वाराणसी: चिरईगांव विकास खण्ड के ग्राम पंचायत सरसौल के किसानों ने रास्ते के विवाद का निबटारा करने पहुचीं राजस्व टीम पर खेत में खड़ी सरसों की फसल उखड़वाने का आरोप लगाया। उल्लेखनीय है कि सरसौल गांव के ग्राम प्रधान प्रतिनिधि ने सरकारी अभिलेख में दर्ज नवीन परती व चकरोड पर अतिक्रमण का आरोप लगाते हुए उसे मुक्त कराने का अनुरोध किया था।
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उक्त के अनुपालन में सोमवार को क्षेत्रीय नायब तहसीलदार सुलेखा वर्मा पुलिस व राजस्व टीम के साथ मौके पर पहुंचे। किसानों का आरोप है कि नायब तहसीलदार गांव के नाबालिग बच्चों को बुलाकर तथाकथित सरकारी जमीन पर खड़ी सरसों की फसल को उखड़वाने लगे। मौके पर मौजूद गांव के जनार्दन सिंह, नथुनी, महेन्द्र प्रताप सिंह, अनिल सिंह, जगदीश सिंह आदि किसान पहुंचे और सरसों की खड़ी फसल उखड़वाने का विरोध करने लगे लेकिन पुलिस व राजस्व टीम के आगे किसानों की नहीं चली और देखते ही देखते खेत में खड़ी फसल उखाड़ दी गयी।
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नायब तहसीलदार सुलेखा वर्मा ने बताया कि रास्ते पर अतिक्रमण की शिकायत पर टीम ने पहुंचकर कब्जा मुक्त कराया गया। जबकि किसानों का कहना था कि सरसौल के चकबंदी प्रक्रिया की अभी जांच चल रही है पूर्व में उच्च स्तरीय जांच के बाद कुछ अधिकारियों पर कार्रवाई भी हुई है। किसानों की मानें तो चकबंदी का मामला न्यायालय में है ऐसे में चकमार्ग का निर्धारण करना न्याय पूर्ण नहीं है। कार्रवाई के पूर्व किसानों को कोई नोटिस भी नहीं दी गयी है।
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इस सम्बध में उपजिलाधिकारी सदर ने बताया कि राजस्व कर्मियों को मौके की जांच कर रिपोर्ट देने के लिए कहा गया था। मौके पर की गयी कार्रवाई और खेत में खड़ी फसल उखाड़ने के लिए नाबालिग बच्चों का सहयोग लेना उचित नही है। इस दौरान राजस्व निरीक्षक ओमप्रकाश, लेखपाल विनय कुमार, चौकी प्रभारी जाल्हूपुर मिथिलेश कुमार सहित क्षेत्रीय ग्रामीण उपस्थित रहे।
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