वाराणसी: श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर न्यास ट्रस्ट का कार्यकाल पूरा हो चुका है। नए अध्यक्ष व सदस्यों के चयन की प्रक्रिया को लेकर शासन स्तर से जल्द ही निर्देश जारी होंगे। वर्तमान में न्यास के अध्यक्ष के रूप में प्रोफेसर नागेंद्र पांडेय ने अपनी जिम्मेदारी निभाई, जबकि प्रोफेसर चंद्रमौली उपाध्याय, दीपक मालवीय, पंडित प्रसाद दीक्षित, प्रो. वेंकट रमन धनपाठी और प्रो. ब्रजभूषण ओझा सदस्य रहे। इन सदस्यों ने अपने तीन साल के कार्यकाल में धर्मार्थ कार्य विभाग और राज्य सरकार के साथ मिलकर कई अहम निर्णय लिए।
यह भी पढ़ें: अब कोई मंदिर मस्जिद केस नहीं होगा; Worship act पर घमासान, सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला
मंडलायुक्त कौशल राज शर्मा ने बताया कि कार्यकाल समाप्त होने के बाद शासन स्तर पर विचार-विमर्श जारी है। शीघ्र ही धर्मार्थ कार्य विभाग की ओर से अधिसूचना जारी कर नए सदस्यों और अध्यक्ष की नियुक्ति की जाएगी। यह स्पष्ट किया जाएगा कि मौजूदा सदस्य पुनः चयनित होंगे या नई नियुक्तियां होंगी।
यह भी पढ़ें: राजस्व बढ़ाएं अफसर, अवैध खनन रोकें- मुख्यमंत्री योगी
श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर न्यास का प्रदेश सरकार ने 1983 में अधिग्रहण किया था। इसके बाद न्यास के दो इकाइयों का गठन हुआ। इनमें से एक श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर न्यास परिषद, जो मंदिर की पूजन-परंपरा और प्रशासनिक निर्णयों की देखरेख करती है। इसमें पदेन सदस्यों के रूप में श्रृंगेरी शंकराचार्य, संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति, वित्त, कानून, धर्मार्थ और संस्कृति विभाग के प्रमुख सचिव, मंडलायुक्त, जिलाधिकारी और सीईओ को शामिल किया गया। इसके अतिरिक्त, पांच विद्वानों को तीन-तीन वर्ष के लिए नामित करने का प्रावधान है।
यह भी पढ़ें: मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को दिये निर्देश, जनसमस्याओं के समाधान में लापरवाही नहीं की जायेगी बर्दाश्त
बीमारियों पर हुई चर्चा
2021 में नियुक्त किए गए वर्तमान सदस्यों का कार्यकाल समाप्त होने के साथ सदस्यों के चयन की प्रक्रिया पर जोर दिया जा रहा है। शासन स्तर पर चर्चा जारी है, और जल्द ही नए अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति पर निर्णय लिया जाएगा। यह प्रक्रिया मंदिर की पारंपरिक और प्रशासनिक व्यवस्थाओं को सुचारु बनाए रखने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
No comments:
Post a Comment