वाराणसी: किसानों को उचित मूल्य पर उर्वरक उपलब्ध कराने, उर्वरकों की कालाबाजारी रोकने के साथ ही गुणवत्ता बनाये रखने के उद्देश्य से बुधवार को उर्वरक बिक्री केंद्रों पर छापेमारी की गयी। जिलाधिकारी के आदेश के क्रम में मुख्य विकास अधिकारी हिमांशु नागपाल द्वारा कुल तीन टीमों का गठन किया गया। छापेमारी के दौरान जनपद में कुल 47 उर्वरक बिक्री केंद्रों की जांच की गयी चार केंद्रों के लाइसेंस निलंबित कर दिये गये। छापेमारी के दौरान उर्वरकों के 15 नमूने लिये गये जिन्हे परीक्षण हेतु प्रयोगशाला में भेजा जायेगा।
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इन केंद्रों पर हुई कार्रवाई -
निरीक्षण के दौरान मेसर्स जिला औद्यानिक सहकारी विपणन संघ-रामेश्वर, मेसर्स शुभ ट्रेडर्स-मंगारी, मेसर्स सौरभ फर्टिलाइजर-मंगारी एवम् मेसर्स उज्जवल
ट्रेडर्स-मंगारी उपरोक्त केंद्रों का लाइसेंस निलम्बित कर दिया गया।साथ ही मेसर्स
साधन सहकारी समिति-जाल्हुपुर, मेसर्स
गुप्ता एण्ड कम्पनी-जाल्हुपुर, मेसर्स
विशाल ट्रेडर्स-टेकरिया, मेसर्स
सर्वोत्तम खाद भण्डार-असवारी, मेसर्स
मौर्या बीज भण्डार-चित्तापुर, मेसर्स
मां वैष्णो खाद भण्डार-भोपापुर, मेसर्स
कृषि विकास एजेन्सी-भोपापुर का अभिलेख अपूर्ण होने एवं रेटबोर्ड अद्यतन न होने की
वजह से कारण बताओ नोटिस जारी की गयी।
जिला कृषि अधिकारी संगम सिंह ने
बताया कि छापेमारी के दौरान अवैध रूप से व्यापार तथा उर्वरकों की कालाबाजारी करने
वाले बिक्रेताओं के विरूद्ध यह अभियान निरंतर जारी रहेगा। साथ ही छापेमारी के
दौरान नामित उर्वरक निरीक्षकों के द्वारा कुल 47 बिक्री केन्द्रों की जांच करते
हुए गुणवत्ता परीक्षण हेतु 15 उर्वरक के नमूने ग्रहीत किये गये।
टीम में शामिल रहे ये अधिकारी-
जिला कृषि अधिकारी संगम
सिंह, जिला उद्यान अधिकारी सुभाष कुमार, जिला कृषि रक्षा अधिकारी बृजेश
कुमार विश्वकर्मा, जिला दिव्यांगजन सशक्तिकरण अधिकारी आरपी सिंह, उप सम्भागीय कृषि प्रसार अधिकारी-सदर निरूपमा सिंह, परियोजना अधिकारी-नेडा प्रेम प्रकाश
सिंह, रोहित
कुमार सिंह, वरिष्ठ सहायक अरविंद श्रीवास्तव आदि शामिल रहे।
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