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Sunday, October 27, 2024

दुबई में रहने वाले सरगना के इशारे पर भारत में ब्रोकर गैंग चला रहा था युवक, गिरोह के 4 गिरफ्तार

वाराणसी: डिजिटल अरेस्ट करने वाले गिरोह के दुबई निवासी सरगना के इशारे पर देश में उन्हें पैसे के लेन-देन के लिए बैंक खाते उपलब्ध कराने वाले ब्रोकर गैंग के चार जालसाजों को गिरफ्तार किया गया है। साइबर क्राइम थाने की पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए ब्रोकर गैंग का सरगना गुजरात के जामनगर के श्रीनाथजी मंदिर स्ट्रीट, महालक्ष्मी चैक निवासी पाटेलिया दिशांत है।


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इस मामले में गिरफ्तार अन्य तीन आरोपियों की पहचान पाटेलिया के साथी जामनगर के लुहारसर भाटफली के दीपक दिनेश भाई जोगिया और भदोही के औराई थाने के पुरेमुडिया के नितिन पांडेय और फूलपुर थाना क्षेत्र के मंगारी के सत्यम मिश्रा के रूप में हुई है। आरोपियों के पास से आठ मोबाइल, 20 डेबिट कार्ड, 10 सिम कार्ड, छह सिम कार्ड रैपर, 13 एटीएम किट, 14 पासबुक और 6070 रुपये बरामद किए गए हैं।

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डीसीपी गोमती जोन / क्राइम प्रमोद कुमार ने बताया कि 23 अक्तूबर 2024 सिंहापुर, हरहुआ निवासी अजय सिंह ने साइबर क्राइम पुलिस थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। उनका आरोप है कि साइबर जालसाजों ने उनको बेहतर मुनाफे का फर्जी झांसा देकर उनका विभिन्न बैंकों में खाता खुलवाया। उन बैंक खातों से भारी मात्रा में पैसे का ट्रांजेक्शन किया गया। उन बैंक खाते को पुलिस द्वारा फ्रीज करा दिया गया।

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मुकदमा दर्ज कर साइबर क्राइम थाना प्रभारी विजय नारायण मिश्र के नेतृत्व में इंस्पेक्टर विजय नारायण मिश्र, राकेश कुमार गौतम व अनीता सिंह और हेड कांस्टेबल आलोक कुमार सिंह व श्याम लाल गुप्ता की टीम ने जांच शुरू की। सर्विलांस, डिजिटल फुट प्रिंट का इस्तेमाल करते हुए बैंक खाता ब्रोकर गैंग के अंतरराष्ट्रीय सरगना सहित चार साइबर जालसाजों को चिह्नित कर उन्हें गिरफ्तार किया गया।

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खाते में आने वाले पैसे का 30 प्रतिशत कमीशन मिलता है

आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि उनके द्वारा खुलवाए गए खातों में आने वाले पैसे का 30 प्रतिशत उन्हें मिलता है और वह उसे आपस में बांट लेते है। इसके लिए डिजिटल हाउस अरेस्ट और इन्वेस्टमेंट स्कैम गैंग के दुबई में बैठे सरगना से मीटिंग की जाती है। फिर, हाई लिमिट वाले बैंक खाते इंटरनेशनल एक्टिव एटीएम कार्ड, खातों में पंजीकृत सिमकार्ड आदि उपलब्ध कराने की डीलिंग होती है। इसके बाद इनके द्वारा देश के विभिन्न राज्यों और शहरों में अपना सिंडिकेट बनाया जाता है।

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