वाराणसी: मनरेगा योजना के तहत जनपद में कार्यरत 427 ग्राम रोजगार सेवकों में से 89 की नौकरी पर खतरे के बादल मंडरा रहे हैं। यह संकट उन ग्राम रोजगार सेवकों के लिए उत्पन्न हुआ है, जिन्होंने अपने कार्यों के प्रति लापरवाही बरती।
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जनकारी के अनुसार, बीते जनवरी माह में जिलाधिकारी की अध्यक्षता में विकास कार्यक्रमों की समीक्षा बैठक हुई थी। बैठक के दौरान जिलाधिकारी ने पाया कि कुछ ग्राम रोजगार सेवक मनरेगा योजना के तहत अपने कार्यों को सही ढंग से नहीं कर रहे हैं। इसके बाद, इन लापरवाह सेवकों को ग्राम पंचायतों द्वारा हटाने का आदेश जारी किया गया था।
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इस मामले में जिलाधिकारी ने यह भी निर्देश दिया था कि जो ग्राम प्रधान इस कार्य में रुचि नहीं ले रहे हैं, उनके खिलाफ 95-जी की नोटिस जारी की जाए। साथ ही, इन सेवकों को दिए गए मानदेय की वसूली ग्राम प्रधानों के मानदेय से की जाए।
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13 फरवरी को, मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) हिमांशु नागपाल ने जनपद के सभी खण्ड विकास अधिकारियों और मनरेगा कार्यक्रम अधिकारियों को निर्देश जारी किए। सीडीओ ने इन ग्राम रोजगार सेवकों के कार्य प्रगति का परीक्षण करने और खराब प्रगति वाले सेवकों को नियमों के तहत हटाने की कार्यवाही करने के लिए कहा है। चिरईगांव के खण्ड विकास अधिकारी ने पुष्टि करते हुए कहा कि सीडीओ का पत्र प्राप्त हो चुका है और एक सप्ताह के अंदर इस मामले में कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
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