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Friday, April 18, 2025

तो क्या यह वाराणसी में लड़की से सामूहिक बलात्कार का मामला नहीं बल्कि जबरन वसूली का मामला था? जांच के लिए एसआईटी गठित

वाराणसी: देश में चर्चित हुए वाराणसी सामूहिक दुष्कर्म मामले ने गुरुवार को नया मोड़ ले लिया। एक युवती द्वारा 23 लोगों पर नशीला पदार्थ खिलाकर 6 दिन तक सामूहिक दुष्कर्म करने का मुकदमा लालपुर पांडेपुर थाने में दर्ज कराया गया था। इस मामले ने देश भर में खूब सुर्खियां बटोरी थीं। सभी प्रमुख विपक्षी दलों ने इस खबर की आड़ में जमकर योगी सरकार पर निशाना भी साधा था, लेकिन आज गिरफ्तार किए गए युवकों के परिजनों ने युवती के आरोपों के खिलाफ पुलिस कमिश्नर के सामने सबूतों की झड़ी लगा दी। इन सबूतों के सामने आने के बाद अब पुलिस कमिश्नर ने तीन आईपीएस और दो पीपीएस अधिकारियों की एसआईटी गठित कर 30 दिनों के भीतर रिपोर्ट देने की बात कही है।



पुलिस कमिश्नर को परिजनों ने दिखाए सबूत

गुरुवार सुबह से सामूहिक दुष्कर्म मामले में गिरफ्तार किए हुए कुल 14 लोगों के परिजन कचहरी स्थित पुलिस कमिश्नर ऑफिस पहुंचे। इनके पास तस्वीर और कई सीसीटीवी फुटेज थे। परिजनों ने एफआईआर में दर्ज घटना क्रम की दी गई जगह और टाइम लाइन के हिसाब से कई वीडियो और फोटो कमिश्नर के साथ साझा किए। कमिश्नर मोहित अग्रवाल ने कई बिंदुओं पर मीडिया को बताया और टाइम लाइन के हिसाब से पीड़िता के बयान और साक्ष्यों के बीच विरोधाभास के बारे में विस्तार से जानकारी दी।


इंस्टाग्राम चैट से मिली जानकारी

वाराणसी पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल ने बताया कि एफआईआर में दर्ज पहले आरोपी रवि विश्वकर्मा के इंस्टाग्राम चैट से खुलासा हुआ है कि 29 मार्च को युवती ने खुद रवि विश्वकर्मा को मैसेज किया था और खुद उससे मिलने गई थी, न कि अचानक युवक से पीड़िता की मुलाकात हुई थी।

जिस पर लगाया आरोप तीन दिन बाद उसी के साथ घूम रही थी पीड़िता

पीड़िता ने जिस दानिश पर दुष्कर्म का आरोप लगाया। उसके साथ पीड़िता तीन दिन के बाद फिर से सीसीटीवी में साथ घूमते दिखाई पड़ी। इतना ही नहीं जिस-जिस जगह पर युवती ने दुष्कर्म का आरोप लगाया है, उसके बेहद करीब में पुलिस चौकी मौजूद है। ऐसे में युवती ने चौकी पर पहुंच कर अपनी पीड़ा क्यों नहीं बताई? युवती ने अस्सी घाट का जिक्र किया। अस्सी घाट पर जिस स्थान पर छोड़े जाने का जिक्र किया वहां भी चौकी है, युवती को तत्काल वहां अपनी बात कहनी चहिए थी। अब तक जितने भी सीसीटीवी में पीड़िता दिख रही है, सभी में बेहद सामान्य स्थिति में वो दिखाई पड़ रही है।


29 से गायब थी युवती 4 को दर्ज कराई शिकायत

पूरे मामले पर बोलते हुए मोहित अग्रवाल ने कहा कि पीड़िता के मां-बाप ने 4 अप्रैल को शिकायत दी थी। जिसके बाद पुलिस ने युवती को उसकी ही सहेली के घर से बरामद कर परिजनों को सौंपा। इसके बाद परिजनों ने 6 अप्रैल को रेप का मुकदमा दर्ज कराया। पुलिस इस एंगल से भी जांच कर रही है कि आखिर 29 मार्च के बाद ही तत्काल उसके मां-बाप ने एफआईआर क्यों नहीं दर्ज कराई?

मेडकिल रिपोर्ट में किसी तरह के टॉक्सिक लक्षण नहीं

पीड़िता ने लिखित एफआईआर में नशा देकर दुष्कर्म की बात कही। दुष्कर्म का मामला दर्ज होने के बाद युवती का मेडिकल परीक्षण कराया गया। सूत्रों के अनुसार मेडिकल रिपोर्ट में कहीं भी युवती के शरीर के अंदर किसी तरह के कोई टॉक्सिक लक्षण यानी नशीला पदार्थ नहीं मिला।

पुलिस कमिश्नर ने भी कही धन उगाही नहीं होने देंगे

परिजनों के अनुसार, युवती ने अपने शुरुआती बयान में कुल 12 नामजद और 11 अज्ञात पर दुष्कर्म का आरोप लगाया था, लेकिन जब युवती का बयान 164 के अंदर मजिस्ट्रेट के सामने दर्ज कराया तो उसने एफआईआर में दर्ज तीन नाम नहीं लिए। इसी को आधार बनाकर परिजनों ने कमिश्नर को बताया कि उन तीनों से पैसे लेकर उनका नाम युवती ने नहीं लिया। बाकी गिरफ्तार युवकों के परिजनों से सेटलमेंट करने के नाम पर धन उगाही का प्रयास किया जा रहा है। इस पॉइंट पर कमिश्नर ने कहा कि शुरुआती 10 दिनों में आरोपों के आधार पर कुल 14 गिरफ्तारी की गई हैं। नए साक्ष्यों के सामने के आने के बाद तीन आईपीएस अधिकारियों के नेतृत्व में एक एसआईटी का गठन कर दिया गया है और सुनिश्चित किया गया है, कोई मुकदमे की आड़ में धन की उगाही नहीं होने दी जाएगी।


2 महिला आईपीएस समेत 3 आईपीएस की आइआइटी गठित

पुलिस कमिश्नर ने नए सबूतों के सामने आने के बाद इस मामले में एक एसआईटी गठित कर दी है। इस टीम में 3 आईपीएस हैं, जिसमें 2 महिला अधिकारी हैं। इस टीम में डीसीपी, एडीसीपी, एसीपी और लालपुर एसओ शामिल हैं। कमिश्नर ने इस टीम को 30 दिनों के भीतर रिपोर्ट सौंपने को कहा है।

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