वाराणसी: फाइलेरिया, लाइलाज व गंभीर बीमारी है। यह न हो, इसके लिए बृहस्पतिवार को जैतपुरा क्षेत्र के रसूलपुरा स्थित बुनकर अस्पताल में फाइलेरिया उन्मूलन अभियान के तहत शिविर लगाकर लोगों को फाइलेरिया से बचाव की दवा का सेवन कराया गया। अस्पताल के अध्यक्ष डॉ बसीर अहमद ने जिला मलेरिया अधिकारी शरत चंद पाण्डेय के समक्ष फाइलेरिया रोधी दवा का सेवन कर शिविर का शुभारंभ किया। अस्पताल के सचिव हाजी जलीश अहमद व अनवर उलहक़ अंसारी की देखरेख में शिविर का आयोजन किया जा रहा है।
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जिला मलेरिया अधिकारी शरद चंद पाण्डेय ने बताया कि मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ संदीप चौधरी के निर्देशन में स्वास्थ्य विभाग तथा डब्ल्यूएचओ, सीफार, पीसीआई, पाथ संस्था के संयुक्त प्रयास से बुनकर अस्पताल में शिविर का आयोजन 28 फरवरी तक किया जाएगा। फाइलेरिया उन्मूलन के लिए सामूहिक दवा सेवन अभियान के तहत आयोजित इस शिविर में बृहस्पतिवार को 63 लोगों ने फाइलेरिया से बचाव की दवा का सेवन किया। उन्होंने इस शिविर के लिए बुनकर अस्पताल के अध्यक्ष और सचिव की ओर से किए गए प्रयास को बेहद ख़ास बताया। इस पहल का संदेश पूरे समुदाय में पहुँच रहा है, जिससे लोग स्वयं आगे बढ़कर फाइलेरिया से बचाव की दवा का सेवन कर रहे हैं। शिविर के अतिरिक्त स्वास्थ्य कर्मियों की टीम घर-घर जाकर अपने सामने दवा का सेवन करा रही है। यह दवा दो वर्ष से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती महिलाओं और अति गंभीर रूप से बीमार व्यक्तियों को नहीं खिलाना है और किसी को भी दवा खाली पेट नहीं खानी है। उन्होंने कहा कि फाइलेरिया लाइलाज बीमारी है, इसके लिए सभी को इससे बचाव की दावा का सेवन अवश्य करना चाहिए। इसकी दवाएं विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा प्रमाणित हैं। यह दवाएं सुरक्षित हैं व फाइलेरिया रोग से बचाव में कारगर हैं।
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अनवर उलहक़ अंसारी ने कहा कि फाइलेरिया उन्मूलन को लेकर दो दिवस पूर्व दिल्ली व जनपद मुख्यालय से आई स्वास्थ्य विभाग की टीम ने बुनकर अस्पताल सहित रसूलपुरा क्षेत्र का भ्रमण किया था। इस दौरान समुदाय में जागरूकता की कमी पाई जाने से एक कैंप लगाकर लोगों को फाइलेरिया रोधी दवा खिलाने और लोगों को जागरूक करने के निर्देश दिये थे । इसके पश्चात बुनकर अस्पताल की प्रबंधन इकाई ने फाइलेरिया बीमारी की गंभीरता को समझते हुए बृहस्पतिवार से एक कैंप का आयोजन शुरू किया जो 28 फरवरी तक नियमित चलेगा। इस दौरान अस्पताल में आने वाले सभी व्यक्तियों और क्षेत्रीय लोगों को फाइलेरिया रोधी दवा खिलाई जा रही है। साथ ही अस्पताल के द्वारा पम्फ़लेट की मदद से लोगों को फाइलेरिया बीमारी के बारे में जागरूक किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि फाइलेरिया जैसी गंभीर को जड़ से खत्म करने के लिए हम स्वास्थ्य विभाग का सम्पूर्ण सहयोग कर रहे हैं और आगे भी करते रहेंगे।
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इन्होंने भी खाई फाइलेरिया रोधी दवा – बुनकर अस्पताल के संयुक्त सचिव व एमओआईसी डॉ लियाकत अली, डॉ रविशंकर, डॉ अतहर, डॉ पवन, मोहम्मद मुस्तफा अंसारी (66 वर्ष), मोहम्मद जावेद (39 वर्ष), कमरुद्दीन हाफ़िज़जी (64 वर्ष), वशीरू निशा (45 वर्ष), अभय श्रीवास्तव (51 वर्ष) समेत लगभग 100 लोगों ने फाइलेरिया रोधी दवा का सेवन किया। इन सभी से अनुरोध किया गया कि वह अपने आस पड़ोस के लोगों को भी दवा खाने के लिए प्रोत्साहित करें ताकि किसी और को फाइलेरिया बीमारी न हो। इस मौके पर मलेरिया निरीक्षक ओम प्रकाश, फील्ड वर्कर चन्द्र प्रकाश, जवाहर लाल, पीसीआई से सरिता मिश्रा, सीफार व आईएडी सेंटर के प्रतिनिधि एवं अन्य लोग मौजूद रहे।
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