वाराणसी: अंतर्राष्ट्रीय ट्रांसजेंडर डे ऑफ विजिबिलिटी (TDOV) की पूर्व संध्या पर प्रिज्मैटिक फाउंडेशन द्वारा "पहचान संवाद" कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम कुशवाहा धर्मशाला, छित्तूपुर, सिगरा में संपन्न हुआ, जिसमें शहर के ट्रांस नागरिकों और एलजीबीटी समुदाय के सदस्यों ने अपनी पहचान, सम्मान और सशक्तिकरण को लेकर विचार-विमर्श किया।
समाज में ट्रांसजेंडर समुदाय की उपस्थिति और योगदान पर चर्चा
कार्यक्रम की शुरुआत में प्रिज्मैटिक फाउंडेशन की नीति ने TDOV का उद्देश्य बताते हुए कहा कि यह दिवस ट्रांसजेंडर नागरिकों के सामने आने वाली चुनौतियों के प्रति जागरूकता बढ़ाने और उनके योगदान को सम्मान देने के लिए मनाया जाता है। इस दिवस की शुरुआत 2009 में अमेरिका से हुई थी और आज इसे वैश्विक स्तर पर मनाया जाता है।
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महत्वपूर्ण विचार-विमर्श और वक्तव्य
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बीएचयू की शिक्षिका डॉ. प्रियंका सोनकर ने साहित्य में ट्रांसजेंडर समुदाय की भूमिका पर चर्चा की और उनके योगदान को रेखांकित किया।
ट्रांसजेंडर नागरिक आरोही (जो स्वयं ट्रांसजेंडर पहचान पत्र प्राप्त हैं) ने समाज में ट्रांस समुदाय की उपेक्षा और हाशिए पर रहने की समस्या को उजागर किया। उन्होंने कहा, "हमारा समाज एक परिवार है, लेकिन जब इसके एक हिस्से को मजाक, उपेक्षा, घृणा और हिंसा का सामना करना पड़ता है, तो समाज खुशहाल कैसे रहेगा?"
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बीएचयू विधि संकाय के छात्र अमृत ने संविधान में समानता के अधिकार की चर्चा करते हुए बताया कि "ब्रिटिश काल के क्रिमिनल ट्राइब ऐक्ट ने हिजड़ा समुदाय को समाज से बहिष्कृत कर दिया था, और आजादी के बाद भी यह भेदभाव जारी रहा। ट्रांसजेंडर ऐक्ट 2020 ने नई शुरुआत की, लेकिन इसके प्रभावी क्रियान्वयन की जरूरत है।"
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मीनू ने वाराणसी में ट्रांसजेंडर समुदाय को संविधान प्रदत्त अधिकार दिलाने के लिए ठोस कदम उठाने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि सामाजिक कार्यकर्ताओं, अधिवक्ताओं और प्रशासन को मिलकर इस दिशा में काम करना होगा।
सशक्तिकरण की दिशा में आगे बढ़ने का आह्वान
कार्यक्रम में शामिल वक्ताओं ने इस बात पर जोर दिया कि ट्रांसजेंडर नागरिकों को शिक्षित, संगठित और सशक्त बनाने के लिए लगातार प्रयास करने की जरूरत है। प्रिज्मैटिक इंडिया इसी उद्देश्य के साथ कार्य कर रही है और भविष्य में भी समावेशी कार्यक्रमों की निरंतरता बनाए रखने का संकल्प लिया गया।
कार्यक्रम का सफल आयोजन
कार्यक्रम का संचालन अनन्या मीठी ने किया और धन्यवाद ज्ञापन मूसा आज़मी ने किया। इस अवसर पर अनामिका, श्रेया, हेतवी, रूमान, मिली, निहारिका, श्रुति, साहिल, दीक्षा, आयुष, तानिया, सैम सहित कई सामाजिक कार्यकर्ता और प्रतिभागी उपस्थित रहे।
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