- यूपीडा की समीक्षा बैठक में मंत्री नन्दी ने महाकुम्भ के दृष्टिगत गंगा एक्सप्रेसवे के निर्माण में तेजी लाने के दिए निर्देश
- नवंबर या दिसम्बर में हो सकता है गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे का उद्घाटन, 98.5 प्रतिशत कार्य पूर्ण
- बलिया लिंक एक्सप्रेसवे के लिए जमीन अधिग्रहण का कार्य हुआ पूर्ण
- 29 जनपदों में इण्डस्ट्रियल कॉरिडोर के लिए खरीदी गई 8000 एकड़ भूमि, 12,000 एकड़ भूमि का है लक्ष्य
लखनऊ: उतर प्रदेश सरकार के औद्योगिक विकास मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता नन्दी ने बुधवार को पर्यटन भवन लखनऊ में उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) के विकास कार्यों की विस्तृत समीक्षा की। जिसमें मंत्री नन्दी ने महाकुम्भ 2025 के दृष्टिगत गंगा एक्सप्रेसवे के निर्माण कार्य की प्रगति धीमी मिलने पर रफ्तार बढ़ाने के निर्देश दिए। कहा कि हर हाल में महाकुम्भ 2025 से पहले गंगा एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य पूरा किया जाए, ताकि महाकुम्भ के दौरान लाखों लोगों को पुण्य अर्जित करने का लाभ मिल सके। साथ ही मंत्री नन्दी ने गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे के बचे हुए डेढ़ प्रतिशत कार्य को जल्द से जल्द पूरा कर नवम्बर या फिर दिसम्बर महीने में उद्घाटन कराने के निर्देश दिए।
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मंत्री नन्दी ने कहा कि मेरठ को प्रयागराज और बीच में पड़ने वाले 12
जनपदों को आपस में जोड़ने और यात्रा की अवधि कम करने के लिए ही 594 किलोमीटर लम्बे गंगा एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य कराया जा रहा है। ताकि महाकुम्भ 2025 के दौरान लाखों लोगों को पुण्य अर्जन में इसका लाभ मिल सके। मंत्री नन्दी ने गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे के निर्माण कार्य की प्रगति जानी। जिसके सम्बंध में अधिकारियों ने अब तक 98.5 प्रतिशत कार्य पूर्ण होने और 30
अक्टूबर 2024 कार्य समाप्ति की निर्धारित तिथि की जानकारी दी। जिस पर मंत्री नन्दी ने बचे हुए डेढ़ प्रतिशत कार्य को जल्द से जल्द पूरा कराने के निर्देश दिए। जिस पर अधिकारियों ने कहा कि नवम्बर या फिर दिसम्बर में 7,283 करोड़ की लागत से निर्मित 91.35 किलोमीटर लम्बे गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे का लोर्कापण कराया जा सकता है।
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समीक्षा बैठक में बताया गया कि गाजीपुर से मांझीघाट 131 किलोमीटर लम्बे ग्रीन फील्ड परियोजना एनएच 31
का निर्माण कार्य कराया जाना है। जिसके लिए 822.05 हेक्टेयर भूमि के सापेक्ष 744 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहण एवं क्रय करने का कार्य पूरा कराया जा चुका है। जल्द ही अब आगे की प्रक्रिया को अपनाया जाएगा।
बुन्देलखण्ड एक्सप्रेसवे, पूर्वांचल एक्सप्रेसवे, आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे, गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे व गंगा एक्सप्रेसवे के किनारे 28
जनपदों में 29
स्थलों पर औद्योगिक कॉरिडोर विकसित किए जाने हैं, जिसके लिए 12,000 एकड़ भूमि एकत्रित करने का लक्ष्य है। जिसके सापेक्ष 8000 एकड़ भूमि क्रय की जा चुकी है। जिस पर मंत्री नन्दी ने शेष भूमि को भी जल्द से जल्द क्रय करने के निर्देश दिए।
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अधिकारियों ने बताया कि उत्तर प्रदेश डिफेंस कॉरिडोर के सभी 6 नोड में 1649 हेक्टेयर भूमि चिहिन्त की गई है। जिसमें से 1301 हेक्टेयर भूमि अलॉट की जा चुकी है। अभी तक 8000 करोड़ का इन्वेस्ट हो चुका है। पांच प्लांट से प्रोडक्शन भी शुरू हो गया है। कानपुर नोड में इजराइल की कम्पनियां इनवेस्ट के लिए आ रही हैं।
मंत्री नन्दी ने एक्सप्रेसवे पर चलने वाले सभी वाहन तथा एम्बुलेंस, कैटल कैचर क्रेन, जिनमें जीपीएस की सुविधा उपलब्ध कराई गई है, उनकी लाइव लोकेशन यूपीडा के मुख्यालय में स्थित बोर्ड रूम में दिखाए जाने जाने के निर्देश दिए। बैठक में प्रमुख सचिव उत्तर प्रदेश शासन एवं सीईओ यूपीडा मनोज कुमार सिंह, प्रमुख सचिव औद्योगिक विकास अनिल कुमार सागर, एसीईओ यूपीडा हरि प्रताप शाही व अन्य अधिकारीगण उपस्थित रहे।
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