नईदिल्ली: पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का गुरुवार को निधन हो गया, जिसके बाद देश में शोक की लहर फैल गई। तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें दिल्ली के एम्स में भर्ती कराया गया था, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। मनमोहन सिंह 92 वर्ष के थे और लंबे समय से स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से जूझ रहे थे।
मनमोहन सिंह का जन्म 26 सितंबर 1932 को पश्चिमी पंजाब के गाह (अब पाकिस्तान) में हुआ था। उन्होंने चंडीगढ़ के पंजाब विश्वविद्यालय से प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त की और ग्रेट ब्रिटेन में कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से आगे की पढ़ाई की। अंतिम शिक्षा उन्होंने ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में डॉक्टरेट की डिग्री प्राप्त करके की। वह 2004 से 2014 तक भारत के प्रधानमंत्री रहे और उन्हें भारत के प्रमुख अर्थशास्त्रियों में से एक माना जाता है।
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मनमोहन सिंह को अपने सरल और शांत स्वभाव के लिए हमेशा याद किया जाएगा। वर्ष 2006 में उनकी दूसरी बायपास सर्जरी हुई थी, जिसमें प्रसिद्ध डॉक्टर रमाकांत पांडा ने उनकी सर्जरी की थी। इसके अलावा, कोरोना महामारी के दौरान उन्हें कोविड-19 भी हुआ था, जिसके चलते उनकी स्वास्थ्य समस्याएं और बढ़ गईं।
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गुरुवार को उन्हें सांस लेने में तकलीफ और बेचैनी के कारण एम्स की इमरजेंसी में भर्ती कराया गया, लेकिन लगभग आधे घंटे बाद उनका निधन हो गया। वे 1985 से 1987 तक भारतीय योजना आयोग के प्रमुख भी रह चुके थे। उनके निधन से देश ने एक महान नेता और विद्वान खो दिया है।
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