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Wednesday, January 3, 2024

वाराणसी में कांग्रेस ने घेरा पीएम संसदीय कार्यालय, रेप आरोपियों के घर पर बुलडोजर चलाने की मांग

वाराणसी: आईआईट बीएचयू की छात्रा से हुई दुष्कर्म की घटना में शामिल तीन आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके हैं। कोर्ट ने तीनों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है। उधर तीनों आरोपियों के सत्ताधारी पार्टी भाजपा से रिश्ते सामने आने के बाद विपक्ष हमलावर है। इसी क्रम में वाराणसी महानगर कांग्रेस कमेटी और जिला कांग्रेस कमेटी ने संयुक्त रूप से मंगलवार को कांग्रेस पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने रविन्द्रपुरी स्थित प्रधानमंत्री संसदीय क्षेत्र जनसंपर्क कार्यालय का घेराव किया। इस दौरान पुलिस और कांग्रेस कार्यकर्ताओं में जमकर नूरा कुश्ती हुई। कांग्रेस की मांग है कि उन सभी आरोपियों के घर बुलडोजर चलवाए जाएं और जिन छात्रों को इस मामले में मुकदमा लगाया गया और प्रदेश अध्यक्ष पर जो मुकदमा हुआ उन सभी को वापस लिया जाए।


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छावनी में तब्दील था प्रधानमंत्री संसदीय क्षेत्र कार्यालय के आस-पास का इलाका

महानगर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष राघवेंद्र चौबे के एलान के बाद सुबह से ही पुलिस और पीएसी की जवान रविंद्रपूरी स्थित कार्यालय पर मुस्तैद थे। इलाके की हर तरफ से बैरिकेटिंग की गई थी ताकि कोई भी कार्यालय तक न पहुंचने पाए। उधर तय समय पर कांग्रेस कार्यकर्ता गुरुधाम चौराहे पर इकट्ठा होना शुरू हो गए थे। सैकड़ों की संख्या में कार्यकर्ता गुरुधाम चौराहे से संसदीय क्षेत्र कार्यालय की तरफ कुछ किए तो पुलिस अलर्ट हो गई। खुद डीसीपी काशी जोन ने हाथ में डंडा और सिर पर हेलमेट लगाकर मोर्चा संभाल लिया और कार्यालय की तरफ बढ़ रहे कार्यकर्ताओं को बैरिकेडिंग के पहले ही रोक लिया। यहां कांग्रेस कार्यकर्ता धरना देने लगे और उन्होंने जमकर नारे लगाए। इस दौरान योगी मोदी मुर्दाबाद के नारे भी लगे।

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चार सूत्रीय मांग को लेकर हुआ था प्रदर्शन

महानगर अध्यक्ष राघवेंद्र चौबे ने प्रदर्शन समाप्त होने के बाद बताया कि हमारी चार सूत्रीय मांग है। सबसे पहले आज उन अपराधियों के सामने आने से उस समय जो आंदोलन चलाया गया था उसकी सत्यता सामने आ गई। इस मामले में बीएचयू के कुछ छात्रों को दोषी बनाकर जोकि उस बहन के लिए न्याय की मांग की थी उनपर मुकदमा दर्ज किया गया उनका मुअकदमा वापस लिया जाए। इसके अलावा हमारे प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने एक बयान दिया था कि इस मामले में भाजपा के कार्यकर्ता और पदाधिकारी हैं। इस मामले में सत्ताधारी दल के दबाव में उनपर मानहानि का मुकदमा दर्ज किया गया था। उनसे भी माफी मांगते हुए सरकार मुकदमा वापिस ले। इसके अलावा हमारी मांग है कि इन 60 दिनों में कौन से नेता, प्रशासनिक और पुलिस अधिकारी आरोपियों को बचा रहे थे उन्हें एक कमेटी बनाकर जांच कर सजा दी जाए। हमारी अंतिम मांग है कि योगी सरकार कहती है कि यदि आप अपराध करेंगे तो अगले चौराहे पर आप को यमराज मिलेंगे तो क्या योगी सरकार इनके घर की भी कुर्की करेगी और बुलडोजर चलाएगी। सरकार ऐसा करेगी तब ही सामने आएगा कि उनकी कथनी और करनी में एकरूपता है।


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