वाराणसी: योगी सरकार में भ्रष्ट अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ लगातार कार्रवाई जारी है. मंगलवार को वाराणसी विकास प्राधिकरण के एक कर्मचारी को एंटी करप्शन टीम ने रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है. आरोप है कि कर्मचारी पिछले कई दिनों से काम करवाने के एवज में पैसे की डिमांड कर रहा था, जिसकी शिकायत के बाद उसे गिरफ्तार किया गया।
यह भी पढ़ें: भूख से अधिक खतरनाक कोई आग नहीं, अन्याय से बड़ा कोई विस्फोटक नहीं - प्रो. राहुल सिंह
इस बारे में शिकायतकर्ता शिवकुमार सिंह ने बताया कि वह अपने वकील के माध्यम से वाराणसी विकास प्राधिकरण के संपत्ति विभाग में अपने एक फ्लैट के स्थानांतरण के लिए लगातार परेशान थे. पहले यह फ्लैट उसकी बुआ के नाम हुआ करता था, लेकिन 2019 में फ्लैट का नामांतरण करने की वाराणसी विकास प्राधिकरण में अर्जी दी गई थी, जिसके बाद यहां पर संपत्ति विभाग में तैनात कर्मचारी रवि शंकर उनसे 2 लाख रुपये की डिमांड कर रहा था. किसी तरह 50 हजार में मामला तय हुआ था, लेकिन उसके बाद भी नहीं फ्लैट ट्रांसफर नहीं हुआ.
यह भी पढ़ें: जिलाधिकारी ने निर्माण कार्यों की समीक्षा की, दिसंबर तक कार्य पूरा करने का निर्देश दिया
इसे लेकर पार्ट में पैसा देने पर रजामंदी बनी थी. इसकी शिकायत उसने कल अधिकारियों से भी की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. इसके बाद एंटी करप्शन टीम को इसकी सूचना दी गई और पूरी प्लानिंग के साथ मंगलवार को विभाग के कर्मचारियों ने पांच हजार रुपये रिश्वत के तौर पर पहली किस्त देने की प्लानिंग के साथ पीड़ित को वहां भेजा।
यह भी पढ़ें: सीडीओ ने जनपद में मखाना की खेती को बढावा देने हेतु सभी एफ0पी0ओ0 से की अपील
इसके बाद उसने जैसे ही बाबू रवि शंकर को रिश्वत के पैसे दिए, वैसे ही टीम ने उसे रंगे हाथ पकड़ लिया. इस बारे में वाराणसी विकास प्राधिकरण के अधिकारियों का कहना है कि इस प्रकरण की सूचना उन्हें नहीं थी. फिलहाल संबंधित के खिलाफ विभागीय कार्रवाई भी की जाएगी। इंस्पेक्टर कैंट राजकुमार का कहना है कि संबंधित मामले में एंटी करप्शन टीम कागजी कार्रवाई पूरी कर रही है. उसके बाद संबंधित मामले में उचित धाराओं में मुकदमा दर्ज किया जाएगा।
यह भी पढ़ें: बालू का ठेका दिलाने के नाम पर करोड़ों का घोटाला करने वाले को पुलिस ने कोर्ट के आदेश पर किया गिरफ्तार
No comments:
Post a Comment