लखनऊ: यूपी के स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक ने गुरुवार को लापरवाह चिकित्सा अधिकारियों के खिलाफ बड़ा एक्शन लिया. उन्होंने 17 चिकित्सा अधिकारियों की बर्खास्तगी का आदेश दिया है. इन पर काम में लापरवाही और लंबे समय से ड्यूटी से नदारद रहने जैसे गंभीर आरोप लगे हैं. प्रदेश के विभिन्न जिलों में तैनात लापरवाह चिकित्साधिकारियों पर इस कार्रवाई से हड़कंप मच गया है.
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पाठक ने ड्यूटी में लापरवाही बरतने वाले इन 17 चिकित्साधिकारियों की बर्खास्तगी के निर्देश जारी किए हैं. प्रमुख सचिव चिकित्सा एंव स्वास्थ्य को इसके लिए निर्देश दिए गए हैं. ये 17 चिकित्साधिकारी लंबे समय से बिना सूचना अनुपस्थित चल रहे थे. डिप्टी सीएम ने इस कार्रवाई की घोषणा करते हुए कहा, चिकित्सकीय सेवाओं में लापरवाही बरतने वाले बख्शे नहीं जाएंगे. तीन चिकित्साधिकारियों के खिलाफ अनुशासनिक कार्रवाई के भी निर्देश जारी किए गए हैं. तैनाती से संबंधित मण्डलीय अपर निदेशकों को जांच अधिकारी बनाया गया है.
इनकी बर्खास्तगी के आदेश
- सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बलदेव मथुरा के चिकित्साधिकारी डॉ. आनंद गोयल
- सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के सब सेंटर मोहनकोला, सिद्धार्थनगर की चिकित्साधिकारी डॉ. नेहा सिंह
- प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र जगदीशपुर बस्ती की चिकित्साधिकारी डॉ. निक्की
- प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र जमीन फरेंदा, आजमगढ़ की चिकित्साधिकारी डॉ. ईशा सिंह
- सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र खेसरहा सिद्धार्थनगर की चिकित्साधिकारी डॉ. पारुल वर्मा
- प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र होलीपुरा बाह की चिकित्साधिकारी डॉ. कृतिका
- प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र आहरण आगरा की चिकित्साधिकारी डॉ. सुनाक्षी सेठ
- सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के सब सेंटर बेतिया, सिद्धार्थनगर के चिकित्साधिकारी डॉ. रजनीश चौधरी
- प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मुरली छपरा, बलिया के चिकित्साधिकारी डॉ. राहुल कुमार
- अधीन मुख्य चिकित्साधिकारी बलिया डॉ. जैन
- सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कालपी जालौनी के चिकित्साधिकारी डॉ. सत्येंद्र पुरवार
- प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, बमटापुर (बरनाहाल), मैनपुरी की चिकित्साधिकारी डॉ. अंजली वर्मा
- सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, औछा मैनपुरी की चिकित्साधिकारी डॉ. स्वाति कुशवाहा
- सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मड़िहान मिर्जापुर के चिकित्साधिकारी डॉ. अखलाक अहमद
- प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, भोजीपुरा, बरेली की चिकित्साधिकारी डॉ. रूबी जायसवाल
- सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, जसराना फिरोजाबाद की चिकित्साधिकारी डॉ. सरिता पांडे्य
- प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र हथौली, जयसिंहपुर, फिरोजाबाद के चिकित्साधिकारी डॉ. मनीष मगन
इन पर अनुशासनात्मक कार्रवाई
तीन चिकित्सकों पर अनुशासनिक कार्रवाई के निर्देश भी डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने दिए हैं एवं उक्त चिकित्सकों की तैनाती से संबंधित मंडलीय अपर निदेशकों को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया है।
- जिला चिकित्सालय झांसी के अस्थि रोग विशेषज्ञ डॉ. मुकुल मिश्रा
- सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र फतेहपुर बाराबंकी में तैनान नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. माधवी सिंह
- मुख्य चिकित्साधिकारी बरेली के अधीन डॉ. प्रमोद कुमार शर्मा शामिल
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के तमाम जिलों में ऐसे कई चिकित्सा अधिकारी हैं, जिन्हें सरकार मोटी सैलरी पर नियुक्त करती है, लेकिन वो दूरदराज के क्षेत्रों में बने जिला अस्पताल, सीएचसी, पीएचसी में ड्यूटी करने नहीं जाते हैं या फिर अक्सर नदारद रहते हैं. कई बार बड़ी सड़क दुर्घटनाओं के वक्त स्वास्थ्य अधिकारियों की गैर मौजूदगी की वजह से घायलों को समय पर इलाज नहीं मिल पाता है. डॉक्टर ग्रामीण इलाकों की बजाय बड़े शहरों में बने आवास में रहते हैं, जबकि उन्हें आवासीय सुविधा भी मुहैया कराई जाती है. फिर भी वो दायित्वों को गंभीरता से नहीं लेते हैं. ऐसे में यह बड़ी कार्रवाई सरकार को करनी पड़ी है.
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