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Friday, February 16, 2024

जनवरी 2023 से अब तक 12 हजार से अधिक टीबी रोगियों ने पूरा किया उपचार

वाराणसी: टीबी (क्षय रोग) से ग्रसित मरीज यदि अपना सम्पूर्ण उपचार (छह माह या उससे अधिक का निर्धारित कोर्स) पूरा करता है। साथ ही प्रोटीन युक्त पौष्टिक आहार का सेवन करता है। धूम्रपान, तंबाकू, शराब आदि के सेवन से दूर रहता है। तो वह निर्धारित टीबी के कोर्स तक पूरी तरह ठीक हो जाता है, बशर्ते वह एक भी दवा खाना न छोड़े। टीबी मरीजों को उनके उपचार को लेकर प्रोत्साहित करने और टीबी के प्रति जागररूकता बढ़ाने के लिए जनपद में वृहस्पतिवार को एकीकृत निक्षय दिवस मनाया गया।


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मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ संदीप चौधरी ने बताया कि नियमित दवा के सेवन के साथ ही प्रोटीन व विटामिन युक्त आहार क्षय रोगियों के लिए बेहद आवश्यक है। इसलिए सभी क्षय रोगी नियमित दवा सेवन के साथ-साथ पोषक आहार पर भी अवश्य ध्यान दें। हर माह की 15 तारीख को मनाए जाने वाले निक्षय दिवस का उद्देश्य अधिक से अधिक टीबी मरीजों को चिन्हित कर उन्हें उपचार व भावनात्मक सहयोग मुहैया कराना है। साथ ही दवा व पोषण सामग्री के सहयोग से उन्हें जल्द से जल्द स्वस्थ बनाना है।

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जिला क्षय रोग अधिकारी (डीटीओ) डॉ पीयूष राय ने बताया कि निक्षय दिवस के अवसर पर शहरी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) काशी विद्यापीठ पर टीबी के 50 रोगियों को पोषण पोटली प्रदान की गई, जिसमें 30 टीबी रोगियों को निक्षय मित्र डॉ स्वर्णलता सिंह के द्वारा एवं 20 मरीजों को गंगा सेवन सदन ट्रस्ट द्वारा गोद लिया गया है। इसके साथ ही एसएसपीजी मंडलीय चिकित्सालय कबीरचौरा स्थित टीबी यूनिट पर कुसुम मेमोरियल फ़ाउंडेशन के द्वारा गोद लिए गए पाँच टीबी रोगियों को पोषण पोटली प्रदान की गई। इन पांचों मरीजों का उपचार अगले माह पूरा होने वाला है। 

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डॉ पीयूष ने बताया कि टीबी से ग्रसित मरीज यदि अपना सम्पूर्ण उपचार (कोर्स) पूरा करता है। साथ ही प्रोटीन युक्त पौष्टिक आहार का सेवन करता है। धूम्रपान, तंबाकू, शराब आदि के सेवन से दूर रहता है। ऐसे में वह निर्धारित टीबी के कोर्स तक पूरी तरह ठीक हो जाता है। इस बात का विशेष ख्याल रखना है कि कोई भी टीबी मरीज एक भी दवा खाना न छोड़े। नियमित दवा न खाने से टीबी की बीमारी गंभीर रूप से ले सकती है। यदि कोर्स पूरा न किया गया और खानपान में लापरवाही की गई तो टीबी के अलावा अन्य बीमारियाँ भी हो सकती हैं। इसके लिए टीबी मरीज और उसके परिजन को बहुत अधिक ध्यान रखने की आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि निक्षय पोषण योजना के तहत सरकार की ओर से टीबी मरीज को उपचार के दौरान हर माह 500 रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है।

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जनपद की स्थिति – जिला क्षय रोग अधिकारी ने बताया कि जनपद में पिछले वर्ष कुल 17881 और इस वर्ष जनवरी से अब तक 2169 टीबी रोगी नोटिफ़ाई किए गए। वर्तमान में 7321 टीबी रोगियों का उपचार चल रहा है। शेष 12,729 टीबी रोगी अपना उपचार पूरा कर स्वस्थ हो चुके हैं।

लाभार्थियों के बोल – कबीरचौरा निवासी 17 वर्षीय मुस्कान (परिवर्तित नाम) ने बताया – “मुझे पिछले पाँच  माह से लगातार पोषण पोटली मिल रही है। अगले माह मेरा टीबी का कोर्स भी पूरा होने वाला है। मैंने एक भी दिन दवा खाना नहीं छोड़ा। पोषण पोटली में चना, गुड़, मूँगफली, लाई, सत्तू व अरहर की दाल मेरे नियमित आहार में काफी मददगार साबित हुई है।” एक अन्य लाभार्थी सोहेल (12) ने कहा –“ मैं रोज़ दवा खा रहा हूँ क्योंकि मुझे जल्दी से स्वस्थ होना है। घर वाले मेरा अच्छे से ध्यान रखते हैं। पोषण पोटली से बहुत लाभ मिल रहा है।”

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