वाराणसी: विकास खण्ड चिरईगांव में लगाये गए CCTV कैमरा केवल नाम मात्र का है. वाराणसी के अधिकारीयों के आदेश पर हर सरकारी ऑफिस में CCTV कैमरा लगवाया गया था. जिसकी वजह से सभी विकास खण्डों में CCTV कैमरा लगाया गया. लेकिन हजारों रूपये सरकारी खजानें से खर्च करने और कैमरा लगवाने के बावजूद कैमरे चल नही रहे है. और इसकी सुध लेने वाला कोई नहीं है.
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आपको बता दें कि कुछ महीने पूर्व चिरईगांव विकास खण्ड में एक घटना घटी थी जिसमे एक टेंट व्यवसायी ने पैसे ना मिलने की वजह से विकास खण्ड के अन्दर ऑफिस में घुस कर कुछ रजिस्टरों को पेट्रोल डाल कर जला दिया था. जिसमे तत्कालीन खण्ड विकास अधिकारी राजेश बहादुर सिंह ने उस टेंट व्यवसायी के साथ-साथ विकास खण्ड के दो कर्मचारियों के ऊपर भी FIR करवाया था. लेकिन इस घटना का कोई भी CCTV फुटेज उपलब्ध नही था.
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अब ऐसे में सवाल यह उठता है कि क्या विकास खण्ड के खण्ड विकास अधिकारी किसी और बड़ी घटना के होने का इंतजार कर रहें है या फिर वजह कुछ और है. क्योंकि जब हमने इसके बारें में जानने की कोशिश किया तो हमें यह बताया गया कि CCTV लगा तो है लेकिन बंदरों के द्वारा केबल काट दिए जाने की वजह से सभी कैमरे बंद है.
क्या विकास खण्ड में अभी महीने दो महीने या फिर एक साल से बंदरों का आना जाना है जो यहा मौजूद अधिकारीयों को इसके बारें में पता नही है या फिर चक्कर कुछ और है क्योकि अगर CCTV लगवाया गया है तो बंदरों का भी ख्याल रखते हुए ये कैमरे लगवाने चाहिए जिससे की अगर विकास खण्ड में कोई भी छोटी या बड़ी घटना हो तो वह तुरंत कैमरे में कैद हो जाय.
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