वाराणसी: जिलाधिकारी एस राजलिंगम की अध्यक्षता और मुख्य विकास अधिकारी हिमांशु नागपाल की उपस्थिती में बृहस्पतिवार को रायफल क्लब में देर शाम को जिला स्वास्थ्य समिति शाषी निकाय की समीक्षा बैठक आयोजित की गई।
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इस दौरान जिलाधिकारी ने कहा कि एंबुलेंस के ठहरने के बाद स्ट्रेचर एवं व्हील चेयर की उपलब्धता रहना चाहिए। सभी सीएचसी व जिला अस्पताल इसकी उपलब्धता सुनिश्चित कर ली जाए। चिकित्सालयों और स्वास्थ्य केन्द्रों पर पीने का पानी, उपकरण आदि की व्यवस्था सुनिश्चित कर ली जाए। इसके किसी भी प्रकार की लापरवाही न की जाए। जिन चिकित्सालयों में अल्ट्रा साउंड मशीन है वहाँ प्रतिदिन सेवा दी जाए। डीएम ने कहा कि सभी सरकारी चिकित्सालयों के अधीक्षक व प्रभारीयों की ज़िम्मेदारी है कि आपके चिकित्सालय के खिलाफ कोई शिकायत न आए। आकस्मिकता की स्थिति में रोगी को उच्चीकृत स्वास्थ्य इकाई रेफर करने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। लघु पोषण पुनर्वास केंद्र (मिनी एनआरसी) में उपचारित बच्चों को एंबुलेंस के जरिये उनके घर तक छोड़ा जाए।
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जिलाधिकारी ने प्रसव पूर्व जांच (एएनसी) की प्रगति को लेकर अराजीलाइन सीएचसी और सेवापुरी पीएचसी की उपलब्धि लक्ष्य के सापेक्ष कम होने पर नाराजगी व्यक्त की। इसके लिए उन्होंने संबन्धित क्षेत्र की एएनएम की समीक्षा कर उन पर कार्यवाई करने का निर्देश दिया। आशा कार्यकर्ताओं को सक्रिय कर प्रथम त्रैमास वाली गर्भवती महिलाओं का एएनसी पंजीकरण किया जाए। अक्रियाशील आशा कार्यकर्ताओं पर कार्यवाई सुनिश्चित की जाए। जननी सुरक्षा योजना के तहत लाभार्थियों का समय से भुगतान न करने के संबंध में पिंडरा पीएचसी के ब्लॉक अकाउंट मैनेजर (बीएएम) पर जांच समिति बनाकर त्वरित जांच की जाए। अगली बैठक में इसकी गहन समीक्षा की जाएगी और आगे की कार्यवाई सुनिश्चित की जाएगी। इस दौरान जिलाधिकारी ने बीएचयू में जननी सुरक्षा योजना के भुगतान की व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए निर्देशित किया। जिला महिला चिकित्सालय स्थित एमसीएच विंग के लाभार्थियों का शत-प्रतिशत भुगतान कराया जाए। विंग का निरीक्षण सभी कार्यक्रमों के अनुसार मुख्य चिकित्सा अधीक्षक के द्वारा किया जाए।
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पूर्ण प्रतिरक्षित बच्चों के मामले में पिंडरा व सेवापुरी पीएचसी की उपलब्धि कम होने पर जिलाधिकारी असंतोष व्यक्त किया। प्रभारी चिकित्साधिकारी को जल्द से जल्द शत-प्रतिशत पूरा करने के लिए निर्देशित किया। 'विकसित भारत संकल्प यात्रा' के दौरान छूटे हुये बच्चों का प्रत्येक दशा में टीकाकरण कराने का निर्देश दिया। अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा सीएचसी का रात्रि में निरीक्षण किया जाए। साथ जी यह सुनिश्चित किया जाए कि कोई गर्भवती महिला जिसे सिजेरियन प्रसव की आवश्यकता है, उसे समय से प्रदान की जाए। परिवार नियोजन कार्यक्रम को लेकर जिलाधिकारी ने प्रत्येक माह में हर ब्लॉक 15-15 एवं नगरीय स्वास्थ्य केन्द्रों पर दो-दो पुरुष नसबंदी का लक्ष्य निर्धारित करने का निर्देश दिया। वहीं प्रत्येक माह में हर ब्लॉक 200 महिला नसबंदी और नगरीय स्वास्थ्य केंद्र 25-25 महिला नसबंदी के लक्ष्य को पूरा करे। इसके अलावा जिलाधिकारी ने राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम, सैम-मैम बच्चों का चिन्हान्कन, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना सहित अन्य कार्यक्रमों की प्रगति को लेकर विस्तार से समीक्षा की।
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बैठक में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ संदीप चौधरी ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के समस्त कार्यक्रमों और योजनाओं की प्रगति के बारे में सम्पूर्ण जानकारी दी। इस दौरान मुख्य चिकित्सा अधीक्षक, अपर व उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी, जिला कुष्ठ रोग अधिकारी, जिला कार्यक्रम प्रबन्धक, डीएचईआईओ सहित अन्य चिकित्साधिकारी, स्वास्थ्यकर्मी, डबल्यूएचओ, यूनिसेफ, यूपीटीएसयू के प्रतिनिधि मौजूद रहे।
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