लखनऊ: पश्चिम यूपी, चुनावी जंग का सबसे अहम किला माना जाता है. लोकसभा चुनाव में पश्चिमी यूपी की भूमिका अहम रहने वाली है क्योंकि यहां की जनता का रुख किसी भी पार्टी के लिए सियासी रास्ता खोल सकता है. पहले इस क्षेत्र में नेता किसानों के मुद्दों को ‘खाद-पानी’ देकर वोटों की फसल काटते थे लेकिन पिछले एक दशक में यहां बहुत कुछ बदला है. मेरठ-हापुड़ लोकसभा हॉट सीट मानी जाती हैं. इस रिपोर्ट में बात करेंगे उस मुस्लिम आबादी की जो लोकसभा में उलटफेर का माद्दा रखती है. पिछले तीन चुनाव से यहां पर बीजेपी का कब्जा है..
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राममंदिर आंदोलन का असर
राममंदिर आंदोलन के शुरू होने से अब तक इसका प्रभाव लोकसभा 2024
में जरूर दिखेगा. राम नाम का असर चुनाव परिणाम में परिणाम के रूप
में नजर आएगा. इस बार अयोध्या राम लहर से उम्मीद की जा रही है कि इसका असर इस जमीन
पर भी पड़ेगा.
राम आंदोलन का असर कुछ
ऐसा हुआ
1991-98 बीजेपी की हॅट्रिक
1999-कांग्रेस
2004-बसपा
2009-19 बीजेपी की हैट्रिक
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ये वोटर तय करेंगे सियासी
समीकरण
मुसलमान- 5.65 लाख
ब्राहम्ण,वैश्य, ठाकुर-
4 लाख
गुर्जर- 1 लाख
मुसलमान- 5.64 लाख
दलित- 3 लाख
जाट- 1.30 लाख
क्रांतिकारियों की जमीन
मेरठ
मेरठ क्रांतिकारियों की जमीन है. यहां के हर चौराहे पर आपको
क्रांतिकारियों की मूर्ति मिल जाएगी. एक व्यस्त चौराहे पर 85 कांतिकारियों के नाम लगे हैं. 1857 की लड़ाई में
मेरठ के जिन 85 क्रांतिकारियों के नाम हैं उनमें 49 मुसलमान हैं.
अखिलेश-मोदी पर अभी
धर्मगुरु चुप
धर्मगुरु अभी किसी यानी बीजेपी-सपा-बसपा पर खुलकर बोलने से बच रहे
हैं, लेकिन यहां के स्थानीय लोगों की इस बारे में अलग-अलग
राय है.
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तालीम को लेकर रोष
शहर के काजियों का कहना है कि मेरठ में हालात पहले से बेहतर तो हुआ
है लेकिन तालीम पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है. तालीमी इजाद के लिए कोशिश नहीं की
जा रही है. स्थानीय काजी का कहना है कि कैंडिडेट के हिसाब से मतदान करेंगे.
पहले से हालात बेहतर
यहां के निवासियों का कहना है कि सड़कें पहले से ठीक है लेकिन,
कारोबार पर असर पड़ा है. पुराने शहर ध्यान नहीं दिया जा रहा है.
राशन की बात करते हुए कहते हैं कि हमें समय पर मिल रहा है. उनका कहना है कि उनके
सांसद ने ठीक काम कराया है. लोगों को उम्मीद है कि पुराने शहर का विकास होगा. फिर
से कौन सी सरकार के बारे में बात करने पर कहते हैं, फूल वाला
ही आएगा. दवा कारोबारी भी मौजूदा सरकार और सांसद से खुश हैं. स्थानीय लोगों का
कहना है कि मौजूदा सरकार अच्छा काम कर रही है. अपराध में कमी आई है. कारोबार भी
बेहतर हो रहा है.
मेट्रो और रैपिड से खुश लोग
यहां के निवासियों का कहना है कि मोदी सरकार अच्छा काम कर रही है.
यहां विकास हो रहा है और मेट्रो और रैपिड भी आ रही है. योगी सरकार ईमानदारी से काम
कर रही है. बच्चों को स्कॉलरशिप मिल रही है. जो काम 10 साल
में हुआ है वह 50 साल में नहीं हुआ. पिछले पांच वर्षों में
विकास पर लोग अपने सांसद को पसंद नहीं करते हैं.
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मलियाना कांड
मई 1987 को मेरठ शहर में एक दिन के अंतराल में
दो ऐसे दंगे हुए जिन्होंने पूरे देश को हिलाकर रख दिया. 22 मई
को हाशिमपुरा में हुए दंगे की चिंगारी से शहर झुलस उठा था. धार्मिक उन्माद की
भड़की चिंगारी के बाद आपसी भाई चारा भी टूट गया. 36 साल बाद
मामले में अदालत का फैसला आया तो पीड़ितों के जख्म फिर से ताजा हो गए. कोर्ट ने
सबूतों के अभाव में हत्याकांड के आरोपियों को बरी करने का आदेश दिया था.
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