नई दिल्ली: जैसे-जैसे आम चुनाव की तारीख नजदीक आ रही है, सियासी फिजा में राजनीतिक जंग भी तेजी पकड़ रही है। नए साल के पहले हफ्ते में ही देश के दो राज्यों के सीएम पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है। दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) और झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन (Hemant Soren) को केंद्रीय एजेंसी ईडी समन पर सम भेज रही है। ईडी ने केजरीवाल को दिल्ली में शराब नीति घोटाले मामले में समन भेजा है। वहीं सोरेन को मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में ईडी सात बार समन भेज चुकी है। दोनों सीएम अभी तक केंद्रीय एजेंसी के सामने पेश नहीं हुए हैं। दोनों ही दल आरोप लगा रहे हैं कि केंद्र की पीएम नरेंद्र मोदी सरकार उन्हें गिरफ्तार करने की साजिश कर रही है। चूंकि मौसम चुनावों का है तो सभी दल एक-दूसरे पर हमला बोल रहे हैं। राजनीतिक पार्टियां ईडी के समन में सियासी नफा-नुकसान ढूंढ रही हैं।
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केजरीवाल के लिए परेशानी का सबब
भ्रष्टाचार के खिलाफ ही आम आदमी पार्टी (AAP) का गठन करने वाले केजरीवाल अपने राजनीतिक जीवन के एक मुश्किल संकट से गुजर रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) दिल्ली के सीएम पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा रही है। ईडी ने केजरीवाल को अपने पास पेश होने के लिए तीन बार समन भेज चुकी है। आप और केजरीवाल इसे केंद्र सरकार की साजिश बता रही है। आप ने कहा कि केजरीवाल को चुनाव प्रचार से रोकने के लिए साजिश रची जा रही है। उधर, बीजेपी केजरीवाल पर भ्रष्टाचार को लेकर हमला बोल रही है। दिल्ली शराब घोटाला मामले में ही राज्य के पूर्व डेप्युटी सीएम मनीष सिसोदिया और पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह इस वक्त जेल में हैं। अब आप को ये डर है कि ईडी केजरीवाल को भी गिरफ्तार कर सकती है। केजरीवाल की पार्टी कह रही है कि सीएम ईडी की जांच में सहयोग को तैयार हैं लेकिन उनको भेजा गया समन पूरी तरह गैरकानूनी है।
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