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Thursday, January 11, 2024

कार्यशाला के माध्यम से समस्त स्टाफ नर्सों को दी कंगारू मदर केयर विधि की विस्तृत जानकारी

वाराणसी: मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के उद्देश्य से स्वास्थ्य विभाग निरंतर प्रयासरत है। इसी कड़ी में जनपद की 12 सरकारी चिकित्सा इकाइयों में स्थापित मातृ व नवजात शिशु देखभाल इकाई (एमएनसीयू) अपनी अहम भूमिका निभा रहीं हैं। बृहस्पतिवार को शहरी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी)  शिवपुर पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ संदीप चौधरी के निर्देशन में समस्त चिकित्सा इकाइयों की स्टाफ नर्स को लेकर संवेदीकरण कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें स्टाफ नर्स को एमएनसीयू को सुदृढ़ करने के साथ ही कंगारू मदर केयर (केएमसी) के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई।


शिशु को जन्म के 24 घंटे के अंदर लगाएं हेपेटाइटिस बी का टीका, समय से प्रदान कराएं जन्म प्रमाण पत्र

कार्यशाला का आयोजन स्वास्थ्य विभाग के तत्वावधान में कम्यूनिटी एम्पावरमेंट लैब (सीईएल) संस्था के सहयोग से किया गया। सीएचसी के अधीक्षक डॉ मनोज कुमार दुबे के नेतृत्व में सीईएल संस्था की सीमा यादव, आनंद कुमारी यादव और शनि सिंह ने समस्त स्टाफ नर्स को कम वजन के जन्मे शिशुओं को कंगारू मदर केयर विधि से स्वस्थ करने के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कम वजन के नवजात शिशुओं को कंगारू मदर केयर विधि के माध्यम से हाइपोथर्मिया (ठंडा बुखार) से बचाया जा सकता है। यह विधि माँ के अलावा घर का कोई भी सदस्य दे सकता है। इस विधि में त्वचा से त्वचा का संपर्क होने से शिशु को काफी आराम मिलता है और उसका संक्रमण से बचाव होता है। 24 घंटे में कम से कम 20 घंटे केएमसी देना चाहिए और जब भी शिशु को सीने से लगाए तो कम से कम एक से डेढ़ घंटे के तक लगा कर रखना है। केएमसी विधि के दौरान स्वच्छता का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। इससे माँ का शिशु के साथ ही परिवार से लगाव बढ़ेगा और उसके स्वास्थ्य व पोषण में भी सुधार होगा। स्टाफ नर्स का मनोबल बढ़ाते हुए सीईएल टीम से यथार्थ श्रीवास्तव और अक्षय कुमार सिंह ने एमएनसीयू के उद्देश्यों के बारे में जानकारी दी।

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केएमसी के फायदे – स्टाफ नर्स को बताया कि शिशु का शारीरिक, मानसिक व भावनात्मक विकास होता है। शिशु को ठंडा पड़ने और संक्रमण के खतरे से बचाता है। प्रसव के बाद माँ का ज्यादा खून बहने (पीपीएच) से बचाव होता है। शिशु को माँ से भरपूर दूध मिलता है। माँ और शिशु का तनाव कम होता है। शिशु का वजन तेजी से बढ़ता है।  

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यहाँ है एमएनसीयू की सुविधा - जनपद की 12 चिकित्सा इकाइयों क्रमशः शहरी सीएचसी चौकाघाट, सीएचसी शिवपुर, सीएचसी दुर्गाकुंड, सीएचसी काशी विद्यापीठ, ग्रामीण सीएचसी अराजीलाइन, सीएचसी चोलापुर, पीएचसी हरहुआ, पीएचसी सेवापुरी, पीएचसी पिंडरा, डीडीयू राजकीय चिकित्सालय पाण्डेयपुर, एलबीएस राजकीय चिकित्सालय रामनगर एवंजिला महिला चिकित्सालय कबीरचौरा में एमएनसीयू की सुविधा प्रदान की जा रही है, जिसमें समय से पहले जन्मे (प्री मैच्योर) और कम वजन वजन वाले शिशुओं को नया जीवन दिया जा रहा है। इन समस्त इकाइयों पर अब तक 570 शिशुओं को केएमसी का लाभ दिलाया जा चुका है। अंत में समस्त स्टाफ नर्स को प्रमाण पत्र प्रदान किया गया। इस मौके पर डीएचईआईओ हरिवंश यादव, सीईएल संस्था की टीम एवं अन्य स्वास्थ्यकर्मी उपस्थित रहे।

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