डॉ राहुल सिंह निर्देशक (राज ग्रुप ऑफ़ इंस्टिट्यूशन) वाराणसी की कलम से
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जैसा कि हम जानते हैं कि भारत एक युवा देश है। युवा वर्ग देश का भविष्य होने के साथ-साथ हमारे देश के विकास का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। भारत में युवाओं की संख्या अन्य देशों से अधिक है। जहां अमेरिका में सिर्फ 44 मिलियन युवा हैं, वहीं भारत में 229 मिलियन युवा हैं, जो भारत को एक मजबूत देश बनाता है। और जब बात युवा पीढ़ी की आती है तब भगत सिंह का नाम सबसे पहले आता है, जो इतनी कम उम्र में अपने देश के लिए शहीद हो गए। ऐसे ही युवा आने वाले भारत के निर्माण में सहायक साबित होते हैं।
भारतीय युवा पीढ़ी चाहे तो क्या कुछ नहीं कर सकती, भारतीय युवा पूरी दुनिया में ख्याति अर्जित कर, भारत का नाम रोशन कर रहे हैं। यदि भारत को फिर से विश्व गुरु बनाना चाहते हैं तो जरूरत है इच्छाशक्ति की जो युवाओं में है।
लेकिन सवाल यह उठता है कि वह कौन-सा युवा है जो देश बदलेगा? क्या वही जो रोजगार के लिए दर-दर भटक रहा है? या वह, जिसकी प्रतिभा और कुशलता भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जाती है? क्या वे युवा जो देश में अपनी प्रतिभा को उचित सम्मान न मिलने पर विदेशी कंपनियों में नौकरी कर देश छोड़कर चले जाने के लिए विवश हैं? या जिनके हाथों में डिग्रियां तो हैं, लेकिन विषय से संबंधित यथोचित ज्ञान का अभाव है? वे साक्षर तो हैं पर शिक्षित नहीं। आज भारत जैसे विकसित और विकासशील राष्ट्र में इन नौजवानों की ऊर्जा कहीं व्यर्थ हो गयी है।
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ऐसी स्थिति में हमें देश में बढ़ती युवा शक्ति के लिए नीति निर्माता चुनौतियों और अवसरों का लाभ देना चाहिए। चूंकि कौशल से ही रोजगार का रास्ता निकलता है। कौशल युवाओं के लिए अपनी आजीविका पूरी करने और उनकी आकांक्षाओं को साकार करने का एक साधन बन सकता है। यह कुशलता सही मायने में एक ऐसे भविष्य का निर्माण करती है जहाँ हमारे युवाओं के पास स्थायी रोजगार के अवसर भी हो सकते हैं।
इन स्थितियों के बावजूद युवाओें को एक उन्नत और आदर्श जीवन की ओर अग्रसर करना वर्तमान परिस्थिति की सबसे बड़ी जरूरत है। यह सच है कि जितना योगदान देश की प्रगति में कृषि, विज्ञान, तकनीक और कल-कारखानों का है, उससे बड़ा और महत्त्वपूर्ण योगदान स्वस्थ और शक्तिशाली युवाओं का होता है। क्योंकि एक राष्ट्र को मजबूत और सशक्त बनाने में शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ युवाओं का बहुत बड़ा योगदान होता है ।
सरकार को इस बात का पूरा ध्यान देना चाहिए कि युवाओं के माध्यम से वे देश के विकास को बढ़ाने में ज्यादा सहयोग कर सकते हैं। उनके अनुसार युवा देश के विकास के लिए अपना सक्रिय योगदान प्रदान करें न कि केवल उसका एक हिस्सा बनकर रह जाएँ, क्योंकि यही युवा ही आने वाले भारत के निर्माता हैं।
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