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Thursday, February 1, 2024

महमूरगंज स्थित कम्पोजिट स्कूल में मनाया गया राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस

वाराणसी: एक से 19 वर्ष तक के बच्चों, किशोर-किशोरियों के पेट के कृमि (कीड़े) निकालने के लिए बृहस्पतिवार को राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस मनाया गया। इस अवसर पर महमूरगंज स्थित कम्पोजिट स्कूल में मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ संदीप चौधरी ने स्कूल के बच्चों को एल्बेण्डाजोल की गोली खिलाकर अभियान का शुभारंभ किया। बच्चों ने उत्साहपूर्वक गोली को चबाकर सेवन किया। इस मौके पर कार्यक्रम के नोडल अधिकारी व एसीएमओ डॉ संजय राय और प्रधानाचार्य प्रीति त्रिवेदी ने भी बच्चों को गोली का सेवन कराकर उनका उत्साहवर्धन किया। 


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मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बच्चों को स्वस्थ आदतें जैसे नाखून साफ और छोटे रखने, खाने से पहले और शौचालय के उपयोग करने के बाद साबुन से हाथ धोने, हमेशा साफ पानी पीने, खुले में शौच न करने, हमेशा शौचालय का उपयोग करने, घर में खाना ढककर रखने, जूते पहनने, फल सब्जी आदि को साफ पानी से धोने, अपने आसपास साफ-सफाई रखने के बारे में बताया। सीएमओ ने अभिभावकों से अपील की कि इस अभियान में अपने एक से 19 वर्ष तक के सभी बच्चों एवं किशोर-किशोरियों को कृमि (पेट में कीड़ों) से बचाव के लिए एल्बेण्डाजोल की गोली अवश्य खिलाएं। इसके सेवन न करने से बच्चों की सेहत पर दुष्प्रभाव पड़ता है।  ऐसी स्थिति में खून की कमी (एनीमिया), कुपोषण, थकावट व बीमारी एवं कमजोरी का सामना करना पड़ सकता है। उन्होंने बताया कि बृहस्पतिवार को दवा की खुराक न ले पाने वाले बच्चों के लिए पाँच फरवरी (सोमवार) को मॉप अप दिवस पर गोली खिलाई जाएगी। 

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अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी व नोडल अधिकारी डॉ संजय राय ने बताया कि जनपद के 16 लाख बच्चों के सापेक्ष बृहस्पतिवार को करीब 2900 सरकारी व निजी स्कूलों में लगभग 12 लाख बच्चों को एल्बेण्डाजोल की गोली खिलाई गई। किसी कारण वश छूटे हुये शेष बच्चों को मॉप अप दिवस पर दवा खिलाई जाएगी। स्कूलों, विद्यालयों व आंगनबाड़ी केन्द्रों पर सभी छात्र-छात्राओं एवं बच्चों को एल्बेण्डाजोल की गोली उम्र के हिसाब से खिलाई जाएगी। इसमें एक से दो वर्ष के बच्चों को आधी गोली को चूरकर साफ पानी में मिलाकर चम्मच से खिलाना है। दो से तीन वर्ष तक के बच्चों को एक पूरी गोली चूरकर पानी के साथ देना है। तीन से 19 वर्ष तक के बच्चों को पूरी एक गोली चबाकर पानी के साथ खिलानी है। इसके बाद ही पानी का सेवन करना है। उन्होंने बताया कि यह दवा पूर्ण रूप से सुरक्षित है। 

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बच्चों ने कहा “गोली मीठी लगी”– कक्षा तीन की सोनम कुमारी ने कहा कि आज मैंने पेट के कीड़ों से बचाने के लिए गोली खाई है जो मुझे बहुत मीठी और अच्छी लगी। कक्षा तीन की ही गुनगुन और सोनम ने कहा कि इस दवा के फायदे के बारे में प्रिंसिपल मैडम ने बताया है, इस दवा को हमने चबाकर खाया है। इसके बाद ही हम सभी ने पानी पिया है। 

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इस मौके पर डिप्टी सीएमओ डॉ अमित कुमार सिंह, एमओआईसी डॉ निधि पाण्डेय, जिला सलाहकार (तंबाकू प्रकोष्ठ) डॉ सौरभ प्रताप सिंह, डीएचईआईओ हरिवंश यादव, डीसीपीएम रमेश प्रसाद वर्मा, एविडेंस एक्शन से मनीष कुमार सिंह,शिक्षक सुनीता पाण्डेय, भावना त्रिपाठी, सुमन सिंह, राठी जायसवाल, आशा कार्यकर्ता सावित्री एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता अर्चना श्रीवास्तव, मंजू देवी मौजूद रहे।   

दवा खाने का तरीका- 

  • एक से दो साल के बच्चों को आधी गोली अच्छी तरह से पीस कर पानी में मिलाकर खिलाई जाती है।
  • दो से तीन साल के बच्चों को एक पूरी गोली पीस कर पानी के साथ खिलाई जाती है।
  • तीन से 19 साल के बालक-बालिकाओं को एक पूरी गोली चबाकर खानी होती है।

कृमि मुक्ति के फायदे- 

  • स्वास्थ्य और पोषण में सुधार
  • रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि
  • एनीमिया नियंत्रण
  • सीखने की क्षमता में सुधार

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