवं विभाग की उपलब्धियों पर चर्चा की।

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कॉन्क्लेव में सीएमओ डॉ संदीप चौधरी ने यूपी में अग्रणी स्वास्थ्य सेवा समाधान विषय के अंतर्गत  वाराणसी में संचालित मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य के लिए वाराणसी मॉडल पर विशेष जानकारी दी| उन्होंने बताया कि जिले में  मातृ स्वास्थ्य सेवाओं में लगातार सुधार हुआ है जहाँ सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर वर्ष 2022-23 में 5074 प्रसव  हुये थे वहीँ सेवाओं में सुधार के फलस्वरूप वर्ष 2024-25 में 7905 प्रसव हुये हैं| आयुष्मान आरोग्य मंदिरों  (स्वास्थ्य उपकेन्द्र) में भी वर्ष 2022-23 में 6913 प्रसव  हुये थे वहीँ वर्ष 2024-25 में 8876 प्रसव हुये हैं| मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य को लगातार सुदृढ़ करने हेतु नवाचार के रूप में नवजात शिशु मृत्यु-दर को इकाई की संख्या में लाने के लिए मिशन संकल्प कार्यक्रम चलाया जा रहा है, इसके साथ ही मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य इकाई (एमएनसीयू) भी संचालित किए जा रहे हैं| जिले में ह्रदयाघात  परियोजना भी आईसीएमआर के सहयोग से संचालित की जा रही है, जिसके अंतर्गत 100 से अधिक ह्रदय रोगियों की जान बचाई जा चुकी है|.

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Wednesday, March 12, 2025

होली के त्यौहार को लेकर सीएमओ कार्यालय से जारी हुई हेल्थ एड्वाइजरी

वाराणसी: होली के त्यौहार के मद्देनजर स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से सतर्क हैं। चिकित्सकों और स्वास्थ्य कर्मियों के साथ ही सभी सरकारी अस्पतालों में आपातकालीन सेवाओं के लिए 24 घंटे अलर्ट रहने का निर्देश दिया गया है।



मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ संदीप चौधरी* ने कहा कि होली के पर्व पर दुर्घटना/मार्ग दुर्घटना की घटनाओं में बढ़ोत्तरी होने की संभावना के दृष्टिगत सभी आकस्मिक सेवायें सुव्यवस्थित एवं संचालित रखी जायें। साथ ही संबंधित चिकित्सा इकाई की इमरजेंसी में कुछ बेड अतिरिक्त रूप से आरक्षित रखे जायें। समस्त चिकित्सकों एवं पैरामेडिकल स्टॉफ को बिना अपरिहार्य कारणों के अवकाश स्वीकृत न किये जाएं। समस्त चिकित्सकीय इकाईयों पर क्रियाशील एबुलेंस की उपलब्धता समयान्तर्गत सुनिश्चित की जाए। चूंकि होली रंगों का पर्व है, जिसमें प्रायः कैमिकल वाले रंगों के उपयोग से नेत्र एवं त्वचा से संबंधित समस्यायें उत्पन्न होती हैं, अतएव समस्त इकाईयों पर नेत्र तथा त्वचा रोग से संबंधित औषधियों की पर्याप्त उपलब्धता तथा त्वचा एवं नेत्र रोग विशेषज्ञों की आन-काल उपलब्धता भी सुनिश्चित की जाए। जिला प्रशासन से समन्वय कर होली के त्योहार को स्वास्थ्य की दृष्टि से सुरक्षित रूप से मनाने के लिए समस्त यथाआवश्यक कदम उठायें जाएं।


सीएमओ ने बताया कि होली पर्व पर दुर्घटनाओं की आशंका अधिक रहती है लिहाजा आपातकालीन सेवा के लिए चिकित्सकों, स्टाफ नर्स और स्वास्थ्य कर्मियों की ड्यूटी अपने निर्धारित ड्रेस कोड के साथ एवं समयानुसार लगा दी गई है। सभी स्टाफ चिकित्सालय में उपस्थित रहकर चिकित्सीय कार्य करना सुनिश्चित करें| एंबुलेंस कर्मियों को भी सक्रिय रहने और समय से कॉल रिसीव करने का निर्देश दिया गया है। मण्डलीय चिकित्सालय, जिला चिकित्सालय व सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में बेड आरक्षित किये गये हैं। होली में केमिकल युक्त रंगों के प्रयोग से त्वचा झुलसने के साथ ही स्वांश व नेत्र रोग संबंधी मामलों की आशंका अधिक रहती है। इसे देखते हुए सभी स्वास्थ्य इकाइयों पर नेत्र रोग और त्वचा रोग संबंधी पर्याप्त औषधियों के साथ चिकित्सकों को भी सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं।
सीएमओं ने जनपदवासियों से अपील किया है कि वह होली पर केमिकल युक्त रंगों के प्रयोग से बचें। 


उन्होंने कहा कि होली में केमिकल युक्त रंगों का प्रयोग आप के लिए घातक हो सकता हैं। होली खेलने के लिए लोग जिन रंगों का अधिकांशतः प्रयोग करते है वह ऐसे रसायनों से तैयार किये जाते है जो लोगों के लिए बेहद ही हानिकारक होते हैं। होली पर जिन लोगों को इस तरह के रंग लगाये जाते है उन्हें त्वचा रोग होने का सर्वाधिक खतरा रहता हैं। अगर ये रंग आंखों में चले जाए तो इनसे आंखों को भी क्षति पहुंच सकती है। कई बार सांस के जरिये ये रंग फेफड़ों में भी जमा हो जाते है जिसके कारण वहां भी संक्रमण हो सकता है। इसलिए सभी को केमिकल युक्त रंगों से होली खेलने से बचना चाहिए। 


इस तरह बरतें सतर्कता- सीएमओ ने कहा कि केमिकल युक्त रंगों से बचाव का बेहतर तरीका है कि होली वाले रोज घर निकलने से पहले पूरे शरीर में तेल अवश्य लगाये। ऐसे कपड़े पहने जिससे शरीर का अधिकांश हिस्सा ढका रहे। इतना करने के बाद भी यदि किसी ने आपकों केमिकल युक्त रंग लगा दिया है और आपके शरीर के किसी हिस्से में जलन अथवा किसी भी तरह की परेशानी हो तो चिकित्सक से तत्काल परामर्श लेना चाहिए।

Monday, March 10, 2025

होली तक चिकित्सकों और कर्मचारियों के अवकाश निरस्त - सीएम योगी

लखनऊ: होली तक सरकारी अस्पतालों में कार्यरत चिकित्सक और कर्मचारियों के अवकाश निरस्त कर दिए गए हैं। हालांकि, अपरिहार्य स्थिति में अवकाश मान्य होगा। सभी अस्पताल प्रभारियों को निर्देश स्वास्थ्य महानिदेशालय से मिले हैं। जरूरी दवाओं के इंतजाम इमरजेंसी में रखने के निर्देश भी दिए गए हैं।



होली में आपात स्थिति से निपटने के लिए अस्पताल तैयार किए जा रहे हैं। साथ ही इमरजेंसी वार्ड में चिकित्सकों की ड्यूटी का रोस्टर तैयार करने के निर्देश मिले हैं। इसमें नेत्र रोग, आर्थोपैडिक, फिजिशियन व सर्जन की ड्यूटी तय हो रही है।


अन्य विशेषज्ञों की जरूरत होने पर उन्हें ऑन कॉल बुलाया जाएगा, ताकि मरीजों को इलाज मिल सके। सीएचसी के इमरजेंसी वार्ड में दवा व रुई-पट़्टी के इंतजाम दुरुस्त रखने के लिए कहा गया है। सीएमओ डॉ. एनबी सिंह ने बताया सीएचसी में चिकित्सकों की ड्यूटी तय करने के साथ दवाओं के इंतजाम किए गए हैं।

Saturday, March 08, 2025

चिकित्साधिकारियों, कर्मचारियों एवं एनजीओ के द्वारा 33 यूनिट ब्लड का किया डोनेशन

वाराणसी: अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर  पंडित दीनदयाल उपाध्याय राजकीय चिकित्सालय के चिकित्सा अधीक्षक डॉ ब्रिजेश कुमार ने बताया कि इस अवसर पर 35 महिलाओं के हीमोग्लोबिन की जाँच की गई है साथ ही अंतर्राष्ट्रीय  महिला दिवस के अवसर पर चिकित्सालय में आने वाली 55  महिलाओं के बीपी एवं शुगर की भी जांच की गई.


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इसके अलावा चिकित्सालय के सेमिनार हाल में सीपीआर कैसे दिया जाये? किसको एवं कब दिया जाये?  इस विषय पर विस्तृत रूप से सभी नर्सिंग स्टाफ के साथ-साथ एएनएम एवं जीएनएम के प्रशिक्षु अभ्यर्थियों को राजकीय चिकित्साधिकारी डॉ शिवशक्ति द्विवेदी द्वारा प्रशिक्षण दिया गया, जिससे नर्सिंग संवर्ग की समस्त महिलाएं लाभान्वित हुई। इस कार्यक्रम में लगभग 105 लोगों ने प्रशिक्षण प्राप्त किया। 

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उक्त अवसर पर चिकित्साधिकारियों, कर्मचारियों एवं एनजीओ के द्वारा 33 यूनिट ब्लड का भी डोनेशन रक्त केंद्र में किया गया। इस अवसर पर चिकित्सालय के चिकित्साधिकारियों, कर्मचारियों सहित भारी संख्या में एनजीओ के लोग उपस्थित रहे।

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बीएचयू के सहयोग से टीकाकरण को मिलेगी गति, अहम बैठक सम्पन्न

वाराणसी: बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के चिकित्सा विज्ञान संस्थान (आईएमएस) में निवारक और सामाजिक चिकित्सा (पीएसएम) विभाग के विभागाध्यक्ष और संकाय तथा जिला टीकाकरण कार्यालय, राज्य टीकाकरण कार्यालय, जेएसआई और यूएनडीपी अधिकारियों के साथ आज एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। चर्चा मुख्य रूप से स्वास्थ्य प्रबंधन सूचना प्रणाली (एचएमआईएस) और यूडब्ल्यूआईएन प्लेटफार्मों पर टीकाकरण डेटा की रिपोर्टिंग को मजबूत करने के साथ-साथ टीकाकरण के बाद प्रतिकूल घटनाओं (एईएफआई) और वैक्सीन-रोकथाम योग्य रोगों (वीपीडी) के मामलों के लिए रिपोर्टिंग तंत्र में सुधार पर केंद्रित थी। स्वास्थ्य विभाग और आईएमएस बीएचयू के साथ सभी पार्टनर एजेंसियों ने प्रतिभाग कर कुशल टीकाकरण, डेटा रिपोर्टिंग और प्रशिक्षण के मद्देनजर विशेष रणनीति पर चर्चा की.


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इसके अलावा, बीएचयू में नियमित टीकाकरण (आरआई) प्रशिक्षण के लिए एक समर्पित हब की स्थापना पर विस्तृत विचार-विमर्श किया गया। इस पहल का उद्देश्य स्वास्थ्य पेशेवरों की क्षमता निर्माण को बढ़ाना, बेहतर टीकाकरण कवरेज और डेटा सटीकता सुनिश्चित करना है। बैठक अत्यधिक प्रभावी एवं महत्वपूर्ण रही, जिसमें प्रमुख कार्य बिंदुओं पर स्वास्थ्य विभाग,   आईएमएस बीएचयू के साथ सभी पार्टनर एजेंसियों की आपसी सहमति बनी। अगले कुछ महीनों में सुव्यवस्थित प्रक्रियाओं को लागू किया जाएगा, जिससे जनपद स्तर पर टीकाकरण के मानकों को पूरा करेंगे जिससे गुणवत्तापूर्ण टीकाकरण को और मजबूती मिलेगी।

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इस बैठक में राज्य प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ अजय गुप्ता, एचओडी पीएसएम विभाग डॉ संगीता कंसल, जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ एके मौर्या, स्टेट लीड, जेएसआई, डॉ आशीष मौर्या, अर्बन आरआई प्रोग्राम स्पेशलिस्ट डॉ रीतेश, प्रोग्राम आफिसर जेएसआई डॉ रवि मोहन, यूएनडीपी से डॉ राहुल तथा संकाय के लोग उपस्थित रहे.

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Friday, March 07, 2025

जनपद के केंद्रों पर पिछले तीन महीने में 96,555 बच्चों का किया गया टीकाकरण

वाराणसी: शहरी क्षेत्र के बच्चों में टीकाकरण को गति देने के लिए शुक्रवार को पं. दीनदयाल उपाध्याय चिकित्सालय में राज्य प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ अजय गुप्ता की अध्यक्षता में कार्यशाला का आयोजन किया गया. इस अवसर पर बोलते हुये राज्य प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ अजय गुप्ता ने कहा कि शहरी क्षेत्रों में टीकाकरण को बढ़ाने के लिए प्रयास किए जाने की आवश्यकता है, इसके लिए सरकारी एवं गैर सरकारी संस्थाओं एवं पार्टनर एजेंसी को साथ मिलकर कार्य करने की आवश्यकता है. इसे सिटी टास्क फोर्स के साथ समन्वय तथा बीडबल्यूआर रिव्यु के माध्यम से बढ़ाया जा रहा है. इसके लिए शहरी क्षेत्र में जेएसआई संस्था द्वारा तकनीकी सहयोग दिया जा रहा है.


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जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ एके मौर्या ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग ने नियमित टीकाकरण की रफ्तार को और बढ़ा  दिया  है। वास्तव में शिशुओं और बच्चों को विभिन्न रोगों और बीमारियों से बचाने के लिए टीकाकरण जरूरी है। नियमित टीकाकरण को छोड़ना नवजात, शिशुओं और बच्चों के लिए जानलेवा हो सकता है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से जच्चा-बच्चा को नियमित टीकाकरण के तहत ग्यारह तरह के टीके लगाए जाते हैं। आउट रीच सत्रों पर बुधवार और शनिवार को नियमित टीके लगाए जाते हैं।

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जनपद के केंद्रों पर पिछले तीन महीने में 96555 बच्चों का टीकाकरण किया गया है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से जच्चा-बच्चा को नियमित टीकाकरण के तहत ग्यारह तरह के टीके लगाए जाते हैं। शहरी केन्द्रों में बारह जानलेवा बीमारियों से बचाने के लिए ग्यारह तरह के टीके लगाये जा रहे हैं इसमें पहला हेपेटाइटिस बी बर्थ डोज ( जन्म के 24 घंटे के अन्दर) बीसीजी जो टीबी से बचाव के लिए लगाया जाता है। दूसरा पोलियो शून्य डोज, चौथा पेंटा डोज लगाया जाता है। यह पांच तरीके के वायरस से बचाव करता है। इसमें काली खांसी, टिटनेस, गला घोटूं, निमोकोकल (दिमागी बुखार) का लगाया जाता है। पांचवां रोटा डायरिया से बचाव को लेकर लगाया जाता है। छठवां आइपीवी वैक्सीन पोलियो  होने से रोकता है। सातवां पीसीवी निमोनिया होने से बचाव करता है। आठवां एमआर जो मीजेल्स, रुबेला, छोटे चेचक से बचाव करता है। नौवां डीपीटी (डिप्थीरिय, पर्टुसिस, टिटनेस एवं हिब बी) गला घोटू, टिटनेस और काली खांसी से सुरक्षित रखता है। दसवां टीडी (टिटनेस डिप्थीरिया) जो गर्भवती महिलाओं किशोर-किशोरियां 16 वर्ष तक को लगाया जाता है।  

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इस अवसर पर शहरी  क्षेत्र के सभी एमओआईसी, आयुष्मान आरोग्य मंदिर के सभी सीएचओ जेएसआई संस्था के स्टेट टीम लीड डॉ आशीष मौर्या, स्टेट मैनेजर डॉ रीतेश, प्रोग्राम ऑफिसर डॉ रवि, दिल्ली आफिस से डॉ एलन, अर्बन कोऑर्डिनेटर मणिशंकर, डब्लूएचओ से डॉ चेल्सिया, डॉ सतरूपा सेन, रीजनल कोऑर्डिनेटर, प्रदीप विश्वकर्मा , यूनिसेफ से डॉ. शाहिद, अलोक राय, यूएनडीपी स्टेट से डॉ राहुल शर्मा, प्रोग्राम ऑफिसर  डॉ. आशुतोष मिश्रा, अरविन्द मिश्रा तथा  वीसीसीएम रीना वर्मा उपस्थित रहीं.

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दुनिया का सबसे सस्ता इलाज देने वाला देश भारत - आयुष मंत्री

वाराणसी: सरकार द्वारा आम जनमानस को उच्च गुणवत्ता वाली जेनरिक दवाइयां बाजार मूल्य से कम कीमत पर उपलब्ध करने के लिए प्रत्येक वर्ष 7 मार्च को देश भर में जन औषधि दिवस जन जागरूकता हेतु मनाया जाता है. इस क्रम में शुक्रवार को पं. दीनदयाल उपाध्याय राजकीय  चिकित्सालय में जनपद स्तरीय कार्यक्रम का आयोजन  आयुष मंत्री दयाशंकर मिश्र “दयालु” की उपस्थिति में आयोजित किया गया. इसका मुख्य उद्देश्य जनपद के सभी नागरिकों को गुणवत्तापरक जेनरिक औषधियों के प्रति जागरुकता और विश्वास पैदा करना है. सभी को उचित मूल्य पर गुणवत्तापूर्ण  जेनेरिक औषधियां उपलब्ध कराने के लिए प्रधानमंत्री जनऔषधि योजना प्रधानमंत्री द्वारा 1 जुलाई 2015 को घोषित की गई थी. इस वर्ष 7वें जन औषधि दिवस की थीम ‘जन औषधि – विरासत के साथ’ रखा गया है.


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इस अवसर पर आयुष मंत्री दयाशंकर मिश्र “दयालु” ने कहा कि दुनिया का सबसे सस्ता इलाज देने वाला देश भारत है. दाम कम, दवाई उत्तम के नारे को बुलंद करते हुये अधिक से अधिक  जन सामान्य के बीच जन औषधि मित्र बनाकर लोगों को जागरूक किया जाये. भारत सरकार समस्त जनों को सस्ती एवं सर्वसुलभ स्वास्थ्य सेवायें उपलब्द्ध करने के लिए कटिबद्ध है. प्रदेश के चिकित्सालयों में निःशुल्क चिकित्सकीय सेवायें उपलब्द्ध कराई जा रही हैं. इसके बाद भी यदि किसी भी व्यक्ति को कोई भी दवा खरीदना पड़े तो जन औषधि केन्द्रों के माध्यम से सस्ती व गुणवत्तापरक औषधियां मिले इसकी व्यवस्था की गई है.

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अपर निदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण डॉ नीता कुलश्रेष्ठ ने कहा कि  इस समय देश में 15,000 जन औषधि केंद्र संचालित हो रहे हैं. वहीँ वाराणसी में वर्तमान में लगभग 85 जन औषधि केंद्र चल रहे हैं| जन औषधि केन्द्रों की दवायें मार्केट रेट की ब्रांडेड दवाओं से लगभग 80 फीसदी सस्ती हैं| ये सभी दवायें नेशनल एक्रीडिटेशन बोर्ड फॉर टेस्टिंग एंड कैलिब्रेशन लेबोरेटरीज (एनएबीसीएल) द्वारा टेस्टेड हैं|  प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र के उत्पाद समूह में 300 सर्जिकल उपकरण और 2047 दवाएं शामिल हैं. 

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मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ ब्रिजेश कुमार ने बताया कि पिछले वर्षों की तरह, इस वर्ष भी 1 से 7 मार्च तक जनपद में विभिन्न स्वास्थ्य केन्द्रों पर कार्यक्रम किए गये हैं। इस अवसर पर डॉक्टर परामर्श सहित विभिन्न प्रकार के चिकित्सीय परीक्षण किए गये, ताकि स्वास्थ्य के महत्व और प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि योजना (पीएमबीजेपी) के बारे में जागरूकता फैलाई जा सके। इसके लिए सरकार द्वारा ‘जन औषधि स्टोर’ बनाए गए हैं, जहां जेनरिक दवाइयां उपलब्ध करायी जाती हैं. इस अवसर पर अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ एसएस कनौजिया, जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी हरिवंश यादव, जन औषधि केंद्र के प्रबंधक नवीन सिंह सहित अधिवक्तागण, चिकित्सक, नर्सिंग स्कूल की छात्राएं एवं  चिकित्सालय के कर्मचारी उपस्थित रहे.

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Thursday, March 06, 2025

वेक्टरजनित रोगों की रोकथाम हेतु सफाई कर्मियों का संवेदीकरण शुरू

वाराणसी: मुख्य विकास अधिकारी हिमांशु नागपाल के निर्देशन में स्वास्थ्य विभाग नित नई उचाईयों को छू रहा है| आगामी 1 अप्रैल से शुरू होने वाले विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान व दस्तक अभियान के मद्देनजर स्वास्थ्य विभाग और पंचायतीराज विभाग तैयारियों में जुट गये हैं| इस क्रम में मच्छरों के संचरण काल के दृष्टिगत ग्राम स्तर पर कीटनाशी दवाओं के छिड़काव, फागिंग व साफ-सफाई के अतिरिक्त संचारी रोगों से बचाव व रोकथाम हेतु सफाई कर्मियों का संवेदीकरण माइक्रोप्लान के अनुसार किया जा रहा है| जिससे संचारी रोगों पर नियंत्रण व बचाव किया जा सके| इसकी जानकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. संदीप चौधरी ने दी.



सीएमओ ने बताया कि गुरुवार को ब्लाक काशी विद्यापीठ, हरहुआ, चोलापुर और चिरईगांव के 599 सफाई कर्मियों का संवेदीकरण किया गया| साथ ही शुक्रवार को पिंडरा, बडागांव, सेवापुरी और अराजीलाइन के 648 सफाईकर्मियों का संवेदीकरण किया जायेगा. इस दौरान सफाईकर्मियों को संचारी रोगों से बचाव व रोकथाम हेतु रणनीति के बारे में विस्तृत रूप से बताया गया.


जिला मलेरिया अधिकारी (डीएमओ) शरत चंद पाण्डेय ने बताया कि प्रशिक्षण के दौरान सफाईकर्मियों को घरों का सर्वे कर डेंगू व अन्य वेक्टर जनित रोगों को लेकर क्षेत्र में कैसे निरोधात्मक कार्रवाई की जायेगी, इसके बारे में विस्तृत रूप से बताया गया। इसके अलावा प्रशिक्षण में उन्हें क्षेत्र में किए जाने वाले एंटीलार्वा छिड़काव, स्रोत विनष्टीकरण (जहां मच्छर पनपने की गुंजाईश हो उन स्रोतों को समाप्त करना), फॉगिंग के साथ बुखार से ग्रसित लोगों को लक्षण, जांच, निदान, उपचार के साथ बचाव के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई।

शहरी क्षेत्र के 81 प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों में आज लगेगी एचपीवी वैक्सीन

वाराणसी: राज्यपाल की प्रेरणा एवं जिला प्रशानन के दिशा-निर्देश में शुक्रवार को जनपद के शहरी क्षेत्र के 81 प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों में सर्वाइकल कैंसर हेतु 9 से 14 वर्ष की किशोरियों को जीवन रक्षक एचपीवी वैक्सीन लगाई जायेगी। 



इस हेतु सभी प्रधानाचार्यों को अवगत करा दिया गया है कि प्रत्येक 9 से 14 वर्ष की बच्चियों के अभिभावकों से वैक्सीन लगाये जाने हेतु सहमति पत्र एवं आधार कार्ड अवश्य प्राप्त कर लें| इसका माइक्रो प्लान बना लिया गया है तथा टीकाकरण कर्मियों की डयूटी लगा दी गई है| इसकी जानकारी *मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ संदीप चौधरी* ने दी।


जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ ए.के. मौर्या ने बताया कि सर्वाइकल कैंसर महिलाओं में प्रमुख स्वास्थ्य समस्या है, जिसे टीकाकरण से 90 प्रतिशत तक कम किया जा सकता है। यह टीका युवा अनस्टॉपेबल संस्था के सौजन्य से दो डोज़ में छह महीने के अंतराल पर लगाया जाएगा। 


यह वैक्सीन किशोरियों की 4 तरह के वायरस से सुरक्षा करती है| आने वाले दिनों में यह टीका 22 वर्ष तक की बच्चियों को भी लगाया जायेगा। एचपीवी टीकाकरण गर्भाशय ग्रीवा, योनि और वुल्वर कैंसर जैसे कैंसर से बचाव में काफी मददगार है। अभिभावकों से अपील है कि अपने बच्चियों को एचपीवी का टीका लगवाने में बढ़-चढ़ का हिस्सा लें, जिससे भविष्य में उन्हें होने वाली सर्वाइकल कैंसर जैसी घातक बीमारियों से बचाया जा सके.

Tuesday, March 04, 2025

अगर सरकारी अस्पताल में कतार से चाहते हैं बचना, तो “आभा” करेगा आपकी मदद

वाराणसी: जनपद में स्वास्थ्य सेवाओं को लगातार बेहतर बनाया जा रहा है। आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन का मुख्य उद्देश्य स्वास्थ्य से संबंधित सभी सेवाओं व मरीजों को एक प्लेटफॉर्म पर लाना है ताकि पारदर्शिता के साथ बेहतर इलाज हो सके। अगर आपको सरकारी अस्पताल में लाइन में लगने से बचना है तो डिजिटल होना पड़ेगा| यह सुविधा जिला अस्पताल के साथ-साथ सीएचसी स्तर पर भी उपलब्द्ध है| आपको आसानी से इलाज पाने के लिए आभा रजिस्ट्रेशन में अपना पूरा विवरण दर्ज करना होगा| आभा अकाउंट के तहत बैंक अकाउंट की तरह ही अब आम लोगों का एक हेल्थ आईडी बनाया जा रहा है। आभा कार्ड में 14 डिजिट का नंबर होता है। इस पर मेडिकल रिकॉर्ड और प्रिस्क्रिप्शन डिजिटली स्टोर हो जाता है। इसकी जानकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ संदीप चौधरी ने दी.


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सीएमओ ने बताया कि पोर्टल के अनुसार जनपद में 30.50 लाख आभा आईडी बनी हुई है| इस क्रम में 1378 अस्पताल, क्लीनिक, पैथोलॉजी सेंटर तथा डायग्नोस्टिक सेंटर पंजीकृत हैं| 2313 डाक्टरों ने स्वयं को रजिस्टर किया है| आभा आईडी बनने के बाद सारा रिकार्ड डिजिटल फार्म में उपलब्ध होगा जिसका एक आईडी और पासवर्ड रहेगा और वह उसी व्यक्ति के पास होगा। इससे  सरकारी स्वास्थ्य कार्यक्रमों से जुड़ सकते हैं। अधिकतर सरकारी अस्पतालों में बिना लाइन में लगे ओपीडी पर्ची भी बना सकते हैं। पूरे भारत में सत्यापित डाक्टरों, अस्पताल एवं स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं को आभा हेल्थ आईडी कार्ड देकर उनसे सभी मेडिकल रिकार्ड जैसे लैब रिपोर्ट, प्रिस्क्रिप्शन, अस्पताल के भर्ती एवं डिस्चार्ज के विवरण, एमआरआई रिपोर्ट मिल जायेगी।

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कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ पीयूष राय ने बताया कि अस्पताल में उपचार की पर्ची बनवाने के लिए अब आप को न तो लंबी कतार में खड़े होने की जरूरत है और न ही घंटों इंतजार की| इन सभी समस्याओं का समाधान कर दिया है 'आभा' ने, यदि आपने आभा आईडी बना रखी है तो अस्पताल के आभा काउंटर पर लगे क्यूआर कोड को सम्बन्धित मोबाइल से स्कैन करते ही मरीज को दिखाने की पर्ची बिना लाइन में लगे ही मिल जाएगी|  उन्होंने बताया कि दिखाने की पर्ची बनवाने के लिए पूर्व की व्यवस्था के साथ-साथ 'आभा' की पर्ची भी बनाई जा रही है.

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उन्होंने बताया कि आभा खाते में आप अपने परिवार के अन्य सदस्यों का भी विवरण जोड़ सकते हैं. ओपीडी की पर्ची प्राप्त करने के लिए आप को आभा काउंटर पर लगाए गए क्यूआर कोड को अपने फोन के एप के माध्यम से स्कैन करना होगा| इससे मरीज का विवरण अपने आप आभा काउंटर के कम्पूटर में आ जाएगा| इसके बाद एक टोकन नंबर मिलेगा. मरीज को काउंटर पर टोकन नंबर बताकर एक रुपये देकर पर्ची लेनी होगी. जिसके जरिए आप आसानी से अपना उपचार करा सकेंगे.

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Sunday, March 02, 2025

सलारपुर के शहरी आयुष्मान आरोग्य मंदिर में मरीज देख रहा चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी

वाराणसी: नगरीय आयुष्मान आरोग्य मंदिर सलारपुर में तैनात चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी ही मरीजों को देखकर दवा दे रहा है। तैनात स्टाफ नर्स अनुपस्थित है। नगरीय आयुष्मान आरोग्य मंदिर के नोडल डा०अमित सिंह का कहना है कि चतुर्थ श्रेणी कर्मी को साफसफाई के कार्य के लिए तैनात किया गया है। मरीज को दवा दे रहा है तो गलत है। दिखवा लेते हैं।


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आपको बता दें कि सलारपुर में पहले से ही स्वास्थ्य उपकेन्द्र भवन बना है। उसके बाद भी नगरीय आयुष्मान आरोग्य मंदिर सलारपुर का संचालन किराये के भवन में संचालित किया जा रहा है। यहीं नहीं यहां पर तैनात स्टाफ नर्स सपना सिंह की जगह शनिवार को पहुंचे मरीजों को वहां तैनात चतुर्थ श्रेणी कर्मी आलोक कन्नौजिया ही देखकर दवा दे रहा था। पूछने पर कहा कि जो जानता हूं। वह दवा दे देता हूं। स्टाफ नर्स के बारे में बताया कि वह अवकाश पर है।

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नोडल अधिकारी नगरीय आयुष्मान आरोग्य मंदिर डा० अमित सिंह से पूछा गया तो कहे कि चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी मरीज देखकर दवा नहीं दे सकता है। वह तो साफसफाई के लिए रखा गया है। स्टाफ नर्स अवकाश पर होगी।दिखवाते हैं। जब हमने सीएमओ को फोन मिलाया तो एडिशनल सीएमओ ने फोन उठाया। 

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उन्होंने कहा कि जांच करवायेंगे। रघुनाथपुर से दवा लेने पहुंचे मुरारी मौर्य और तुलसीदास का कहना है कि हम दो दिन से आ रहे हैं। यहां पर डाक्टर या स्टाफ नर्स कोई मिलता ही नहीं है। सलारपुर पार्षद हनुमान प्रसाद का कहना है कि यहां पर स्वास्थ्य उपकेन्द्र बना है उस पर ताला बंद है। स्वास्थ्य विभाग उसके बाद भी किराये पर नगरीय आयुष्मान आरोग्य मंदिर संचालित करा रहा है। इस बात को नगर निगम सदन की बैठक में उठाऊंगा।

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Thursday, February 27, 2025

पिछले एक साल से सिजेरियन प्रसव में वाराणसी प्रदेश में अव्वल

वाराणसी: जनपद में प्रसव संबंधी सुविधाओं को लेकर जिला अस्पताल के साथ-साथ सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर भी स्वास्थ्य सुविधाएं लगातार बढ़ाई जा रही हैं। इस क्रम में सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर सामान्य प्रसव के साथ ही सिजेरियन प्रसव भी सुचारू रूप से किए जा रहे हैं। पिछले महीने में सिजेरियन प्रसव में वाराणसी प्रथम स्थान पर था। जिले में सबसे बेहतर प्रदर्शन सिजेरियन डिलीवरी में देखने को मिला है। जिसमें वाराणसी पिछले एक साल से प्रदेश में पहले  स्थान पर चल रहा है। इसकी जानकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ संदीप चौधरी ने दी|


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सीएमओ ने बताया कि ब्लाक काशीविद्यापीठ और चोलापुर लगातार तीन माह से यूपी हेल्थ डैशबोर्ड रैंकिंग में प्रथम स्थान पर रहे। कार्यक्रम को गति देने के लिए राजकीय स्वास्थ्य इकाइयों पर होने वाले संस्थागत प्रसवों से सम्बन्धित सभी सूचनाओं को डिलीवरी रजिस्टर एवं मंत्रा एप के माध्यम से संकलित किया जा रहा है। उक्त के क्रम में प्रसवगत सुविधाओं यथा लाभार्थी प्रसूता महिला का आधार प्रमाणीकरण, नवजात के जन्म पंजीकरण हेतु सूचना भेजने  एवं जेएसवाई भुगतान हेतु ऑनलाइन भुगतान प्रक्रिया आदि सुविधाएं लागू की जा रही हैं।

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उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी (आरसीएच) एवं कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ एचसी मौर्या ने  बताया कि संस्थागत प्रसव में बड़ागांव, चोलापुर, हरहुआ, काशी विद्यापीठ का प्रदर्शन अच्छा रहा है। हमारा अनुमानित वार्षिक लक्ष्य जननी सुरक्षा योजना हेतु 40,801 है, इस वित्तीय वर्ष अप्रैल से जनवरी 2025 तक के कुल लक्ष्य 34000 के सापेक्ष 34,393 प्रसव सरकारी चिकित्सालयों में कराये गये हैं| जोकि कुल प्रसव का 101.15 फीसदी है| प्रसव बढ़ाने हेतु मेडिकल कालेज, जिला अस्पताल से लेकर उपकेन्द्र तक इस कार्य में तन्मयता के साथ में लगे हुये हैं| आने वाले समय में प्रत्येक उपकेन्द्र स्तर पर सामान्य प्रसव की सुविधा लाभार्थियों के लिए निःशुल्क उपलब्द्ध हो जायेगी|

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डॉ मौर्या ने बताया कि प्रसव सुविधा वाले सभी राजकीय स्वास्थ्य इकाइयों पर मंत्रा एप लागू है। नवीन प्रक्रिया के अन्तर्गत लेबर रूम में कार्यरत सभी स्टाफनर्स,एएनएम को मंत्रा एप पर कार्य करने हेतु आईडी के स्थान पर मानव संपदा कोड उपयोग करना होगा एवं एसएमएस के माध्यम से सम्बन्धित के मोबाइल नम्बर पर पासवर्ड और पिन प्राप्त हो जायेगा। यह सुनिश्चित किया गया है कि समुदाय स्तर पर संचालित ई-कवच एप्लीकेशन के माध्यम से सभी गर्भवती महिलाओं को ससमय गर्भवती मार्क कर दिया जा रहा है। प्रसव हेतु राजकीय चिकित्सा इकाई में भर्ती व पंजीकरण प्रक्रिया के दौरान गर्भवती महिला को मंत्रा एप पर ई-कवच आईडी, आभा आईडी, मोबाइल नम्बर के आधार पर सर्च कर भर्ती व पंजीकृत किया जा रहा है। 

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इस प्रकार भर्ती  व पंजीकृत किये जाने से डिस्चार्ज के उपरान्त महिला की सभी सूचनाएं ई-कवच एप्लीकेशन में सिंक हो जाएंगी। ई-कवच एप्लीकेशन में सिंक सूचनाओं का उपयोग सम्बन्धित का हेल्थ रिकॉर्ड बनाने एवं पीएनसी, एचबीएनसी आदि स्वास्थ्य सुविधाएं समुदाय स्तर पर उपलब्ध कराने में किया जा रहा है। सम्बन्धित स्टाफनर्स, एएनएम द्वारा भर्ती,पंजीकृत गर्भवती तथा प्रसूता महिला का बैंक विवरण आधार नम्बर के माध्यम से आधार प्रमाणीकरण किया जा रहा है। आधार प्रमाणीकरण सम्बन्धित महिला के आधार से सम्बद्ध मोबाइल नम्बर पर ओटीपी प्राप्त कर, बायोमैट्रिक अथवा डेमोग्राफिक ऑथ (नाम, जन्मतिथि, लिंग) के अनुसार पूर्ण किया जा रहा है।

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Thursday, February 20, 2025

ब्लाक स्तरीय राइज इ-लर्निंग एप का प्रशिक्षण प्रारम्भ

वाराणसी: स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग एवं राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) द्वारा टीकाकरण कार्यक्रम को सुदृढ बनाने एवं टीकाकरण कौशल में वृद्धि हेतु राइज (रैपिड इम्यूनाइजेशन स्किल इनहैंसमेंट) इ-लर्निंग प्लेटफार्म विकसित किया गया है। जिसमें जेएसआई संस्था द्वारा सहयोग किया जा रहा है| इस इ-लर्निंग एप का उद्देश्य स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को टीकाकरण कार्यक्रम के कुशल संचालन हेतु  उनके ज्ञान एवं कौशल में वृद्धि करना है| ब्लाक बडागांव एवं पिंडरा में यह प्रशिक्षण दिया जा चुका है, तथा  गुरुवार को ब्लाक चोलापुर, हरहुआ एवं अराजीलाइन में ब्लाक स्तरीय प्रशिक्षण जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ एके मौर्या, चिकित्सा अधीक्षक डॉ आरबी यादव, डॉ नवीन सिंह, प्रभारी चिकित्सा अधिकारी  डॉ संतोष कुमार एवं एचइओ शिखा श्रीवास्तव, सतीश गुप्ता एवं मनोज कुमार  के द्वारा प्रदान किया गया| इसकी जानकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ संदीप चौधरी ने दी.



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इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ संदीप चौधरी ने बताया कि इस प्रशिक्षण को गंभीरता से लेते हुये ब्लाक स्तरीय समस्त टीका कर्मियों को प्रशिक्षित किया जा रहा है|  जिसमें एएनएम, सीएचओ स्टाफ नर्स एवं महिला पर्यवेक्षकों (एलएचवी) को सम्मिलित किया गया है| राइज इ-लर्निंग एप टीकाकरण कर्मियों को उनके ज्ञान एवं कौशल में वृद्धि के साथ-साथ टीकाकरण में गुणवत्ता प्रदान करेगा.

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जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ एके मौर्या ने बताया कि प्रशिक्षण में टीकाकरण के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा करते हुए राइस इ-लर्निंग प्लेटफार्म किस तरह से कार्य करता है, इसमें शामिल मॉड्यूल किस तरह से स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को टीकाकरण कौशल में वृद्धि हेतु तकनीकी जानकारी प्रदान करता है, इसके बारे में विस्तृत रूप से बताया गया| प्रशिक्षकों ने बताया कि राइस इ-लर्निंग प्लेटफार्म  में कुल पांच माड्यूल हैं। प्रशिक्षणार्थी को सभी 5 मॉड्यूल को पूर्ण करना जरूरी है। एक मॉड्यूल को पूरा करने के 15 दिन बाद दूसरा मॉड्यूल शुरू होगा। इस तरह 5 मॉड्यूल 75 दिन के अंदर पूर्ण होगा। प्रशिक्षण के उपरांत इस एप को 1 मार्च से लाइव कर दिया जायेगा।

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प्रशिक्षण में अधीक्षक डॉ आरबी यादव, डॉ नवीन सिंह, प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ संतोष कुमार एवं  स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी शिखा श्रीवास्तव, सतीश गुप्ता, मनोज कुमार, एएनएम, सीएचओ, स्टाफ नर्स एवं महिला पर्यवेक्षक (एलएचवी) सहित संबंधित कर्मचारी उपस्थित रहे.

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Wednesday, February 19, 2025

संकल्प प्रोजेक्ट के तहत चोलापुर, चिरईगांव, पिंडरा तथा शहरी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सारनाथ को किया गया है शामिल

वाराणसी: नवजात शिशु मृत्यु-दर को एकल अंक तक लाने के लक्ष्य के साथ, जनपद को संकल्प प्रोजेक्ट के अंतर्गत एक मॉडल के रूप में विकसित करने के लिए भारतीय चिकित्सा अनुसन्धान परिषद् (आईसीएमआर), भारत सरकार और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा चयनित किया गया है। इस अभियान में स्वास्थ्य विभाग के साथ-साथ बीएचयू के विशेषज्ञ और कम्युनिटी एम्पॉवरमेंट लैब (सीईएल) संस्था सहयोग कर रही है। इस क्रम में सरकारी एवं निजी स्वास्थ्य सुविधाओं, बाल विकास विभाग, प्रमुख हितधारकों, और अन्य संस्थानों को शामिल करते हुए, नवजात शिशु मृत्यु-दर को कम करने के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। इसकी जानकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ संदीप चौधरी ने दी।


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उन्होंने बताया कि वर्तमान में यह अनुसंधान जनपद के चार विकास खंडों—चोलापुर, चिरईगांव, पिंडरा तथा शहरी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सारनाथ में संकल्प प्रोजेक्ट के तहत किया जा रहा है। इस क्रम में ब्लाक  चोलापुर  के अंतर्गत सभी सीएचसी तथा पीएचसी  के सभी मेडिकल एवं पैरा मेडिकल स्टाफ तथा सभी आयुष्मान आरोग्य मंदिर के 21 सीएचओ तथा 110 आशा कार्यकर्ताओं को सामान्य प्रसव के समय स्वांश नली के प्रबंधन के लिए प्रशिक्षित किया जा चुका है| स्वास्थ्य केंद्र  में  एक जनवरी से लेकर अब तक 142 सामान्य प्रसव हुये हैं| जिसमें 49 प्रसव सीईएल संस्था की तकनीकी टीम की देखरेख में हुये हैं.

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उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी एवं कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ एचसी मौर्या ने बताया कि इस अभियान में नवजात शिशु जन्म एवं मृत्यु का पूर्ण आकलन करना, जन्म के पश्चात मृत्यु को कम करने के लिए ‘सामान्य प्रसव’ की पहल करना (प्राकृतिक प्रसव को प्रोत्साहित करना), नवजात शिशुओं के जीवन को बचाने के लिए सेवा प्रदाताओं की क्षमता में वृद्धि करना तथा गर्भावस्था से लेकर नवजात शिशु स्वास्थ्य के समस्त पहलुओं पर सामुदायिक सहभागिता और सशक्तीकरण पर कार्य किया जा रहा है.

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डॉ. मौर्या ने बताया कि समस्त सुविधा प्रदाताओं के आपसी समन्वय के लिए संवेदीकरण  कार्यशालाओं का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें गर्भावस्था से नवजात शिशु तक बेहतर स्वास्थ्य की निगरानी के लिए संकल्प हेल्पलाइन नंबर 0522-3517566, 8810757266 भी जारी किया गया है| इस नंबर पर कोई भी व्यक्ति आवश्यकतानुसार सहायता प्राप्त कर सकते हैं| बीमार शिशुओं की सुविधाओं के लिए  सिक न्यू बोर्न केयर यूनिट (एसएनसीयू)  एवं  न्यू बोर्न स्टेबिलाइजेशन यूनिट (एनबीएसयू) का सुदृढ़ीकरण किया जा रहा है।

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Friday, February 14, 2025

स्वास्थ्य विभाग की अनूठी पहल, तीसरी आँख से रखी जा रही है नजर

वाराणसी: स्वास्थ्य विभाग के द्वारा चिकित्सीय सेवाओं में लगातार नवीन पहल किये  जा रहे हैं, इसके तहत  चिकित्सीय  व्यवस्था सुदृढ़ करने के उद्देश्य से सीएमओ आफिस में  कंट्रोल रूम बनाकर सभी सीएचसी, पीएचसी पर नजर रखी जा रही है| चिकित्सालयों के रजिस्ट्रेशन काउंटर, ओपीडी, वार्ड, एमएनसीयू, पैथोलॉजी तथा  दवा वितरण काउंटर एवं अन्य कक्षों के साथ-साथ चिकित्सालय परिसर व प्रवेश मार्ग  पर सीसीटीवी कैमरा लगाकर उन्हें मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय  के कंट्रोल रूम से जोड़ दिया गया है, जिससे कि अस्पतालों की  हर एक गतिविधि पर बारीकी से नजर रखी जा सके, इसकी जानकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ संदीप चौधरी द्वारा दी गई| 


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सीएमओ ने बताया कि सभी 29 शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, 5 शहरी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, 9 ग्रामीण सामुदायिक केंद्र तथा 5 ब्लाक सामुदायिक केन्द्रों में सीसीटीवी कैमरे लगा दिए गये हैं| इस तरह चिकित्सालयों में दी जा रही चिकित्सीय सेवाओं की निगरानी सीएमओ आफिस की तीसरी आंख से की जा रही है| जहाँ इस पहल से ओपीडी, एमएनसीयू वार्ड में   भर्ती जच्चा बच्चा के साथ-साथ अन्य वार्डों में भर्ती मरीजों की निगरानी की जा रही है वहीँ  चिकित्सकों, कर्मचारियों की समय पर उपस्थिति सुनिश्चित की जा रही है|  इसी प्रकार जिले में संचालित सभी आयुष्मान आरोग्य मंदिरों (स्वास्थ्य उपकेन्द्रों) में भी 4-4 सीसीटीवी कैमरे लगाये गये हैं, जिनकी निगरानी उनके ब्लाक मुख्यालय के पीएचसी सीएचसी से की जा रही है| इस कार्य के लिए ब्लाक स्तर पर कार्यरत सहायक शोध अधिकारियों को जिम्मेदारी दी गई है.

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मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में बनाये गये कंट्रोल रूम को 24 घंटे सातों दिन संचालित किया जा रहा है, जिसमें अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारियों, अपर शोध अधिकारियों एवं अन्य कर्मियों की डयूटी लगायी गई है| सीएमओ के द्वारा भी प्रतिदिन कंट्रोल रूम का निरीक्षण किया जा रहा है, जैसे ही जनपद के किसी भी सीएचसी पीएचसी पर कैमरे में कोई ऐसी चीज नजर आती है जो चिकित्सीय मानकों के विपरीत पाई जाती है तो उसका तत्काल निस्तारण हेतु चिकित्सा अधीक्षकों को निर्देशित किया जाता है जिसे तत्समय ही सुधार कर व्यवस्थित कर दिया जाता है| सीएमओ आफिस कंट्रोल रूम में अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ एके मौर्या, डॉ राजेश प्रसाद, डॉ एसएस कनौजिया, अपर शोध अधिकारी एसपी शुक्ला, अरुण श्रीवास्तव एवं अन्य कर्मियों के द्वारा मानीटरिंग की जा रही है.

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Tuesday, February 04, 2025

कैंसर के बढ़ते जोखिमों को लेकर स्वास्थ्य विभाग अलर्ट – सीएमओ

वाराणसी: दुनियाभर में कैंसर के बढ़ते जोखिमों के बारे में जागरूकता बढ़ाने और इसकी रोकथाम, पहचान और उपचार को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से प्रत्येक वर्ष 4 फरवरी को विश्व कैंसर दिवस मनाया जाता है। इस वर्ष विश्व कैंसर दिवस का आयोजन "United by Unique” थीम पर किया गया है। इस क्रम में मंगलवार को जनपद के सभी शहरी एवं ग्रामीण सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों तथा आयुष्मान आरोग्य मंदिरों में जन-जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए गये तथा स्क्रीनिंग की गई। इसकी जानकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ संदीप चौधरी ने दी।


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उन्होंने बताया कि तेजी से बढ़ते शहरीकरण, गतिहीन और सुस्त जीवनशैली के साथ-साथ खराब खान-पान के कारण, कैंसर बड़े पैमाने पर बुजुर्गों के अलावा अन्य आयु वर्ग वालों को भी अपना शिकार बना रहा है। इसलिए सतर्क रहें| घर का बना ताजा खाना खायें साथ ही फल, मौसमी सब्जियां, साबूत अनाज को प्राथमिकता दें, यह शरीर की बीमारियों से लड़ने की क्षमता (रोग प्रतिरोधक क्षमता) को मजबूत करता है और कैंसर के खतरे को कम करता है। रोजाना कम से कम 30 मिनट व्यायाम जरुर करें। यह वजन को नियंत्रित रखता है और कैंसर के खतरे को कम करता है। तंबाकू और शराब का सेवन पूरी तरह बंद कर दें। यह कैंसर से बचाव का सबसे असरदार तरीका है। प्रदूषण वाले क्षेत्रों जैसे धूल और  धुंआ वाले क्षेत्रों में मास्क अवश्य पहनें। नियमित हेल्थ चेकअप और कैंसर स्क्रीनिंग करवायें। युवाओं को कैंसर के खतरों और बचाव के तरीकों के बारे में जागरूक किया गया और उन्हें हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाने के लिए प्रेरित भी किया गया। समय पर पता चलने पर कैंसर का इलाज आसान हो जाता है।

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उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी एवं कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ वाईबी पाठक ने बताया कि इस अवसर पर जन-जागरूकता के साथ ग्रामीण स्वास्थ्य केन्द्रों पर अब तक इ-कवच पोर्टल पर डाटा के अनुसार ओरल कैंसर में 54 तथा शहरी स्वास्थ्य केन्द्रों में 15 स्क्रीनिंग, ब्रेस्ट कैंसर में 33 तथा सर्वाइकल कैंसर में 33 स्क्रीनिंग  की गई है। उन्होंने बताया कि तम्बाकू और धूम्रपान की आदत देश में कैंसर के लगभग 40 फीसदी मामलों का प्रमुख कारण है। गड़बड़ जीवनशैली, पर्यावरण की समस्याएं और अब भी लोगों में रोग को लेकर जागरूकता की कमी के कारण भारत में पांच में से एक पुरुष और आठ में से एक महिला को कैंसर होने का खतरा है। अगर सिर्फ तंबाकू उत्पादों से ही दूरी बना ली जाये तो कैंसर के खतरे को काफी हद तक कम किया जा सकता है। तंबाकू का सेवन किसी भी रूप में खतरनाक है। 

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देश में बड़ी संख्या में युवा आबादी तंबाकू का सेवन करती है, आमतौर पर तंबाकू और धूम्रपान को मुंह और फेफड़ों में होने वाले कैंसर के लिए ही जिम्मेदार माना जाता रहा है, पर ये आदत शरीर के अन्य अंगों में भी कैंसर बढ़ा सकती है। फेफड़ों में कैंसर के अलावा तंबाकू उत्पादों के कारण मुंह, गले, मूत्राशय, लीवर, किडनी, पेट और अग्नाशय के अलावा महिलाओं में बढ़ते सर्वाइकल कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।

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आचार्य सत्येंद्र दास का कुशलक्षेम जानने पीजीआई पहुंचे सीएम योगी

लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार शाम एसजीपीजीआई पहुंचकर आचार्य सत्येंद्र दास का कुशलक्षेम जाना। श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास को रविवार को पक्षघात (स्ट्रोक) के चलते पहले अयोध्या के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां से उन्हें चिकित्सकों ने एसजीपीजीआई के लिए रेफर कर दिया।


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एसजीपीजीआई अस्पताल प्रशासन द्वारा जारी हेल्थ बुलेटिन के अनुसार वे मधुमेह और उच्च रक्तचाप जैसी गंभीर बीमारियों से भी ग्रस्त हैं। फिलहाल उन्हें न्यूरोलॉजी आईसीयू में रखा गया है और डॉक्टरों की गहन निगरानी में उनका इलाज जारी है। मंगलवार शाम को प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ स्वयं अस्पताल पहुंचे और आचार्य सत्येंद्र दास के स्वास्थ्य की जानकारी ली। उन्होंने डॉक्टरों से इलाज की प्रगति पर चर्चा की और आवश्यक दिशानिर्देश दिए।

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चिकित्सकों के अनुसार आचार्य जी की हालत गंभीर बनी हुई है, लेकिन फिलहाल उनकी स्थिति स्थिर है। उनकी उम्र और अन्य बीमारियों को देखते हुए डॉक्टर विशेष सावधानी बरत रहे हैं। मुख्यमंत्री ने उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की है। सीएम योगी इसके बाद लिवर ट्रांसप्लांट यूनिट में भर्ती गोरखपुर के पीपीगंज निवासी महेंद्र मिश्र से भी मुलाकात कर उनका हाल जाना।

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