लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लोक भवन में मंत्रिमण्डल की बैठक में मंत्रिगण को ‘संवाद, समन्वय और संवेदनशीलता’ का मंत्र देकर एक बार फिर से जनता के बीच भ्रमण के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा है कि सरकार जनता के लिए हैं, हमारे लिए जनहित सर्वोपरि है। ऐसे में समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति की समस्याओं, अपेक्षाओं और आवश्यकताओं का समाधान होना ही चाहिए। मंत्रिगण फील्ड में जाएं, संवेदनशीलता के साथ जनता से संवाद करें और स्थानीय जनप्रतिनिधियों तथा शासन-प्रशासन के साथ समन्वय बनाते हुए समस्याओं का समाधान कराएं। जहां भी समस्या हो, मुख्यमंत्री कार्यालय को अवगत कराएं, हर समय पूरा सहयोग मिलेगा। मंत्रिसमूह के क्षेत्रीय भ्रमण के कार्यक्रम पुनः आरम्भ किये जाए।
मुख्यमंत्री ने सर्वप्रथम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में लगातार तीसरी बार केंद्र में सरकार बनने पर बधाई दी। उन्होंने सांसद निर्वाचित हुए राज्य सरकार के मंत्रिगण को बधाई भी दी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के 10 वर्षों के कार्यकाल में जिस तरह उत्तर प्रदेश में विकास को रफ्तार मिली है, आने वाले 05 वर्षों में हम अनेक नए कीर्तिमान रचने में सफल होंगे। सभी मंत्रिगण केंद्र और राज्य सरकार की उपलब्धियों का व्यापक प्रचार-प्रसार करें। सोशल मीडिया पर सक्रियता बढ़ाएं। डबल इंजन सरकार की नीतियों, निर्णयों और उनके सकारात्मक परिणाम से जनता को अवगत कराएं।
मुख्यमंत्री ने मंत्रियों से संवाद के दौरान जोर देते हुए कहा कि मंत्रिगण हों या कि अन्य जनप्रतिनिधि, सभी को वी0आई0पी0 कल्चर से परहेज करना होगा। हमारी कोई भी गतिविधि ऐसी न हो, जो वी0आई0पी0 संस्कृति को प्रदर्शित करती हो। इसके लिए सभी को सतर्क और सावधान रहना होगा।
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मुख्यमंत्री ने विभागीय कार्ययोजना पर चर्चा करते हुए कहा कि राज्य सरकार 01 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के लक्ष्य को लेकर कार्य कर रही है। इसमें हर विभाग की जिम्मेदारी पहले से तय है। यह मंत्रिगण की जिम्मेदारी है कि वह लक्ष्य के अनुरूप प्रगति की समीक्षा करें। जहां कोई कमी हो, तत्काल सुधार कराएं। वहीं भावी कार्यक्रमों की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि आगामी दिनों में वृहद पौधरोपण, स्कूल चलो अभियान और संचारी रोग नियंत्रण के कार्यक्रम होने हैं। इनकी सफलता के लिए सभी को प्रयास करना होगा। अपने-अपने क्षेत्रों में सभी मंत्रिगण इसके लिए अपना योगदान सुनिश्चित करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही समाप्त होने वाली है। सभी विभागों द्वारा वर्तमान बजट में प्राविधानित धनराशि का यथोचित व्यय किया जाना सुनिश्चित किया जाए। आवंटन और व्यय में तेजी की अपेक्षा है। विभाग स्तर पर भी व्यय की समीक्षा की जाए। संबंधित मंत्रिगण अपने विभागीय स्थिति की समीक्षा करें।
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प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में प्रदेश के समग्र विकास के लिए केंद्र सरकार द्वारा हमें हर संभव सहायता मिल रही है। केंद्र से सामंजस्य स्थापित कर अवशेष धनराशि प्राप्त करें। विभागीय मंत्री स्वयं भारत सरकार के मंत्रिगण से संवाद करें। केन्द्रांश के अभाव में परियोजना बाधित न हो। नियमानुसार राज्यांश जारी कर कार्य आगे बढ़ाएं। सभी विभाग शत-प्रतिशत उपयोगिता प्रमाण-पत्र समय पर भेजना सुनिश्चित करें।
मुख्यमंत्री ने जनसुनवाई को वरीयता देते हुए कहा कि राज्य सरकार के सभी लोककल्याणकारी प्रयासों के मूल में आम आदमी की संतुष्टि और प्रदेश की उन्नति है। आम जन की शिकायतों/समस्याओं के सहज समाधान के लिए जनसुनवाई समाधान प्रणाली (आई0जी0आर0एस0 और सी0एम0 हेल्पलाइन) अत्यन्त उपयोगी माध्यम है। मंत्रिगण हों, अन्य जनप्रतिनिधि हों अथवा अधिकारी/कर्मचारी, हर किसी की यह जिम्मेदारी है कि आई0जी0आर0एस0 पर प्राप्त आवेदनों का प्राथमिकता के साथ त्वरित निस्तारण किया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अपराध और अपराधियों के खिलाफ हमने जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई है आई0जी0आर0एस0 और सी0एम0 हेल्पलाइन पर आने वाले आवेदनों को लेकर थाना, तहसील और जिला स्तर पर हो रही कार्यवाहियों की मंत्रिगण भी समीक्षा करें। उन्होंने मंत्रिपरिषद की बैठकों के लिए ई-कैबिनेट व्यवस्था और सभी विभागों में ई-ऑफिस के प्रभावी क्रियान्वयन पर भी जोर दिया।
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