वाराणसी: जनपद में स्वास्थ्य सेवाओं को लगातार बेहतर बनाया जा रहा है। आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन का मुख्य उद्देश्य स्वास्थ्य से संबंधित सभी सेवाओं व मरीजों को एक प्लेटफॉर्म पर लाना है ताकि पारदर्शिता के साथ बेहतर इलाज हो सके। अगर आपको सरकारी अस्पताल में लाइन में लगने से बचना है तो डिजिटल होना पड़ेगा| यह सुविधा जिला अस्पताल के साथ-साथ सीएचसी स्तर पर भी उपलब्द्ध है| आपको आसानी से इलाज पाने के लिए आभा रजिस्ट्रेशन में अपना पूरा विवरण दर्ज करना होगा| आभा अकाउंट के तहत बैंक अकाउंट की तरह ही अब आम लोगों का एक हेल्थ आईडी बनाया जा रहा है। आभा कार्ड में 14 डिजिट का नंबर होता है। इस पर मेडिकल रिकॉर्ड और प्रिस्क्रिप्शन डिजिटली स्टोर हो जाता है। इसकी जानकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ संदीप चौधरी ने दी.
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सीएमओ ने बताया कि पोर्टल के अनुसार जनपद में 30.50 लाख आभा आईडी बनी हुई है| इस क्रम में 1378 अस्पताल, क्लीनिक, पैथोलॉजी सेंटर तथा डायग्नोस्टिक सेंटर पंजीकृत हैं| 2313 डाक्टरों ने स्वयं को रजिस्टर किया है| आभा आईडी बनने के बाद सारा रिकार्ड डिजिटल फार्म में उपलब्ध होगा जिसका एक आईडी और पासवर्ड रहेगा और वह उसी व्यक्ति के पास होगा। इससे सरकारी स्वास्थ्य कार्यक्रमों से जुड़ सकते हैं। अधिकतर सरकारी अस्पतालों में बिना लाइन में लगे ओपीडी पर्ची भी बना सकते हैं। पूरे भारत में सत्यापित डाक्टरों, अस्पताल एवं स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं को आभा हेल्थ आईडी कार्ड देकर उनसे सभी मेडिकल रिकार्ड जैसे लैब रिपोर्ट, प्रिस्क्रिप्शन, अस्पताल के भर्ती एवं डिस्चार्ज के विवरण, एमआरआई रिपोर्ट मिल जायेगी।
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कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ पीयूष राय ने बताया कि अस्पताल में उपचार की पर्ची बनवाने के लिए अब आप को न तो लंबी कतार में खड़े होने की जरूरत है और न ही घंटों इंतजार की| इन सभी समस्याओं का समाधान कर दिया है 'आभा' ने, यदि आपने आभा आईडी बना रखी है तो अस्पताल के आभा काउंटर पर लगे क्यूआर कोड को सम्बन्धित मोबाइल से स्कैन करते ही मरीज को दिखाने की पर्ची बिना लाइन में लगे ही मिल जाएगी| उन्होंने बताया कि दिखाने की पर्ची बनवाने के लिए पूर्व की व्यवस्था के साथ-साथ 'आभा' की पर्ची भी बनाई जा रही है.
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उन्होंने बताया कि आभा खाते में आप अपने परिवार के अन्य सदस्यों का भी विवरण जोड़ सकते हैं. ओपीडी की पर्ची प्राप्त करने के लिए आप को आभा काउंटर पर लगाए गए क्यूआर कोड को अपने फोन के एप के माध्यम से स्कैन करना होगा| इससे मरीज का विवरण अपने आप आभा काउंटर के कम्पूटर में आ जाएगा| इसके बाद एक टोकन नंबर मिलेगा. मरीज को काउंटर पर टोकन नंबर बताकर एक रुपये देकर पर्ची लेनी होगी. जिसके जरिए आप आसानी से अपना उपचार करा सकेंगे.
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