केन्या के राष्ट्रपति विलियम रुटो ने गुरुवार को बताया कि उन्होंने अदाणी समूह के साथ हुए उस समझैते को रद्द करने का आदेश दिया है, जिसके तहत देश के मुख्य हवाई अड्डे का नियंत्रण भारतीय समूह सौंप दिया जाना था। केन्या ने यह फैसला कंपनी के संस्थापक पर अमेरिका में अभियोग लगाए जाने के बाद किया गया।
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रुटो ने कहा कि उन्होंने ऊर्जा मंत्रालय की ओर से पिछले महीने अदाणी समूह की एक इकाई के साथ विद्युत वितरण लाइनों के निर्माण के लिए 736 मिलियन डॉलर के सार्वजनिक-निजी भागीदारी समझौते जिसकी मियाद 30 वर्ष थी, को भी रद्द करने का निर्देश दिया है।
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रुटो ने अपने राष्ट्र के नाम संबोधन में कहा, "मैंने परिवहन मंत्रालय और ऊर्जा व पेट्रोलियम मंत्रालय की एजेंसियों को तत्काल चल रही खरीद प्रक्रिया को रद्द करने का निर्देश दिया है।" उन्होंने इस निर्णय का श्रेय "जांच एजेंसियों और साझेदार देशों की ओर से उपलब्ध कराई गई नई जानकारी" को दिया।
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अमेरिकी अधिकारियों ने बुधवार को कहा कि दुनिया के सबसे अमीर लोगों में से एक गौतम अदाणी और सात अन्य प्रतिवादियों ने भारतीय सरकारी अधिकारियों को लगभग 265 मिलियन डॉलर की रिश्वत देने पर सहमति जताई थी। हालांकि, अदाणी समूह ने आरोपों से इनकार किया और एक बयान में कहा कि वह "सभी संभव कानूनी उपाय" तलाशेगा। इससे पहले गुरुवार को ऊर्जा मंत्री ओपियो वांडायी ने कहा था कि ट्रांसमिशन लाइनों के ठेके में कोई रिश्वतखोरी या भ्रष्टाचार शामिल नहीं है।
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