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Tuesday, December 5, 2023

केन्द्रीय कारागार के बंदियों की सेहत का भी रखा जा रहा खास ख्याल

वाराणसी: शिवपुर स्थित केन्द्रीय कारागार में रोमवार को उ०प्र० राज्य एड्स नियत्रंण सोसाइटी, लखनऊ द्वारा इन्टीग्रेटेड एसटीआई (सेक्सुअली ट्रांसमिटेड डिजीज), एचआईवी (ह्युमन इम्युनडिफिशिएंशी वायरस), टीबी (क्षयरोग) तथा हेपेटाइटिस से बचाव के लिए विशेष स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया। कारागार के वरिष्ठ अधीक्षक राधा कृष्ण मिश्रा, चिकित्सा अधीक्षक डॉ लक्ष्मीकान्त त्रिपाठी, चिकित्साधिकारी डॉ अभिषेक सिंह, जिला एचआईवी/एड्स नियंत्रण/क्षय रोग अधिकारी डॉ पीयूष राय, सुभीक्षा कार्यक्रम की क्षेत्रीय कार्यक्रम अधिकारी सुधा झा एवं दिशा कलस्टर के मनीष कुमार सिंह ने संयुक्त रूप से विशेष स्वास्थ्य शिविर का शुभारंभ किया। 


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इस मौके पर वरिष्ठ अधीक्षक ने बन्दियों को यौन जनित रोगों, एचआईवी, टीबी, सिफ़लिस तथा हेपेटाइटिस से बचाव के उपाय तथा परीक्षण में संक्रमित पाये जाने की दशा में नियमित रूप से पूरा उपचार प्राप्त करने के सम्बन्ध में बन्दियों को विस्तार से समझाया। चिकित्सा अधीक्षक ने बन्दियों को नियमित रूप से अपनी स्वास्थ्य जांच कराने, कारागार चिकित्साधिकारी एवं विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा परामर्शित औषधियों का नियमित रूप से सेवन करने तथा कारागार से रिहा होने के पश्चात भी सरकारी चिकित्सालय के माध्यम से अपने उपचार को नियमित रूप से जारी रखने के प्रेरित किया गया। 

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चिकित्साधिकारी डॉ अभिषेक ने बताया कि शिविर में कारागार के करीब 1800 बंदियों की टीबी, एचआईवी, हेपेटाइटिस बी व सी की जांच व स्क्रीनिंग की जाएगी। इसके साथ ही स्वास्थ्य टीम के द्वारा इन बीमारियों के बारे में जागरूकता देने के साथ ही  आवश्यक परामर्श भी दिया जाएगा। सुधा झा ने कहा कि सुभीक्षा कार्यक्रम, पुरुष व महिला बंदियों, बाल एवं महिला संरक्षण के स्वास्थ्य परीक्षण, बचाव व मोबिलाइज़ेशन में शासन का सहयोग कर रही है। उन्होंने बंदियों से कहा कि किसी भी बीमारी के लक्षण दिखाई देने पर उसकी जांच और सम्पूर्ण उपचार जरूर कराएं।      

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डॉ पीयूष राय ने बताया कि जिलाधिकारी एस राजलिंगम के निर्देश के क्रम में सोमवार को यूपी स्टेट एड्स नियंत्रण सोसाइटी द्वारा मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ संदीप चौधरी के सहयोग से विशेष स्वास्थ्य शिविर का शुभारंभ किया गया। इस विशेष शिविर में बंदियों की टीबी, एचआईवी सहित अन्य स्वास्थ्य जांच की जाएगी।  इसके साथ ही स्वास्थ्य जांच कराने के लिए प्रेरित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि एचआईवी संक्रमित व्यक्ति के छूने, साथ बैठने और खाने से यह बीमारी नहीं फैलती है। संक्रमित व्यक्ति के शरीर से निकलने वाले द्रव, रक्त या पदार्थ के संपर्क में आने से कोई भी स्वस्थ व्यक्ति संक्रमित हो सकता है। इसके अलावा असुरक्षित यौन संबंध, संक्रमित इंजेक्शन साझा करना, इसके साथ ही  गर्भावस्था, प्रसव या स्तनपान के दौरान माँ से बच्चे में एचआईवी फैल सकता है। इसलिए समय पर जांच करवाना बेहद जरूरी है। उन्होंने बताया कि दो हफ्ते या उससे अधिक में  खाँसी, खाँसी के साथ बलगम आना, रात में पसीना आना, भूख न लगना और वजन में लगातार गिरावट टीबी हो सकती है। ऐसे लक्षण देने पर तुरन्त नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र पर सम्पर्क करें।

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इस मौके पर जेलर सूबेदार यादव, डीपीटीसी विनय मिश्रा, फार्मासिस्ट संदीप खरे, आईसीटीसी काउंसलर अरविंद सिंह, एलटी अखिलेश कुमार, फिजियोथेरेपिस्ट अवनीश श्रीवास्तव, मनीष, प्रोग्राम मैनेजर शालिनी सिंह, काउंसलर शालिनी सिंह, बंदना सिंह, अलका राय, मनीष कुमार सोनकर, ट्रीटमेंट ऑर्गनाइजर शशिकेश मौर्य, एसटीएस मदन कुमार, टीबी एचवी नवीन श्रीवास्तव, सुभीक्षा कार्यक्रम के जिला पीपीएम कन्हैया यादव एवं अन्य लोग मौजूद रहे।

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