वाराणसी: उत्तर प्रदेश के वाराणसी में एक मामला सामने आया है जहां नियम-कानून को ताक पर रखकर कुछ लोगों द्बारा जमीन पर कब्जा करने की कोशिश की जा रही है। जिसका कोर्ट से स्टे आर्डर मिला है। इस मामले में पुलिस पर भी मिलीभगत का आरोप लग रहा है। पीड़ित पक्ष का आरोप है कि स्टे होने के बाद भी उनकी जमीन उससे जबरन छीनी जा रही है।
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यह मामला शहर के सिगरा थाना क्षेत्र के पंचपेड़वा महमूरगंज तुलसी पुर का है। पीड़ित अंकुर यादव का कहना है कि हमलोग यहा कई पीढ़ी से इस जगह पर रहते चले आ रहे है, हमारे दादा ने 1980 में इस जमीन को लीज़ पर दिया। लेकिन पॉपुलर हॉस्पिटल के मालिक डॉ कौशिक और राजू कुमार सिंह ने राइफल दिखाकर और पुलिस की मिलीभगत कर जबरदस्ती हमारी जमीन पर कब्जा कर रहे है, पुलिस हमारी बात नही सुन रही है।
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पीड़ित ने मीडिया को बताया कि हमारी जमीन पर न्यायालय का स्टे ऑर्डर भी है, जो की प्रभावी है। बावजूद इसके कोई हमारी बात सुनने को तैयार नही है। वादी पक्ष का कहना है कि पॉपुलर हॉस्पिटल के मालिक डॉ कौशिक और राजू कुमार सिंह ने उनकी जमीन पर जबरन कब्जा कर निर्माण कार्य तक करने की कोशिश की है और वह न्याय पाने के लिए दर-दर भटक रहे हैं।
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वही इस पूरे मामलें को लेकर वादी पक्ष के अधिवक्ता रोहित यादव ने मीडिया को बताया है कि इनके मुवक्किल के पीछे वाली जमीन पर अवैध तरीके से कब्जा कर पॉपुलर हॉस्पिटल के मालिक डॉ कौशिक को हेंडओवर कर दिया गया। जबकी मामला न्यायालय में विचाराधीन है। डॉ कौशिक पैसे के बल पर पुलिस के साथ मिलकर दबंगई से जमीन पर कब्जा कर रहे है जो न्यायपूर्ण नही है।
इसकी जानकारी पहले से न्यायालय को है और हम फिर से न्यायालय के संज्ञान में ये पूरा मामला रखेंगे। 112 नंबर डायल करने पर फैटम वाले आए थे कोई सक्षम अधिकारी नहीं आया जिससे कि हम बात कर सकें और डॉ कोशिका न्यायालय के आदेश को भी ताख पर रखकर दबंगई से निर्माण करा रहे हैं आज तो हम लोग आए तो निर्माण कार्य रुक गया। रोहित यादव ने कहा कि डॉ कौशिक के बारे में सभी जानते है कि वह हॉस्पिटल कम चलाते हैं और बाउंसर ज्य़ादा रखते है।
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उन्होंने कहा कि आज जब हम सभी अधिवक्ता साथी यहा आए तो वो लोग निर्माण कार्य छोड़ कर चले गए। ये राजस्व का मामला है ना कि पुलिस प्रशासन का है। कि वह कब्जा दिलाए। पुलिस धन लाभ और दबाव में आकर डॉ कौशिक को फायदा पहुंचना चा रही है। मामला जब न्यायालय में विचाराधीन है तो इसमे पुलिस कि कोई भूमिका नही है। आखिर पुलिस क्यों पार्टी बन रही है। न्यायालय के आदेश का उलंघन करने का अधिकार सरकार को भी नही है। वादी पक्ष को कमजोर और अकेला पाकर पुलिस लगातार दबाव बना रही है। यह आज का मामला नही है, बल्कि यह केस लंबे समय से चल रहा है। पुलिस आकर कब्जा दिला रही है जबकी यह गलत है। इसके साक्ष्य भी हमारे पास है उसको हम न्यायालय के सामने रखेंगे।
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