वाराणसी: सिगरा थाना क्षेत्र में एक युवक ने अपने दोस्त और एक महिला मित्र पर 31 लाख रुपए की धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया है। शिकायतकर्ता अभिनव श्रीवास्तव के अनुसार, उसके मित्र ने महिला को मॉडल बताकर उससे संपर्क करवाया था। महिला व्हाट्सएप पर बातचीत करती थी, लेकिन कभी भी मिलने के लिए तैयार नहीं हुई। बाद में उसने पिता की कैंसर बीमारी का हवाला देकर इलाज के लिए आर्थिक सहायता मांगी।
इस दौरान दोस्त ओमकार सिंह ने भरोसा दिलाया कि मदद के पैसे जल्द वापस करवा दिए जाएंगे। लेकिन जब 31 लाख रुपए ट्रांसफर हो जाने के बाद अभिनव ने पैसे वापस मांगे, तो उसे दुष्कर्म के आरोप में फंसाने की धमकी दी जाने लगी।
साल 2020 में हुई थी दोस्ती की शुरुआत
पीड़ित अभिनव ने पुलिस को बताया कि 2020 में लहुराबीर इलाके की एक दुकान पर उसकी मुलाकात ओमकार सिंह निवासी नाटी इमली से हुई थी। धीरे-धीरे दोनों के बीच गहरी दोस्ती हो गई। 15 दिसंबर 2023 को ओमकार ने एक मोबाइल नंबर देते हुए उसे रवीरा जजोदिया से मिलवाया और बताया कि वह एक मॉडल है।
व्हाट्सएप चैटिंग से बढ़ा मामला
अभिनव ने आगे कहा कि रवीरा के साथ उसकी व्हाट्सएप पर बातचीत शुरू हो गई। कुछ महीनों के बाद रवीरा ने बताया कि उसके पिता राजेंद्र जजोदिया को कैंसर हो गया है और इलाज के लिए पैसों की जरूरत है। उसने अभिनव से मदद की मांग की। जब अभिनव ने इस बारे में ओमकार से बात की तो उसने भरोसा दिलाया कि पैसे वापस करवा दिए जाएंगे, क्योंकि वे लोग अच्छे परिवार से हैं।
UPI के जरिए भेजे गए लाखों रुपए
पीड़ित के अनुसार, ओमकार ने उसे सलाह दी कि वह पैसे अभिषेक सिंह के UPI आईडी पर ट्रांसफर करे। सबसे पहले, अभिनव ने 17,999 रुपए ट्रांसफर किए। इसके बाद रवीरा ने बार-बार पैसों की डिमांड करना शुरू कर दिया। जब अभिनव ने इनकार किया तो ओमकार ने दोबारा भरोसा दिलाया कि पूरे पैसे लौटाए जाएंगे।
कुल 31 लाख रुपए का नुकसान
कुछ ही महीनों में, अभिनव ने करीब 30 लाख 95 हजार रुपए ओमकार द्वारा बताए गए खातों में भेज दिए। जब अभिनव को पैसों की आवश्यकता हुई और उसने रकम वापस मांगी, तो उसे धमकियां मिलनी शुरू हो गईं। रवीरा ने कथित रूप से दुष्कर्म के झूठे आरोप में फंसाने की धमकी दी।
पुलिस ने दर्ज किया मुकदमा
सिगरा थाना प्रभारी संजय कुमार मिश्रा ने जानकारी दी कि पीड़ित की शिकायत पर ओमकार सिंह, रवीरा जजोदिया और अभिषेक सिंह के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 318(4), 316(2) और 351(2) के तहत केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है।
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