वाराणसी: प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत स्वयं सहायता समूह के माध्यम से जनपद के टीबी रोगियों को प्रदान की जा रही पोषण पोटली की पहल की प्रशंसा की गई। हाल ही में सेंट्रल टीबी डिवीजन के सहायक महानिदेशक व पब्लिक हेल्थ विशेषज्ञ डॉ रघुराम एस राव ने जिला क्षय रोग अधिकारी (डीटीओ) डॉ पीयूष राय को पत्र भेजकर इस पहल की प्रशंसा की और उत्साहवर्धन भी किया। जरूरतमंद क्षय रोगियों को मिलने वाली पोषण संबंधी सहायता टीबी उन्मूलन में बेहतर योगदान निभा रही है।
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पत्र में जिला क्षय रोग अधिकारी के लिए कहा गया है - “प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत स्वयं सहायता समूह के माध्यम से लगभग 2000 पोषण पोटली वितरित करने में आपकी टीम द्वारा की गई उल्लेखनीय पहल के लिए अपनी हार्दिक प्रशंसा व्यक्त कर रहा हूँ। तपेदिक (टीबी) से प्रभावित लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए आपका समर्पण और प्रतिबद्धता वास्तव में सराहनीय है। स्वयं सहायता समूहों के साथ भागीदारी करके, आपने न केवल जरूरतमंद व्यक्तियों और परिवारों को आवश्यक जीविका प्रदान की है, बल्कि समुदायों को टीबी और इसके सामाजिक-आर्थिक प्रभाव से निपटने में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए सशक्त भी बनाया है। पोषण पोटली का वितरण न केवल टीबी रोगियों और उनके परिवारों की तत्काल पोषण संबंधी जरूरतों को पूरा करता है, बल्कि प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान के लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में आपके कार्यालय द्वारा अपनाए गए व्यापक दृष्टिकोण का प्रमाण भी है”। “केंद्रीय टीबी प्रभाग की ओर से, मैं टीबी उन्मूलन के लिए आपके प्रयासों और समर्पण के लिए अपना हार्दिक आभार व्यक्त करना चाहता हूँ। आपका नेतृत्व और दृष्टिकोण प्रेरणादायक है, और हम टीबी के खिलाफ लड़ाई में निरंतर समर्थन की आशा करते हैं। टीबी समुदाय के स्वास्थ्य और कल्याण में आपके अमूल्य योगदान के लिए एक बार फिर धन्यवाद”।
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इस उपलब्धि के लिए मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ संदीप चौधरी ने भी जिला क्षय रोग अधिकारी और स्वयं सहायता समूह की प्रशंसा की। डीटीओ डॉ पीयूष राय ने बताया कि राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) के सहयोग से काशी विद्यापीठ ब्लॉक की मुस्कान स्वयं सहायता समूह के द्वारा पोषण पोटली क्रय की जा रही है। अप्रैल 2023 से अब तक 2000 से अधिक पोषण पोटली क्रय कर टीबी रोगियों को प्रदान की जा चुकी हैं। पोषण पोटली में एक-एक किलो मूँगफली, भुना चना, गुड़, सत्तू, तिल या गज़क को शामिल किया गया है। पोषण पोटली से टीबी मरीजों को प्रोटीन व अन्य सूक्ष्म पोषक तत्वों को शामिल किया गया है जोकि उपचार में उनकी मदद कर रहे हैं। इसके अलावा निक्षय पोषण योजना के तहत इलाज के दौरान हर माह 500 रुपये भी सीधे मरीज के बैंक खाते में भेजे जा रहे हैं। इस राशि का उचित इस्तेमाल पोषक तत्वों के लिए करें।
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उन्होंने कहा कि क्षय रोगी नियमित दवा का सेवन करें, इससे वह पूरी तरह ठीक हो जाएंगे। हर माह की 15 तारीख को मनाए जाने वाले ‘निक्षय दिवस’ पर सम्पूर्ण उपचार के लिए प्रेरित किया जा रहा है। ‘टीबी से जुड़ी अधिक जानकारी के लिए टोल फ्री नंबर 1800-11-6666 पर संपर्क किया जा सकता है।
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