वाराणसी: विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उ0प्र0 के बैनर तले आज भिखारीपुर स्थित हनुमानजी मंदिर पूरे प्रदेश की भांति बनारस में भी बिजली कर्मियों ने काली पट्टी बांधकर विरोध प्रदर्शन किये और विरोध सभा के माध्यम से बिजली के निजीकरण के फैसले का जबरदस्त विरोध करते हुए मुख्यमंत्री से इसे प्रभावी हस्तक्षेप कर निरस्त करने की मांग की।
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सभा को संबोधित करते हुए ई0 नरेंद्र वर्मा ने बताया कि बिजली के निजीकरण के विरोध में अगले सप्ताह मोमबत्ती जुलूस निकालने और प्रबन्धन के लिए बुद्धि-शुद्धि यज्ञ करने का फैसला लिया है। 01 फरवरी को लखनऊ में सभी श्रम संघों की केन्द्रीय कार्यकारिणी की संयुक्त बैठक होगी जिसमें आन्दोलन के अगले कार्यक्रम घोषित किये जायेंगे। संघर्ष समिति के प्रमुख पदाधिकारियों ने पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम एवं दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण हेतु ट्रांजैक्शन कंसल्टेंट नियुक्त करने की प्रक्रिया को अवैधानिक बताते हुए इसे तत्काल निरस्त करने की मांग की है।
संघर्ष समिति ने कहा कि कंसल्टेंट नियुक्त करने हेतु 23 जनवरी को प्रि-बिडिंग कॉन्फ्रेंस शक्तिभवन में होनी थी जिसे शक्तिभवन में न करके गुप-चुप एसएलडीसी के गेस्ट हाउस में किया गया। इसके अतिरिक्त यह जानकारी मिली है कि प्रि-बिडिंग में 03 कम्पनियां प्राइस वाटर हाउस कूपर्स, अर्नस्ट एण्ड यंग तथा ग्रेट थोरॉट(जीटी) सम्मिलित हुईं। उल्लेखनीय है कि यह तीनों कम्पनियां पॉवर कारपोरेशन में पहले से ही कार्य कर रहीं हैं। अतः इन कम्पनियां की कंसल्टेंट के रूप में हितों के टकराव के कारण नियुक्ति नहीं की जा सकती है। संघर्ष समिति ने कहा कि पॉवर कारपोरेशन प्रबन्धन की इन कम्पनियों के साथ सांठ-गांठ प्रतीत होती है। प्रबन्धन सरकार को धोखे में रखकर निजीकरण की प्रक्रिया आगे बढ़ा रहा है जिससे सरकार की छवि धूमिल हो सकती है। संघर्ष समिति ने इस दृष्टि से मा. मुख्यमंत्री जी से अपील की है कि वे प्रभावी हस्तक्षेप करते हुए निजीकरण की सारी प्रक्रिया निरस्त करने की कृपा करें।
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संघर्ष समिति ने यह निर्णय लिया है कि निजीकरण का विरोध करने हेतु 27, 28, 29 और 30 जनवरी को समस्त ऊर्जा निगमों के तमाम बिजली कर्मचारी, संविदा कर्मी और अभियन्ता प्रति दिन सभा करके सायं 05ः00 बजे अपने कार्यालय के बाहर मोमबत्ती जुलूस निकालेंगे। 31 जनवरी को बिजली कर्मी अपने कार्यालयों के बाहर बुद्धि-शुद्धि यज्ञ करेंगे। बुद्धि-शुद्धि यज्ञ के जरिये यह प्रार्थना की जायेगी कि भगवान ऊर्जा मंत्री और पॉवर कारपोरेशन प्रबन्धन को सद्बुद्धि दें जिससे आम उपभोक्ताओं और किसानों के लिए बेहद घातक बिजली का निजीकरण वापस हो।
संघर्ष समिति ने इस सम्बन्ध में मुख्यमंत्री मा. योगी आदित्यनाथ के दिल्ली में दिये गये बयान का स्वागत किया है जिसमें मुख्यमंत्री जी ने उत्तर प्रदेश की बिजली व्यवस्था की तारीफ की है और दिल्ली में चल रही निजी क्षेत्र की बिजली व्यवस्था में आम उपभोक्ताओं के लिए उत्तर प्रदेश की तुलना में तीन गुना बिजली दरें होने की बात कही है। संघर्ष समिति ने कहा कि बुद्धि-शुद्धि यज्ञ इसलिए जरूरी हो गया है कि जिससे उत्तर प्रदेश में भी बिजली का निजीकरण होने पर आम उपभोक्ताओं को तीन गुना बिजली दरें न भुगतनी पड़ें।
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संघर्ष समिति ने महाकुंभ को भारत की सांस्कृतिक धरोहर बताते हुए कहा है कि बिजली कर्मियों ने 05 जनवरी को प्रयागराज में हुई बिजली पंचायत में महाकुंभ में दिन रात कार्य करके श्रेष्ठतम बिजली आपूर्ति की शपथ ली थी। आज महाकुंभ की बिजली व्यवस्था पर पूरा भारत गर्व कर रहा है। संघर्ष समिति ने आज निर्णय लिया है कि प्रयागराज के सभी बिजली कर्मचारी, संविदा कर्मी और अभियन्ता 29 जनवरी को मौनी अमावस्या के होने वाले स्नान में बिजली व्यवस्था श्रेष्ठतम बनाये रखने के लिए 27, 28 और 29 जनवरी को दिन-रात प्रयासरत रहेंगे। संघर्ष समिति के निर्णय के अनुसार 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस पर्व के चलते कोई विरोध प्रदर्शन नहीं किया जायेगा।सभा को माया शंकर तिवारी, नरेंद्र वर्मा, राम कुमार झा, इंद्रेश राय, वेद प्रकाश राय, अंकुर पांडे, विजय सिंह, संदीप प्रजापति, उदयभान दुबे, मोहन यादव, राज कुमार यादव, मोहम्मद हारिस, रणजीत पटेल, महेंद्र कुमार सिंह, अरविंद यादव, राहुल श्रीवास्तव, राजेंद्र प्रसाद सिंह, अजीत वर्मा, राजेंद्र सिंह ने संबोधित किया।
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