वाराणसी: सिंधी समाज के लक्सा स्थित झूलेलाल मंदिर से अवैध
कब्जा जांच के बाद हटाया जाएगा। इसके लिए जिलाधिकारी एस राजलिंगम के आदेश पर जांच
शुरू कर दी गई है। जिलाधिकारी से मिल कर सिंधी सेंट्रल पंचायत ने ज्ञापन सौंपा।
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बताया कि समाज के लोगों ने 15 बिस्वा भूमि सिंधी
धर्मशाला कमेटी के
नाम से रजिस्ट्री कराई। सर्व सिंधी भाषीजन को समाहित करते हुए पूज्य
सिंधी सेंट्रल पंचायत नाम
से संस्था का गठन किया गया। परिसर में झूलेलाल का मंदिर बना। ज्ञापन में आरोप
लगाया कि 2002 में श्रवण कुमार संस्था के अध्यक्ष बने।
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उन्होंने 12 वर्षों तक कोई चुनाव नहीं कराया। 2014 में दबाव में अपना पद छोड़ा। इसके बावजूद उन्होंने हिसाब-किताब
में हेरा-फेरी के साथ अपना निजी कब्जा बनाए हुए हैं। किसी पदाधिकारी को कोई कार्य
करने नहीं दे रहे हैं। दर्शनार्थियों को भजन-पूजन में व्यवधान उत्पन्न करते हैं।
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साथ ही उसमें विवाह-शादी की बुकिंग व
कान्वेंट स्कूल की स्थापना करके व्यक्तिगत फायदा उठा रहे हैं। इससे समाज में
आक्रोश व्याप्त है। उन्होंने जिलाधिकारी से अनुरोध किया कि
सिंधी धर्मशाला कमेटी के संपूर्ण परिसर की अनियमितताओं की गहन जांच कर उसका
प्रबंधन समाज हित में सिंधी सेंट्रल पंचायत को सुपुर्द कराया जाय। इसकी जांच के
लिए जिला प्रशासन की टीम ने रविवार को गहन निरीक्षण-परीक्षण किया। सूचना के बावजूद
इस दौरान श्रवण कुमार नहीं मौजूद रहे।
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