बांग्लादेश में जारी सियासी संकट भारत की अर्थव्यवस्था के लिए नुकसानदायक होगा या फायदेमंद होगा. इसको लेकर अलग-अलग अनुमान लगाए जा रहे हैं. एक्सपोर्ट के मोर्चे पर भारत को पहले ही 2 साल से गिरावट का सामना करना पड़ रहा था जो वहां के मौजूदा हालात के लंबे समय तक ऐसे ही बने रहने पर इस साल फिर से गिरावट की वजह बन सकते हैं.
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दक्षिण एशिया में भारत और बांग्लादेश
सबसे मजबूत सहयोगी के तौर पर जाने जाते हैं. बीते 10 साल में दोनों देशों के संबंधो ने नई
ऊंचाइयों को छुआ है. ऐसे में बांग्लादेश में हुए तख्ता पलट का द्विपक्षीय व्यापार
पर असर होना तय है. लेकिन अब दोनों देशों के बीच फ्री ट्रेड एग्रीमेंट को लेकर की
जा रही कोशिशें जल्द पूरी नहीं होने की आशंका है. वर्ल्ड बैंक के मुताबिक इस एफटीए का
दोनों देशों को फायदा होगा जिससे बांग्लादेश का भारत को एक्सपोर्ट 297 फीसदी तक बढ़ सकता है. वहीं भारत को भी
एफटीए से बांग्लादेश को एक्सपोर्ट 172 फीसदी तक बढ़ाने में मदद मिल सकती है.
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बांग्लादेश में अडानी विल्मर की डिमांड!
अगर बात भारत के इंपोर्ट और एक्सपोर्ट की जाए तो सबसे ज्यादा झटका भारत के कपास के कारोबार और उसके निर्यात को लगने की आशंका है. भारत हर साल करीब 2.4 अरब डॉलर का कपास बांग्लादेश को निर्यात करता है. वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक 2012-13 में भारतीय कपास के कुल निर्यात में बांग्लादेश की महज 16.8 फीसदी हिस्सेदारी थी. लेकिन 2023-24 तक भारतीय कपास के कुल निर्यात में बांग्लादेश की हिस्सेदारी बढ़कर 34.9 परसेंट हो गई है.
कपास के बाद बांग्लादेश को भारत से
निर्यात किए जाने वाले सामानों में दूसरा नंबर फ्यूल का है. इसके अलावा भारतीय
कंपनियों की भी बड़ी मौजूदगी बांग्लादेश में है. अडानी ग्रुप की कंपनी अडानी
विल्मर बांग्लादेश के सबसे बड़े कुकिंग ऑयल ब्रांड की मालिक है. भारत की ऑटो
कंपनियां भी वहां बड़े पैमाने पर एक्सपोर्ट करती हैं.
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बांग्लादेश में बनते हैं Zara-H&M के कपड़े!
हालांकि इस सियासी संकट से पहले भी
बांग्लादेश के आर्थिक संकट और महंगाई ने बांग्लादेश में ओवरऑल डिमांड को घटाया था,
जिससे भारतीय
निर्यात में भी कमी आई है. बांग्लादेश एक्सपोर्ट की पहचान अपने गारमेंट सेक्टर की
वजह से है, क्योंकि
ये दुनिया के सबसे बड़े अपैरल एक्सपोर्टर में से एक है. Zara और H&M जैसे बड़े लोकप्रिय फैशन ब्रांड्स के
कपड़े बड़े पैमाने पर बांग्लादेश में ही तैयार होते हैं. बांग्लादेश के कुल
एक्सपोर्ट में गारमेंट इंडस्ट्री की हिस्सेदारी 83 परसेंट है.
बांग्लादेश दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा क्लोदिंग एक्सपोर्टर है. लेकिन मौजूदा अशांति की वजह से बांग्लादेश का अपैरल उद्योग बुरी तरह प्रभावित हो सकता है जिसका फायदा चीन को मिल सकता है. वैसे तो भारत के लिए भी ये एक बड़ा मौका है, क्योंकि भारत खुद दुनिया का छठा सबसे बड़ा अपैरल एक्सपोर्टर है.
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