वाराणसी: दिनांक 16.01.2024 को उपाध्यक्ष द्वारा मानचित्र आवेदक से मिली शिकायत के आधार पर ऑनलाइन पोर्टल www.upobpas.in पर पंजीकृत आर्किटेक्ट अनिल कुमार सिंह द्वारा पोर्टल पर जमा की गयी ऑनलाइन पत्रावली संख्या VDA/BP/2024/25/0350 मानचित्र का परीक्षण किया गया। प्राधिकरण द्वारा पूर्व में दर्ज की गई आपत्तियों के निराकरण के बिना ही फाइल को दो बार क्रमशः 28 दिसंबर 2024 और 15 जनवरी 2025 को अपलोड कर दिया गया था। परीक्षण के दौरान उपाध्यक्ष ने इसे घोर लापरवाही करार देते हुए कहा कि ऐसी त्रुटियों से प्राधिकरण का समय व्यर्थ होता है और छवि पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। आम जनमानस को परेशानी का सामना करना पड़ता है।
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फाइल में त्रुटियों का निराकरण नही करना के निम्नवत विवरण
- तहसील द्वारा प्रदर्शित सजरा प्लान के रिपोर्ट में त्रुटि.
- ड्राइंग में सही मैपिंग नही करना.
- फाइल को सही क्रम में डाकोमेन्ट नहीं की गई.
- फाइल की त्रुटियों को बिना सही किये पुनः अपलोड़ करना.
- मानचित्र को सही जगह अपलोड़ न करना.
आर्किटेक्ट अनिल कुमार सिंह को निर्देश दिया गया है कि वह पत्र प्राप्ति के तीन दिनों के भीतर अपना पक्ष प्रस्तुत करें। ऐसा न करने पर उनका रजिस्टर्ड आर्किटेक्ट लाइसेंस निरस्त करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। वाराणसी विकास प्राधिकरण ने आर्किटेक्ट द्वारा की गई लापरवाही को गंभीरता से लेते हुए सख्त चेतावनी जारी की है। यह कदम प्राधिकरण की छवि बनाए रखने और आम जनता को अनावश्यक परेशानियों से बचाने के लिए उठाया गया।
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प्राधिकरण द्वारा यह समय-समय पर समस्त आर्किटेक्ट एवं रजिस्टर्ड अभियन्ताओं को स्पष्ट किया गया है कि शासनादेश संख्या-12/2020 के तहत यदि मानचित्रों में गलत सूचना पाई जाती है, तो प्रथम तीन बार नोटिस जारी किया जाएगा। चौथी बार गलती दोहराए जाने पर तीन महीने, पांचवीं बार छह महीने, छठी बार एक वर्ष, और इसके बाद आजीवन प्रोफेशनल प्रैक्टिस को निलंबित करने की संस्तुति की जाएगी।
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