लखनऊ: समाज कल्याण एवं जनजाति विकास विभाग में कार्यरत संविदा शिक्षक एवं पैरामेडिकल कर्मी विभागीय शोषण से निजात पाने के लिए आंदोलन करने का मन बना बैठे हैं। विभाग में कार्यरत लगभग 1000 संविदा कर्मचारियों ने उत्पीड़न के खिलाफ राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के माध्यम से आवाज उठाने का निर्णय लिया है। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष जे एन तिवारी ने समाज कल्याण एवं जनजाति विकास विभाग के संविदा कर्मियों की समस्याओं पर कार्यवाही न होने से प्रमुख सचिव समाज कल्याण को धरना प्रदर्शन की नोटिस भेज दिया है।
उन्होंने लखनऊ में एक प्रेस विज्ञप्ति में अवगत कराया है कि समाज कल्याण विभाग के जिला समाज कल्याण अधिकारी एवं प्रधानाचार्य संयुक्त परिषद के पदाधिकारी को परेशान कर रहे हैं। उन्होंने अवगत कराया है कि राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद की महामंत्री श्रीमती अरुणा शुक्ला जोकि राजकीय आश्रम पद्धति विद्यालय रैन बछरावां मे कार्यरत है दिसंबर 2022 में 8 दिन का वेतन अवरुद्ध किया गया है। जनवरी, फरवरी, मार्च, मई 2024 में भी स्कूल की प्रधानाचार्य वंदना त्रिवेदी ने एक एक दिन का वेतन मनमाने तरीके से काट लिया है। वंदना त्रिवेदी पहले भ्रष्टाचार के आरोप में निलंबित रह चुकी है। रैन में आकर वह राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के महामंत्री को परेशान कर रही है। वंदना त्रिवेदी ने शासन के कार्मिक विभागके आदेशों की भी अवहेलना किया है।
कार्मिक विभाग ने परिषद के महामंत्री को एक कैलेंडर वर्ष में 7 दिन का विशेष अवकाश एवं अधिकारियों से मिलने के लिए बायोमेट्रिक में छूट की सुविधा दिया है। वंदना त्रिवेदीने शासन के आदेशों को मानने से मना कर दिया है। समाज कल्याण विभाग के उच्च स्तर के अधिकारी भी शासन के आदेशों की अवहेलना के लिए स्कूल की प्रधानाचार्य के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं करते हैं जिससे उनका मनोबल बढ़ा हुआ है। विभागीय उच्च अधिकारियों की शिथिलता के कारण संयुक्त परिषद का पदाधिकारी परेशान किया जा रहा है। इसके अलावा जनजाति विकास विभाग में 04 संविदा शिक्षकों को वेतन आयोग के क्रम में संशोधित संविदा राशि का लाभ नहीं दिया जा रहा है।
समाज कल्याण विभाग में 2020 से संविदा से बाहर चल रही तीन संविदा शिक्षकों को अभी तक वापस नहीं लिया गया है। संयुक्त परिषद के अध्यक्ष जे एन तिवारी ने कहा है कि उन्होंने समाज कल्याण एवं जनजाति विकास विभाग के संविदा कर्मियों के उत्पीड़न से प्रमुख सचिव एवं विभागीय मंत्री जी को अवगत कराया है लेकिन स्कूलों के प्रधानाचार्य एवं जिला समाज कल्याण अधिकारी प्रदेश के उच्च अधिकारियों पर भारी है। संविदा शिक्षकोंको चिकित्सा अवकाश देने, महिला कर्मियों के लिए चाइल्ड केयर लीव दिए जाने का प्रकरण भी लंबित है। संविदा नवीनीकरण के नाम पर निदेशालय में गठित एटीएस प्रकोष्ठ में शिक्षकों के दोहन का कार्यक्रम योजनाबद्ध तरीके से चलाया जा रहा है।
प्रकोष्ठ में एटीएस हरदोई के एक संविदा शिक्षक को पिछले 5 साल से संबद्ध करके जनपदों में काम करनेवाले शिक्षकों का शोषण कराया जा रहा है। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने इस संबंध में कई बार प्रमुख सचिव एवं निदेशक को अवगत भी कराया है। ऐसा लगता है कि सभी की मिली भगत से यह गोरख धंधा हो रहा है। जे एन तिवारी ने कहा है कि 27 अगस्त को समाज कल्याण विभाग एवं जनजाति विकास विभाग के शिक्षक एवं पैरामेडिकल कर्मी निदेशालय पर धरना प्रदर्शन करेंगे। उनके धरना प्रदर्शन में राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद से संबद्ध विभिन्न विभागों के कर्मचारी एवं पदाधिकारी भी शामिल होंगे।
इसके पहले 16 अगस्त से समाज कल्याण एवं जन जनजाति विकास ,दोनों विभागों के संविदा शिक्षक लाल फीता शाही एवं मनमानी के खिलाफ विरोध प्रकट करते हुए काला फीता बांधकर काम करेंगे। राज्य कर्मचारी संयुक्त राजकीय पद्धति विद्यालय रैन बछरावां की प्रधानाचार्य श्रीमती वंदना त्रिवेदी जांच कराने की भी मांग किया है। वंदना त्रिवेदी वहां सिर्फ तीन महीना पहले पहुंची है और उन्होंने कई टीचरों की संविदा रिपोर्ट खराब कर दिया है जबकि संविदा का नवीनीकरण पिछले वर्ष के कार्य आचरण एवं परीक्षा परिणाम के आधार पर होना है। उस दौरान वंदना त्रिवेदी रैन में तैनात नहीं थी।
50% परीक्षा परिणाम के नाम पर भी नवीनीकरण में गोरखधंधा चल रहा है। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ,समाज कल्याण जनजाति विकास विभाग की अनियमितताओं को मुख्यमंत्रीजी जी के संज्ञान में लाकर कार्यवाही का अनुरोध करेगी। विभागकी कार्यप्रणाली के खिलाफ 25 अक्टूबर को विधान सभा का घेराव कर मुख्य मंत्री जी को ज्ञापन सौंपा जाएगा।
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