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Thursday, January 16, 2025

हिंडनबर्ग रिसर्च का ऐतिहासिक फैसला, कारोबार बंद करने की घोषणा

हिंडनबर्ग रिसर्च के संस्थापक नाथन एंडरसन ने अपनी फर्म को बंद करने का निर्णय लिया है, जो कि अब तक का एक बड़ा निर्णय माना जा रहा है। इस अमेरिकी शॉर्ट सेलर ने खास तौर पर भारत के अदानी समूह और अमेरिका की इलेक्ट्रिक ट्रक बनाने वाली कंपनी निकोला को अपने अध्ययन में निशाना बनाया है। एंडरसन ने स्पष्ट किया कि यह निर्णय व्यावसायिक कारणों के कारण लिया गया है और लंबे समय से उनके मन में इस बारे में स्पष्टता थी।


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हिंडनबर्ग रिसर्च का परिचय

2017 में स्थापित हिंडनबर्ग रिसर्च एक फर्म है जो संभावित अकाउंटिंग गड़बड़ियों और कंपनियों में धोखाधड़ी का पता लगाने का कार्य करती है। स्टॉक मार्केट में शॉर्ट सेलिंग का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होते हुए, ये फर्म उन कंपनियों के खिलाफ दांव लगाती है जिन्हें दोषपूर्ण या समस्याग्रस्त समझा जाता है। उनका नाम 1937 की हिंडनबर्ग एयरशिप आपदा के नाम पर रखा गया है, जो एक प्रतीकात्मक चेतावनी के तौर पर कार्य करता है।

अदानी समूह पर प्रभाव

इस फर्म के द्वारा 2023 में अदानी समूह के खिलाफ जारी की गई रिपोर्ट ने बड़े पैमाने पर हलचल मचाई थी, जिससे अदानी कंपनियों की कुल वैल्यू में लगभग 100 अरब डॉलर की गिरावट आई थी। रिपोर्ट में टैक्स-हेवेन के दुरुपयोग, कॉरपोरेट गवर्नेंस की समस्याओं और शेयर में हेरफेर जैसे गंभीर आरोप लगाए गए थे, लेकिन अदानी समूह ने इन सभी आरोपों को खारिज कर दिया था।

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निकोला और Icahn Enterprises पर आरोप

हाल ही में, हिंडनबर्ग ने Nikola पर भी गंभीर आरोप लगाए थे, जिसमें अन्य बातों के साथ कंपनी के संस्थापक ट्रेवर मिल्टिन पर धोखाधड़ी का मामला दर्ज हुआ, जिसके परिणामस्वरूप उन्हें चार साल की सजा मिली। इसी तरह, Icahn Enterprises पर भी शॉर्ट सेलिंग के जरिए आरोप लगाए गए, जिससे एंडरसन का कहना है कि उन्होंने कई बड़े साम्राज्यों को हिलाने का कार्य किया है।

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भविष्य की योजनाएं

एंडरसन ने बताया कि आने वाले महीनों में वे हिनडनबर्ग के द्वारा किए गए अनुसंधानों और प्राप्त जानकारियों को ओपन-सोर्स करने की योजना बना रहे हैं। उन्होंने अपने निजी जीवन और रिश्तों के महत्व को भी स्वीकार किया और कहा कि वह अब हिंडनबर्ग को अपने जीवन के एक अध्याय के रूप में देखते हैं। इस विकास ने निवेशक और वित्तीय विश्लेषक समुदाय में एक नई चर्चा शुरू कर दी है, और हिनडनबर्ग के योगदान और उसके द्वारा उठाए गए महत्वपूर्ण मुद्दे लंबे समय तक चर्चा का विषय बने रहेंगे।

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