लखनऊ: राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष जे एन तिवारी ने आज लखनऊ में एक प्रेस विज्ञप्ति में अवगत कराया है कि 30 नवंबर 2021 को मुख्य सचिव की अध्यक्षता में राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष जे एन तिवारी के नेतृत्व में संयुक्त परिषद की 14 मांगों पर वार्ता हुई थी। आज संयुक्त परिषद के वरिष्ठ पदाधिकारियों के साथ कर्मचारियों की महत्वपूर्ण मागों पर ऑनलाइन समीक्षा बैठक की गई।
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ऑनलाइन समीक्षा बैठक में राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष जे एन तिवारी, महामंत्री अरुणा शुक्ला, वरिष्ठ उपाध्यक्ष नारायण जी दुबे, उपाध्यक्ष त्रिलोकी नाथ चौरसिया, आदित्य नारायण झा, निरंजन कुमार श्रीवास्तव, ओमप्रकाश पांडे, अर्पणा अवस्थी, स्वाति सिंह, लक्ष्मी आर्या , शेषनारायण मिश्रा, शिवाकांत द्विवेदी, रामकृष्ण दुबे, वीरेंद्र वीर सिंह यादव, नितिन गोस्वामी, आर के यादव,हरगोविंद यादव सहित संयुक्त परिषद के दो दर्जन से अधिक पदाधिकारी ने भाग लिया।परिषद के अध्यक्ष जे एन तिवारी ने अवगत कराया है कि 30 नवंबर 2021 को संयुक्त परिषद की प्रदेश के मुख्य सचिव के साथ वार्ता हुई थी।
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2021 से लगातार मुख्य सचिव एवं अपर मुख्य सचिव कार्मिक के साथ कई बार वार्ता हुई है। वार्ता में बनी सहमति के क्रम में संयुक्त परिषद द्वारा प्रस्तुत अधिकांश मांगों पर आदेश हो चुके हैं। समाज कल्याण एवं जन जनजाति विकास विभाग के आश्रम पद्धति विद्यालयों में कार्यरत संविदा शिक्षकों की संविदा राशि में संशोधन का आदेश हो चुका है। कैशलेस इलाज की सुविधा की दिक्कतों को दूर करने के लिए शासन द्वारा प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा को प्रभावी कार्यवाही करने के निर्देश जारी किए जा चुके हैं ।सेवा संगठनों के साथ विभागीय स्तर पर समस्याओं के निस्तारण के लिए बैठक कर समस्याओं के निस्तारण के लिए वर्ष 2022, 2023 में निर्देश जारी किया चुके हैं, जिसके आधार पर अधिकांश विभागों में कर्मचारी संगठनों के साथ अधिकारियों की वार्ताएं हो रही हैं। शासन स्तर पर कर्मचारियों की समस्याओं पर पैरवी करने के उद्देश्य से अधिकारियों से मिलने के लिए पदाधिकारी को ड्यूटी आवर्स में छूट दिए जाने संबंधी आदेश जारी हो चुका है।
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आउटसोर्स कर्मचारी का न्यूनतम मानदेय निर्धारित किए जाने के संबंध में नियमावली तैयार हो चुकी है, चुनाव आचार संहिता केबाद कैबिनेट से अप्रूव हो जाने की संभावना है। कर्मचारियों की समस्याओं को जेम पोर्टल पर जोड़ा जा चुका है। पुरानी पेंशन व्यवस्था में बदलाव से संबंधित आदेश लागू करने के संबंध में मुख्य सचिव स्तर पर मॉनिटरिंग हो रही है। रिक्त पदों को भरे जाने के संबंध में लगातार आदेश जारी किए गए हैं। एसीपी व्यवस्था के संबंध में स्पष्टीकरण संबंधी आदेश 29 सितंबर 2020 वापस लिया जा चुका है।जनवरी 2024 तक के महंगाई भत्ते का भुगतान हो चुका है। खाद्य रसद विभाग में 200 से अधिक पदोन्नतियां की जा चुकी हैं, आईटीआई विभाग में भी विगत दो सालों से लंबित पदोन्नतियां हो चुकी है।
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महिला कल्याण विभाग में नारी शक्ति मिशन योजना के अंतर्गत कार्यरत 200 महिला कर्मियों के सेवा से पृथक किए जाने के प्रकरण पर कार्यवाही रोकी जा चुकी है l आशा बहू के मानदेय में बढ़ोतरी करने का आदेश जारी हो चुका है। संयुक्त परिषद के अध्यक्ष जे एन तिवारी ने अवगत कराया है कि दो वर्षों में उनके नेतृत्व में संयुक्त परिषद ने कर्मचारियों के 80% से अधिक मांगों पर काम कराया है। उन्होंने प्रदेश के कर्मचारियों को आश्वस्त किया है कि चुनाव आचार संहिता के बाद बची खुची मांगों पर भी आदेश करा दिया जाएगा।
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जे एन तिवारी ने मतदाता जागरूकता कार्यक्रम जारी रखने की अपील करते हुए कहा है कि कर्मचारी मतदान के पहले चरण को सफल बना चुके हैं उन्होंने आगे कहां है कि दूसरे चरण में भी प्रदेश का कर्मचारी बढ़ चढ़कर हिस्सा ले रहा है ।सभी कर्मचारी अधिक से अधिक मतदान के लिए आम जनता को प्रेरित कर रहे हैं। कर्मचारी एक प्रबुद्ध वर्ग है देश में एक स्थिर भ्रष्टाचार रहित, राष्ट्रवादी, विकास उन्मुख एवं रोजगार प्रदान करने वाली सरकार बनाने में कर्मचारी अपना शत प्रतिशत योगदान कर रहे हैं। जे एन तिवारी न सभी से मतदान करनेकी अपील किया है।
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