वाराणसी: देश के प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र में मनरेगा योजना में संविदा पर कार्यरत ग्राम रोजगार सेवकों को यदि 22 माह से मानदेय नहीं दिया जा रहा तो संभवत: इससे बड़ा दुर्भाग्यपूर्ण पहलू दूसरा नहीं हो सकता। ऐसे में सवाल उठना लाजिमी है कि संविदाकर्मियों के हितों की रक्षा का संकल्प लेने वाले और उनके हितों के हितैषी कहां है और क्या कर रहे हैं।हालांकि अब रोजगार सेवकों ने अपनी लड़ाई स्वयं लड़ने का बीड़ा उठा लिया है और मानदेय के भुगतान के लिए उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री से गुहार लगायी है।
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प्रधानमंत्री के जनपद में सभी आठ विकास खण्डों में कार्यरत 427 ग्राम रोजगार सेवक कार्यरत हैं।चिरईगांव विकास खण्ड अंतर्गत बरियासनपुर के ग्राम रोजगार सेवक व वाराणसी के जिलाध्यक्ष अतुल कुमार सिंह ने बताया कि उत्तर प्रदेश ग्राम रोजगार सेवक संघ के प्रदेश अध्यक्ष भूपेश कुमार सिंह के नेतृत्व में संगठन का प्रतिनिधिमंडल मंगलवार को प्रदेश सरकार के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य से उनके लखनऊ स्थित कार्यालय में मुलाकात की।
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प्रतिनिधिमंडल ने उपमुख्यमंत्री से बकाया मानदेय सहित संगठन की विभिन्न मांगों को बिंदुवार रखा जिस पर उपमुख्यमंत्री ने कहा कि ग्राम रोजगार सेवकों की समस्याएं हमारे संज्ञान में है, शीघ्र ही विभागीय बैठक बुलाकर समस्याओं का निस्तारण कराऊंगा।वाराणसी जनपद में ग्राम रोजगार सेवकों का लगभग 3 वर्षों से बकाया मानदेय के संबंध में उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया।
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प्रतिनिधिमंडल में प्रदेश अध्यक्ष के साथ ही प्रदेश प्रवक्ता अरूण मिश्रा,अतुल कुमार सिंह जिला अध्यक्ष वाराणसी, धर्मेंद्र यादव,कमलेश पटेल,काशी नाथ मिश्रा,प्रमोद पटेल,जयशंकर यादव आदि शामिल रहे। जिला संरक्षक वाराणसी आदि लोग मौजूद रहे।
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