वाराणसी: पूर्वांचल के अन्य जिलों के युवाओं का नाम साइबर ठगी में पहले कभी-कभार ही आता था। मगर, अब पैटर्न बदल रहा है। अब साइबर क्राइम थाने की पुलिस की कार्रवाई के बाद पता लगता है कि साइबर ठगी करने वाला सरगना दिल्ली, पंजाब या हरियाणा या किसी अन्य दूर स्थान का है। मगर, उसका सहयोगी वाराणसी या उसके आसपास के जिले का रहने वाला है।
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पंजाब के संगरूर का हैप्पी सिंह 34 लाख की साइबर ठगी के आरोप में गत 11 मार्च को रेंज रोवर के साथ साइबर क्राइम थाने की पुलिस के द्वारा गिरफ्तार किया गया। उसका सहयोगी चांदपुर क्षेत्र की विकास नगर कॉलोनी का सौरभ कुमार पटेल था। कुछ इसी तरह से पूर्वांचल के युवा दिल्ली, पंजाब और हरियाणा में बैठे साइबर ठगों के हैंडलर के तौर पर काम कर रहे हैं। इसकी गवाही एक जनवरी 2024 से अब तक वाराणसी और इसके आसपास के जिलों से 16 युवाओं की गिरफ्तारी देती है।
खास बात यह है कि इनमें से किसी के हाथ तगड़ी रकम भी नहीं लगी है।पंजाब के हैप्पी सिंह और सौरभ कुमार पटेल की गिरफ्तारी से पहले भगवानपुर का राजेश कुमार पटेल ऑनलाइन बेटिंग / गेमिंग वेबसाइट पर निवेश कराने और भारी रिटर्न दिलाने के नाम पर ठगी के आरोप में अपने सरगना के साथ पकड़ा गया था।
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दो तरह से साइबर ठग करते हैं संपर्क
हाल के दिनों में 22 मार्च को सट्टा और ऑनलाइन गेमिंग के नाम पर ठगी के आरोप में आजमगढ़ की पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए आरोपियों में दानगंज इलाके के कपिसा का अजय यादव और मुरेरी का शुभम यादव भी शामिल था।
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साइबर क्राइम थाने के विशेषज्ञों के अनुसार, अब तक की गई गिरफ्तारी के आधार पर यह सामने आया है कि साइबर ठग वाराणसी और उसके आसपास के जिलों के युवाओं से दो तरह से संपर्क करते हैं। पहला तरीका यह होता है कि गंगा घाटों पर घूमने-फिरने के दौरान साइबर ठग बातचीत का सिलसिला बढ़ा कर ऑनलाइन अच्छे काम का झांसा देते हैं। उनके झांसे में आने वाले जब तक यह समझ पाते हैं कि वह क्या कर रहे हैं, तब तक वह साइबर क्राइम का एक हिस्सा बन चुके होते हैं।
दूसरा तरीका यह है कि टेलीग्राम जैसे एप और सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर संपर्क कर साइबर ठग पूर्वांचल के युवाओं को कम समय में तगड़े मुनाफे का लालच देकर अपने साथ जोड़ रहे हैं।
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