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Tuesday, June 4, 2024

कुछ कर्म तो कुछ धोखे बने चंदौली में हार का कारण!

 देवेन्द्र सिंह (संपादक पूर्वांचल खबर) की कलम से

लोक सभा चुनाव के परिणाम लगभग आ गए है. उत्तर प्रदेश में बीजेपी को मात्र 33 सीटों पर जीत मिली है जबकि मुख्यमंत्री योगी के साथ-साथ प्रधानमंत्री मोदी भी 80 की 80 सीटों पर दावा करते नहीं थक रहें थे. लेकिन जब परिणाम का समय आया तो बीजेपी आधी सीटों पर भी जीत हासिल करती नही दिखी.



क्या बीजेपी की समीक्षा और अमित शाह की रणनीति हुई फ़ैल

जी हाँ आपको बता दें कि बीजेपी के चाणक्य कहे जाने वाले अमित शाह भी उत्तर प्रदेश की जनता को नही समझ सके. क्योंकि अगर समझ गए होते तों जरुर कोई ठोस कदम उठाते लेकिन उनको बार-बार वाराणसी आने के बाद भी इसकी खबर तक नही लगी. लेकिन दूसरा कारण यह भो हो सकता है कि वाराणसी सीट से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी खुद प्रत्याशी थे. इस लिए सभी बड़े नेताओं का ध्यान वाराणसी सीट से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को जिताने का हो लेकिन यह सबकों पता था कि प्रधानमंत्री मोदी को हराना आसन नही है. फिर भी बड़े-बड़े नेताओं का वाराणसी में ही प्रचार करना यह समझ से परे है.

फ़िलहाल हम वाराणसी से सटे चंदौली लोक सभा सीट की बात करते है. बीजेपी के कार्यकर्ताओं को यह भली भाती पता था चंदौली सांसद महेंद्र नाथ पाण्डेय अपने लोकसभा क्षेत्र में पिछले 10 सालों में प्रधानमंत्री के वाराणसी दौरे से भी कम बार आये है. लेकिन चापलूसी करने के चक्कर में किसी ने भी उनको इस बात का ध्यान नही दिलाया कि उनको अपने लोकसभा में आना चाहिए और लोगो के संपर्क में रहना चाहिए.

दुसरे चंदौली सांसद महेंद्र नाथ पाण्डेय के जो प्रतिनिधि है उन्होंने ने भी कभी जनता के सामने जाने की जोखिम नही उठाई. उनको तो सिर्फ अपना काम बनता भांड में जाए जनता वाली कहावत के ऊपर विश्वास था. जिसका परिणाम आज उनके सामने है.

तीसरी बात कई लोगों के मुह से यह भी सुनने को मिला कि पाण्डेय जी कहते है कि जनता को जितना चिल्लाना चिल्लाने दो मोदी जी की एक जनसभा ही काफी है. इसी आत्म विश्वास की वजह से आज नतीजा सबके सामने है. यह भ्रम किसने पाण्डेय जी के मन में बैठा दिया कि काम करिए और जनता के बिच में मत जाइये. एक बार मोदी जी की जनसभा हो गयी तो समझिये जीत पक्की है.

आपको बतादें कि इलेक्शन कमीशन ने जो रिपोर्ट दिया है उसमे शिवपुर विधानसभा को छोड़कर सभी विधान सभाओं में महेंद्र नाथ पाण्डेय को हार का सामना करना पड़ा. देखना अब यह है कि जैसे पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी विधानसभा के विधायकों को महेंद्र नाथ पाण्डेय को जीताने का आदेश दिया था. इसके साथ साथ यह भी चर्चा थी की अगले विधानसभा चुनाव में टिकट भी इसी परफोर्मेंस के अधार पर दिया जायेगा.

लेकिन अगर इस अधार पर देखा जाय तो शिवपुर विधानसभा के विधायक और मंत्री अनिल राजभर की छोड़कर किसी भी विधायक के विधानसभा से महेंद नाथ पाण्डेय को बढ़त नही मिली उलटे विपक्षी को जीत ही मिली है. सैयदराजा विधायक सुशिल सिंह के क्षेत्र से भी बीजेपी को हार ही मिली इसके साथ साथ पंडित दीनदयाल नगर से, सकलडीहा विधानसभा से और अजगरा विधानसभा से भी हार का सामना करना पड़ा.

अब देखना यह है कि आने वाले विधानसभा चुनाव में क्या बीजेपी या योगी आदित्यनाथ इनको फिर से टिकेट देते या फिर अपने द्वारा दिए गए अल्टीमेटम के तहत इनको बहार का रास्ता दिखा देते है. फिल हाल यह देखना दिलचस्प होगा की क्या नरेन्द्र मोदी सर्कार बनाते है या फिर नही. 

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