माघ पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान को अश्वमेध यज्ञ के समान पुण्य देने वाला माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन भगवान विष्णु का निवास जल में होता है, इसलिए इसे नारायण से जुड़ने का पर्व भी कहा जाता है। विशेष रूप से इस दिन तीर्थ स्नान, व्रत और दान से पुण्य में वृद्धि होती है, जो व्यक्ति के जीवन में सुख, समृद्धि और मोक्ष की प्राप्ति का कारण बन सकते हैं।
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महाकुंभ मेला, जो हर 12 साल में आयोजित होता है, इस दिन विशेष रूप से अमृत स्नान किया जाएगा। यही नहीं, देशभर में हर तीर्थ स्थल और नदी के किनारे श्रद्धालुओं का जमावड़ा देखने को मिलेगा। धार्मिक विद्वानों के अनुसार, माघ पूर्णिमा के दिन किए गए कर्मों का फल पूरे महीने के स्नान के बराबर माना जाता है।
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यह दिन एक अवसर है जब लोग अपने पुराने पापों को धोने और पुण्य अर्जित करने के लिए विशेष रूप से ध्यान, पूजा और दान करते हैं। समाजसेवी और धार्मिक गुरु भी इस दिन के महत्व को बताते हुए लोगों को शुभकामनाएं देते हुए अपील कर रहे हैं कि अधिक से अधिक लोग इस दिन का लाभ उठाकर अपने जीवन को शुद्ध करें।
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