दिल्ली: मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को गुरुवार को शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में बड़ी राहत मिल गई है. कोर्ट ने उन्हें एक लाख रुपये की जमानत राशि पर ये राहत दी है. ईडी ने जमानत के विरोध के लिए 48 घंटे का समय मांगा है. कोर्ट ने कहा कि ये दलीलें कल ड्यूटी जज के सामने की जा सकती है. राउज एवेन्यू कोर्ट ने कहा कि एक लाख रुपये के मुचलके पर कल शुक्रवार को केजरीवाल तिहाड़ जेल से बाहर आ सकते हैं.
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आपको बता दें कि दिल्ली मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आरोपी बनाए गए थे. ईडी ने अरविंद केजरीवाल इसमें आरोपी बनाया था और शराब घोटाला मामले में गिरफ्तार किया गया था. इसके पहले दिल्ली मुख्यमंत्री को मई में लोकसभा चुनाव के प्रचार के लिए जेल से बाहर आने की छूट मिली थी, और इसके बाद चुनाव खत्म होते ही उन्हें तिहाड़ जेल में सरेंडर करने का आदेश दिया गया था. अब उन्हें रेगुलर बेल मिल गई है. इस फैसले को लेकर आम आदमी पार्टी में भी खुशी का माहौल है.
विशेष न्यायाधीश न्याय बिंदू ने ईडी की सुनवाई के बाद आदेश सुरक्षित रख लिया
था. बचाव पक्ष ने दावा किया था कि अभियोजन पक्ष के पास आप नेता को दोषी ठहराने के
लिए कोई सबूत नहीं है. बहस के दौरान, ईडी ने अदालत को बताया कि 7 नवंबर, 2021 को केजरीवाल विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान गोवा के होटल ग्रैंड हयात में
रुके थे और बिल का भुगतान चनप्रीत सिंह ने किया था, जिन पर आरोप है कि उन्होंने
तटीय क्षेत्र में AAP के फंड का प्रबंधन किया था.
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ईडी ने कोर्ट में कहा कि, "होटल को दो किस्तों में 1 लाख रुपये का भुगतान
किया गया था.. इसका भुगतान चनप्रीत सिंह (सह-अभियुक्त) ने अपने बैंक खाते से किया
था. चनप्रीत वह व्यक्ति हैं जिसने विभिन्न 'अंगड़िया' (कूरियर) से 45 करोड़ रुपये प्राप्त
किए थे." अंगड़िया प्रणाली एक पुरानी समानांतर बैंकिंग प्रणाली है जहां
व्यापारी एक विश्वसनीय कूरियर के माध्यम से एक राज्य से दूसरे राज्य में नकदी
भेजते हैं. यह आम तौर पर मुंबई और गुजरात में आभूषण व्यवसाय में प्रचलित है.
केंद्रीय एजेंसी ने जांच में शामिल होने के लिए बार-बार समन की अवहेलना करने को
लेकर भी अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधा.
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ईडी ने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने नौ समन की अवहेलना करने के बावजूद हमने उन्हें गिरफ्तार नहीं किया. हालांकि, केजरीवाल के वकील ने कहा कि उनके खिलाफ पूरा मामला बयानों पर आधारित है. मुख्यमंत्री के वकील ने अदालत में कहा कि, "बयान उन लोगों के हैं जिन्होंने दोषी होने की बात कबूल की है. वे यहां संत नहीं हैं. वे लोग खुद दागी हैं, बल्कि ऐसा भी लगता है कि जो उन्हें जमानत और माफी दिए जाने का वादा किया गया था.
मुख्यमंत्री के वकील ने कहा "परिस्थितियों को इंटरनली ऐसे जोड़ा जाना
चाहिए कि अपराध की ओर ले जाए. वकील ने कहा कि, इस बात का कोई सबूत नहीं है
कि 100 करोड़ रुपये साउथ ग्रुप से आए थे. ये सभी बयान
हैं. कोई सबूत नहीं है. ईडी और सीबीआई के अनुसार, साउथ ग्रुप राजनेताओं, व्यापारिक लोगों और
अन्य लोगों का एक गिरोह है, जिन्होंने शराब लाइसेंस के लिए पैरवी की, जिसके लिए उन्होंने
दिल्ली की सत्तारूढ़ पार्टी को रिश्वत दी. केजरीवाल के वकील ने दावा किया कि कई
सह-अभियुक्तों के बयानों में विरोधाभास है.
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