वाराणसी: दुनियाभर में कैंसर के बढ़ते जोखिमों के बारे में जागरूकता बढ़ाने और इसकी रोकथाम, पहचान और उपचार को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से प्रत्येक वर्ष 4 फरवरी को विश्व कैंसर दिवस मनाया जाता है। इस वर्ष विश्व कैंसर दिवस का आयोजन "United by Unique” थीम पर किया गया है। इस क्रम में मंगलवार को जनपद के सभी शहरी एवं ग्रामीण सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों तथा आयुष्मान आरोग्य मंदिरों में जन-जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए गये तथा स्क्रीनिंग की गई। इसकी जानकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ संदीप चौधरी ने दी।
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उन्होंने बताया कि तेजी से बढ़ते शहरीकरण, गतिहीन और सुस्त जीवनशैली के साथ-साथ खराब खान-पान के कारण, कैंसर बड़े पैमाने पर बुजुर्गों के अलावा अन्य आयु वर्ग वालों को भी अपना शिकार बना रहा है। इसलिए सतर्क रहें| घर का बना ताजा खाना खायें साथ ही फल, मौसमी सब्जियां, साबूत अनाज को प्राथमिकता दें, यह शरीर की बीमारियों से लड़ने की क्षमता (रोग प्रतिरोधक क्षमता) को मजबूत करता है और कैंसर के खतरे को कम करता है। रोजाना कम से कम 30 मिनट व्यायाम जरुर करें। यह वजन को नियंत्रित रखता है और कैंसर के खतरे को कम करता है। तंबाकू और शराब का सेवन पूरी तरह बंद कर दें। यह कैंसर से बचाव का सबसे असरदार तरीका है। प्रदूषण वाले क्षेत्रों जैसे धूल और धुंआ वाले क्षेत्रों में मास्क अवश्य पहनें। नियमित हेल्थ चेकअप और कैंसर स्क्रीनिंग करवायें। युवाओं को कैंसर के खतरों और बचाव के तरीकों के बारे में जागरूक किया गया और उन्हें हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाने के लिए प्रेरित भी किया गया। समय पर पता चलने पर कैंसर का इलाज आसान हो जाता है।
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उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी एवं कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ वाईबी पाठक ने बताया कि इस अवसर पर जन-जागरूकता के साथ ग्रामीण स्वास्थ्य केन्द्रों पर अब तक इ-कवच पोर्टल पर डाटा के अनुसार ओरल कैंसर में 54 तथा शहरी स्वास्थ्य केन्द्रों में 15 स्क्रीनिंग, ब्रेस्ट कैंसर में 33 तथा सर्वाइकल कैंसर में 33 स्क्रीनिंग की गई है। उन्होंने बताया कि तम्बाकू और धूम्रपान की आदत देश में कैंसर के लगभग 40 फीसदी मामलों का प्रमुख कारण है। गड़बड़ जीवनशैली, पर्यावरण की समस्याएं और अब भी लोगों में रोग को लेकर जागरूकता की कमी के कारण भारत में पांच में से एक पुरुष और आठ में से एक महिला को कैंसर होने का खतरा है। अगर सिर्फ तंबाकू उत्पादों से ही दूरी बना ली जाये तो कैंसर के खतरे को काफी हद तक कम किया जा सकता है। तंबाकू का सेवन किसी भी रूप में खतरनाक है।
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देश में बड़ी संख्या में युवा आबादी तंबाकू का सेवन करती है, आमतौर पर तंबाकू और धूम्रपान को मुंह और फेफड़ों में होने वाले कैंसर के लिए ही जिम्मेदार माना जाता रहा है, पर ये आदत शरीर के अन्य अंगों में भी कैंसर बढ़ा सकती है। फेफड़ों में कैंसर के अलावा तंबाकू उत्पादों के कारण मुंह, गले, मूत्राशय, लीवर, किडनी, पेट और अग्नाशय के अलावा महिलाओं में बढ़ते सर्वाइकल कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।
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