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Friday, December 13, 2024

योगी पर लगाई रासुका, राजा भैया को किया अरेस्‍ट, अब इस आईपीएस की चली गई नौकरी

UPSC को देश की कठिनतम परीक्षाओं में से एक माना जाता है. बहुत मेहनत के बाद तो इसमें सफलता मिलती है. जब प्रशासनिक नौकरी मिल जाती है, तो राह में तमाम चुनौतियां आती हैं, जो इससे निकल जाता है. वह सफल माना जाता है और जो इस भंवर में उलझ जाता है, उसे बड़ी कीमत चुकानी पड़ती है. यह कहानी भी एक ऐसे ही आईपीएस अधिकारी की है, जो पढ़ लिखकर आईपीएस बना लेकिन बाद में सस्पेंड हो गया और उसके बाद तो उसे सरकार ने सेवामुक् ही कर दिया. आइए जानते हैं आखिर ये IPS अधिकारी हैं कौन?


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आपको बता दें कि इस आईपीएस अधिकारी का नाम जसबीर सिंह है. वह 1992 बैच के आईपीएस हैं. मूल रूप से पंजाब के होशियारपुर के रहने वाले जसबीर सिंह ने पहले सिविल इंजीनियरिंग में बीई की डिग्री ली. उसके बाद UPSC (संघ लोक सेवा आयोग) की सिविल सर्विसेज परीक्षा की तैयारी की. आखिरकार वर्ष 1991 में उन्हें UPSC परीक्षा में सफलता मिल गई और उनका सेलेक्शन आईपीएस पद के लिए हो गया. उन्हें उत्तर प्रदेश कैडर का IPS बनाया गया. यूपी पुलिस  में उनकी नियुक्ति 5 सितंबर 1993 को हुई.

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कभी राजा भैया पर की थी कार्रवाई
IPS जसबीर सिंह उस समय भी चर्चा में रहे, जब वह प्रतापगढ़ के पुलिस अधीक्षक थे. वर्ष 1997 में तब यूपी में बसपा की सरकार थी और मायावती सीएम थी. उस समय उन्होंने तमाम बाहुबलियों पर कार्रवाई की थी. इस लिस् में प्रतापगढ़ के बाहुबली रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया का भी नाम था. तत्कालीन पुलिस अधीक्षक जसबीर सिंह ने ही राजा भैया को गिरफ्तार किया था. मायावती ने तब इस काम के लिए ईमानदार अफसर जसबीर सिंह को चुना था, लेकिन बसपा की सरकार जाने के बाद ही जसबीर सिंह के हर महीने तबादले होने लगे. आरोप यह भी लगा कि उनकी प्रमोशन की फाइल भी रोक दी गई.

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2002 में योगी पर की थी रासुका लगाने की संस्तुति
IPS अधिकारी जसबीर सिंह वर्ष 2002 में उस समय चर्चा में आए, जब उन्होंने महाराजगंज SP रहते हुए योगी आदित्यनाथ पर रासुका लगाने की संस्तुति की थी. उस समय भी उन पर कई तरह के आरोप लगे थे. एडीजी होमगार्ड रहते हुए भी उन्होंने भ्रष्टाचार का मामला उठाया था, जिसके बाद उन्हें दूसरे विभाग में भेज दिया गया.

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2019 में हो गए निलंबित
IPS जसबीर सिंह को 14 फरवरी 2019 को निलंबित कर दिया गया, जिस समय जसबीर सिंह को निलंबित किया गया. उस समय वह ADG रूल् एंड मैन्युअल के पद पर तैनात थे. निलंबन के पीछे शासन ने उनके बिना सूचना छुट्टी पर जाने का कारण बताया था, लेकिन बताया जाता है कि जसबीर सिंह ने एक इंटरव्यू दिया था, जिसमें उन्होंने सरकार पर बिना काम के सैलेरी देने का आरोप लगाया था. उन्होंने अपने विभाग को लेकर टिप्पणी की थी कि वहां स्टाफ को बैठाकर बेवजह वेतन दिया जा रहा है. जब इस संबंध में शासन ने नोटिस जारी कर जवाब मांगा, तो वह लीव पर चले गए.

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अब जसबीर सिंह को कर दिया गया सेवामुक्

IPS जसबीर सिंह के निलंबन को पांच साल से भी अधिक समय हो गए थे. ऐसे में अब सरकार ने उन्हें नवंबर 2024 में सेवामुक् कर दिया, हालांकि सरकार के इस फैसले के खिलाफ उन्होंने राष्ट्रपति के यहां अपील की है. बताया जाता कि उनके जवाब से संतुष् होने के कारण शासन ने यह निर्णय लिया एडीजी जसबीर सिंह को निलंबन के दौरान आधी तनख्वाह मिल रही थी, लेकिन अब सेवामुक् होने के बाद उन्हें कोई वेतन नहीं मिलेगा. 

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