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Thursday, February 06, 2025

उत्तर प्रदेश में आबकारी नीति में बड़ा बदलाव, बियर, देशी और अंग्रेजी शराब एक ही दुकान में उपलब्ध

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की आबकारी नीति में बुधवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं। नई आबकारी नीति 2025-26 को मंजूरी मिल गई है, जो राज्य में शराब के कारोबार को लेकर नई दिशा दिखाएगी।


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नई नीति के अनुसार, अब देशी-विदेशी शराब, बीयर और भांग की फुटकर दुकानों का लाइसेंस ई-लॉटरी के माध्यम से आवंटित किया जाएगा। सरकार ने यह निर्णय लिया है कि पुराने लाइसेंस का रिन्यूवल इस बार नहीं किया जाएगा, हालांकि 2026-27 के वित्तीय वर्ष में रिन्यूवल का विकल्प मिलेगा।

कंपोजिट दुकानें भी होंगी लाइसेंसित

नई नीति में पहली बार 'कंपोजिट दुकानों' के लिए लाइसेंस जारी किए जाएंगे, जहां पर एक ही दुकान में विदेशी शराब, बीयर और वाइन की बिक्री की जा सकेगी। हालांकि, इन दुकानों पर शराब पीने की अनुमति नहीं होगी।

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राजस्व लक्ष्य में वृद्धि

उत्तर प्रदेश सरकार ने इस नीति के तहत 55 हजार करोड़ रुपये का राजस्व जुटाने का लक्ष्य रखा है, जो पिछले वित्तीय वर्ष से 4000 करोड़ रुपये अधिक है। इसके अतिरिक्त, प्रीमियम रिटेल दुकानों के लाइसेंस का रिन्यूवल अब 25 लाख रुपये वार्षिक फीस के साथ होगा।

नई सुविधाएं और उत्पाद

नई नीति के तहत मॉल्स और मल्टीप्लेक्स क्षेत्रों में प्रीमियम ब्रांड की दुकानों की स्थापना की अनुमति नहीं होगी, लेकिन हवाई अड्डों, मेट्रो और रेलवे स्टेशनों पर मुख्य भवन में प्रीमियम रिटेल की दुकानें स्थापित की जा सकती हैं। इसके साथ ही, पहली बार 60 एमएल और 90 एमएल की विदेशी मदिरा की बोतलें बिक्री के लिए उपलब्ध होंगी। इसके अलावा, अब देशी मदिरा एसेप्टिक ब्रिक पैक में भी उपलब्ध कराई जाएगी, जिससे शराब में मिलावट की आशंका समाप्त हो जाएगी।

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वैयक्तिक होम लाइसेंस में सरलता

आबकारी नीति में निजी उपयोग के लिए मदिरा रखने के लिए वैयक्तिक होम लाइसेंस की प्रक्रिया भी सरल कर दी गई है। अब इसके लिए सालाना फीस 11 हजार रुपये और सिक्योरिटी 11 हजार रुपये होगी, और लाइसेंस केवल उन लोगों को मिलेगा जो पिछले तीन साल से लगातार आयकरदाता रहे हों।

यह बदलाव उत्तर प्रदेश में शराब की बिक्री और लाइसेंसिंग प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और व्यवस्थित बनाने के लिए किए गए हैं, जो राज्य के राजस्व में भी महत्वपूर्ण वृद्धि का कारण बन सकते हैं।

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