वाराणसी: स्वास्थ्य महा निदेशालय, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से आयोजित की जा रही स्वास्थ्य संगठनों के प्वाइंट ऑफ एंट्री (2023-24) की तीन दिवसीय वार्षिक समीक्षा बैठक का समापन मंगलवार को किया गया। समापन से पूर्व देश के विभिन्न राज्यों व संघ शासित प्रदेशों से आए अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों के प्रमुख अधिकारी, एपीएचओ, एआईआईएचपीएच के अधिकारी व स्टेकहोल्डर ने मंगलवार को शहरी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र शिवपुर कैम्पस में स्थित पब्लिक फूड एनालिसिस लैब का भ्रमण किया। इस दौरान वाराणसी मण्डल के सहायक खाद्य आयुक्त राजेंद्र सिंह के द्वारा समस्त अधिकारियों को हवाई अड्डों पर खाद्य सुरक्षा के मानकों, कार्य, प्रक्रिया आदि के बारे में विस्तार से जानकारी दी, जिससे यात्रियों को अंतरराष्ट्रीय व राष्ट्रीय हवाई अड्डों, बन्दरगाहों व भूमि सीमापार पर मानक के अनुरूप गुणवत्तापूर्ण खाद्य सामग्री प्रदान की जा सके।
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इसके साथ ही बड़ा लालपुर स्थित ट्रेड फैसिलिटी सेंटर पर आयोजित हुये तीसरे दिन के सत्रों पर पब्लिक हेल्थ, हाइजीन और सैनीटेशन आदि पर गहन मंथन व चर्चा की गई। इस दौरान आरएमएल चिकित्सालय नई दिल्ली के माइक्रो बायोलॉजी विभाग की वरिष्ठ सलाहकार माला छाबरा ने निस्संक्रामक प्रोटोकॉल के बारे में विस्तार से जानकारी दी। बताया कि रोगाणुओं और सूक्ष्माणुओं को नष्ट करने के लिए निस्संक्रामकों (डिसइन्फेक्टेंट्स) का प्रयोग होता है। इससे संक्रामक रोगों को रोकने में सहायता मिलती है। इन्हें 'विसंक्रामक', 'विसंक्रामी' या 'संक्रमणहारी' भी कहते हैं। नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (एनसीडीसी) के संयुक्त निदेशक डॉ पूर्वा सरकाटे ने वेस्ट वॉटर मैनेजमेंट (अपशिष्ठ जल निगरानी) के बारे में विस्तार से चर्चा की। पीएचओ कोलकाता/निदेशक एआईआईपीएच प्रो डॉ रंजन दास ने साइंटिफिक रिपोर्टिंग और ऑपरेशनल रिसर्च के विषय पर विस्तृत चर्चा की। उन्होंने ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हाइजीन एंड पब्लिक हेल्थ (एआईआईएचपीएच) की कार्य प्रणाली, रिपोर्टिंग फ़ारमैट आदि के बारे में विस्तार से जानकारी दी। ज्वोइंट पब्लिक हैल्थ एंड सैनीटेशन कमिटी (जेपीएचएससी) के बारे में पीएचओ डॉ पूर्णिमा और एपीएचओ डॉ सुबीन ने जानकारी दी। बताया कि जल, स्वास्थ्य और स्वच्छता पर प्रोटोकॉल के कार्य के कार्यान्वयन के माध्यम से जल, स्वास्थ्य, और स्वच्छता में सुधार करना बेहद जरूरी है।
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समस्त सत्रों का आयोजन एलपीएआई सचिव विवेक वर्मा, संयुक्त सचिव गुलाम मुस्तफा और अपर महा निदेशक डॉ एस सेंथुनाथन के नेतृत्व में किया गया। इसमें वाराणसी एपीएचओ डॉ प्रतीक, डॉ ज़री अंजुम, एनसीडीसी के शोध अधिकारी डॉ अवनीन्द्र द्विवेदी व समस्त स्टाफ ने महत्वपूर्ण सहयोग किया। समस्त कार्यक्रम का संचालन डॉ मीरा धुरिया ने किया। कार्यक्रम के अंत में समस्त अधिकारियों को प्रशस्ति पत्र व मोमेंटों देकर सम्मानित किया गया।
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