Latest News

Thursday, February 27, 2025

पिछले एक साल से सिजेरियन प्रसव में वाराणसी प्रदेश में अव्वल

वाराणसी: जनपद में प्रसव संबंधी सुविधाओं को लेकर जिला अस्पताल के साथ-साथ सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर भी स्वास्थ्य सुविधाएं लगातार बढ़ाई जा रही हैं। इस क्रम में सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर सामान्य प्रसव के साथ ही सिजेरियन प्रसव भी सुचारू रूप से किए जा रहे हैं। पिछले महीने में सिजेरियन प्रसव में वाराणसी प्रथम स्थान पर था। जिले में सबसे बेहतर प्रदर्शन सिजेरियन डिलीवरी में देखने को मिला है। जिसमें वाराणसी पिछले एक साल से प्रदेश में पहले  स्थान पर चल रहा है। इसकी जानकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ संदीप चौधरी ने दी|


यह भी पढ़ें: सीएम योगी ने महाकुम्भ को वैश्विक इवेंट बनाने में मीडिया की भूमिका को सराहा

सीएमओ ने बताया कि ब्लाक काशीविद्यापीठ और चोलापुर लगातार तीन माह से यूपी हेल्थ डैशबोर्ड रैंकिंग में प्रथम स्थान पर रहे। कार्यक्रम को गति देने के लिए राजकीय स्वास्थ्य इकाइयों पर होने वाले संस्थागत प्रसवों से सम्बन्धित सभी सूचनाओं को डिलीवरी रजिस्टर एवं मंत्रा एप के माध्यम से संकलित किया जा रहा है। उक्त के क्रम में प्रसवगत सुविधाओं यथा लाभार्थी प्रसूता महिला का आधार प्रमाणीकरण, नवजात के जन्म पंजीकरण हेतु सूचना भेजने  एवं जेएसवाई भुगतान हेतु ऑनलाइन भुगतान प्रक्रिया आदि सुविधाएं लागू की जा रही हैं।

यह भी पढ़ें: अपनी परंपरा के अनुरूप निकली शिव बारात, शिव बारात में शामिल हुए मंत्री रविन्द्र जायसवाल

उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी (आरसीएच) एवं कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ एचसी मौर्या ने  बताया कि संस्थागत प्रसव में बड़ागांव, चोलापुर, हरहुआ, काशी विद्यापीठ का प्रदर्शन अच्छा रहा है। हमारा अनुमानित वार्षिक लक्ष्य जननी सुरक्षा योजना हेतु 40,801 है, इस वित्तीय वर्ष अप्रैल से जनवरी 2025 तक के कुल लक्ष्य 34000 के सापेक्ष 34,393 प्रसव सरकारी चिकित्सालयों में कराये गये हैं| जोकि कुल प्रसव का 101.15 फीसदी है| प्रसव बढ़ाने हेतु मेडिकल कालेज, जिला अस्पताल से लेकर उपकेन्द्र तक इस कार्य में तन्मयता के साथ में लगे हुये हैं| आने वाले समय में प्रत्येक उपकेन्द्र स्तर पर सामान्य प्रसव की सुविधा लाभार्थियों के लिए निःशुल्क उपलब्द्ध हो जायेगी|

यह भी पढ़ें: महाशिवरात्रि पर अपर पुलिस आयुक्त ने सुरक्षा व्यवस्था का किया निरीक्षण

डॉ मौर्या ने बताया कि प्रसव सुविधा वाले सभी राजकीय स्वास्थ्य इकाइयों पर मंत्रा एप लागू है। नवीन प्रक्रिया के अन्तर्गत लेबर रूम में कार्यरत सभी स्टाफनर्स,एएनएम को मंत्रा एप पर कार्य करने हेतु आईडी के स्थान पर मानव संपदा कोड उपयोग करना होगा एवं एसएमएस के माध्यम से सम्बन्धित के मोबाइल नम्बर पर पासवर्ड और पिन प्राप्त हो जायेगा। यह सुनिश्चित किया गया है कि समुदाय स्तर पर संचालित ई-कवच एप्लीकेशन के माध्यम से सभी गर्भवती महिलाओं को ससमय गर्भवती मार्क कर दिया जा रहा है। प्रसव हेतु राजकीय चिकित्सा इकाई में भर्ती व पंजीकरण प्रक्रिया के दौरान गर्भवती महिला को मंत्रा एप पर ई-कवच आईडी, आभा आईडी, मोबाइल नम्बर के आधार पर सर्च कर भर्ती व पंजीकृत किया जा रहा है। 

यह भी पढ़ें: ब्लॉक कार्यालय के समीप जलनिकासी की गुणवत्ता पर सवाल, बीडीओ ने दिखवाने की बात कही

इस प्रकार भर्ती  व पंजीकृत किये जाने से डिस्चार्ज के उपरान्त महिला की सभी सूचनाएं ई-कवच एप्लीकेशन में सिंक हो जाएंगी। ई-कवच एप्लीकेशन में सिंक सूचनाओं का उपयोग सम्बन्धित का हेल्थ रिकॉर्ड बनाने एवं पीएनसी, एचबीएनसी आदि स्वास्थ्य सुविधाएं समुदाय स्तर पर उपलब्ध कराने में किया जा रहा है। सम्बन्धित स्टाफनर्स, एएनएम द्वारा भर्ती,पंजीकृत गर्भवती तथा प्रसूता महिला का बैंक विवरण आधार नम्बर के माध्यम से आधार प्रमाणीकरण किया जा रहा है। आधार प्रमाणीकरण सम्बन्धित महिला के आधार से सम्बद्ध मोबाइल नम्बर पर ओटीपी प्राप्त कर, बायोमैट्रिक अथवा डेमोग्राफिक ऑथ (नाम, जन्मतिथि, लिंग) के अनुसार पूर्ण किया जा रहा है।

यह भी पढ़ें: पाँच लाख से अधिक गृहकर बकाया पर नगर निगम की बड़ी कार्रवाई, दो बड़े भवनों को ताला बंद कर किया गया सील

No comments:

Post a Comment