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Friday, June 21, 2024

पाँच साल की रुही को मिला नया जीवन, दिल में छेद का हुआ सफल ऑपरेशन

वाराणसी: राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन और केंद्र सरकार की ओर से गरीब और निर्धन परिवार में जन्मजात विकृत से 18 वर्ष तक के बीमार बच्चों के लिए राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) के तहत मुफ्त इलाज की व्यवस्था की गई है। आरबीएसके के तहत जन्मजात हृदय रोग, कटे होंठ-तालू, बहरापन, टेड़े-मेढ़े पैर, न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट समेत 40 से अधिक की बीमारियों को शामिल किया गया है। ऐसे बच्चों की असमय मृत्यु को कम करने के साथ उन्हें सामान्य जीवन व्यतीत करने में आरबीएसके अहम भूमिका निभा रहा है।


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इसी क्रम में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) हरहुआ के अंतर्गत आरबीएसके की टीम ने इसी साल फ़रवरी में आंगनवाड़ी केंद्र सभईपुर पर स्वास्थ्य जांच करने पहुंची। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता किरण देवी की मौजूदगी में हुई जांच में एक बच्ची रूही उम्र साढ़े पाँच वर्ष को देखा, जिसके दिल में छेद होने की पुष्टि नोडल मेडिकल ऑफिसर डॉ अब्दुल जावेद ने की। इसके बारे में रुही की माता सोनल देवी और पिता शिवम को अवगत कराया। इस बात से वह काफी घबरा गए, लेकिन डॉ अब्दुल ने उन्हें बताया कि घबराने की जरूरत नहीं है। सरकार की ओर से इसका मुफ्त इलाज हो जाएगा। इलाज के बारे में डॉ जावेद ने सीएमओ डॉ संदीप चौधरी और नोडल अधिकारी व एसीएमओ डॉ संजय राय को दी। समस्त दस्तावेज़ तैयार कर गरीब परिवार को जब जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज अलीगढ़ का पत्र ऑपरेशन के लिए मिला और वो भी मुफ्त में तो माता-पिता बहुत खुश हुए। चार से पाँच बार अलीगढ़ पहुँच कर अपनी बेटी रूही को दिखाया। इसी बीच रुही की अधिक तबीयत खराब होने पर दिखाया तो पिछले सप्ताह रुही को भर्ती कर उसका दिल के छेद का सफल ऑपरेशन हुआ जो अब पूरी तरह से ठीक है। गाँव व परिवार के लोगों ने स्वस्थ रहने की कामना को लेकर चार बोतल ब्लड भी दिया जो ठीक होने की सूचना पर बेहद खुश हैं। इस तरह रूही को एक नई जिंदगी मिली जो खुलकर हंस सकती है। आरबीएसके हरहुआ टीम में डॉ अब्दुल जावेद, डॉ अरविंद कुमार, डॉ शैलेन्द्र कुमार, विनोद कुमार, एएनएम गीता देवी और रंजना कुमारी का सराहनीय योगदान रहा। हरहुआ पीएचसी के प्रभारी डॉ संतोष कुमार ने भी आरबीएसके टीम के प्रयास की सराहना की।

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रूही की माता सोनल देवी व पिता शिवम ने कहा कि हमें हरहुआ स्वास्थ्य टीम ने बहुत हिम्मत दी। अलीगढ़ आने जाने में भी बहुत सहयोग किया, जिसका परिणाम है कि मेरी बच्ची का सफल इलाज हुआ और उसके चेहरे में आई खुशी से हम सभी बहुत खुश हैं। परिजनों से समस्त डॉक्टर टीम को धन्यवाद दिया।   

सीएमओ डॉ संदीप चौधरी ने बताया कि आरबीएसके हरहुआ टीम के द्वारा बच्ची के दिल में छेद की सूचना मिलते ही उसके निःशुल्क इलाज के लिए समस्त दस्तावेज़ तैयार कर अलीगढ़ मेडिकल कॉलेज प्रेषित किया गया। सभी कार्रवाई पूरी होने पर आरबीएसके के अंतर्गत रुही का सफल इलाज हुआ और उसे फिर से एक नई जिंदगी मिली। उन्होने कहा कि मेडिकल कॉलेज पहुँचने के बाद मरीज के साथ एक परिजन के रहने एवं गंभीर विकृति के इलाज, जांच एवं दवा का पूरा खर्च सरकार इस आरबीएसके के अंतर्गत वहन करती है।

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सीएमओ ने बताया कि आरबीएसके के अंतर्गत जनपद में ग्रामीण क्षेत्रों में 16 टीमें कार्यरत हैं जो प्रत्येक गाँव में विजिट कर जन्मजात दोषों की पहचान करती हैं एवं उनके उपचार के लिए प्रयास करती है। आरबीएसके के अंतर्गत विभिन्न जन्मजात दोषों का चिन्हीकरण करके जन्म से लेकर 18 वर्ष तक के बच्चों के उपचार के लिए सरकार द्वारा गंभीरता से प्रयास किया जा रहा है।

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