Latest News

Thursday, November 30, 2023

फाइलेरिया उन्मूलन के लिए पीएचसी बड़ागांव पर लगा एमएमडीपी कैंप

वाराणसी: जनपद को फाइलेरिया मुक्त बनाने व दिव्यांग्ता रोकथाम के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। इसी क्रम में बृहस्पतिवार को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) बड़ागांव पर फाइलेरिया (हाथी पांव) से ग्रसित 60 रोगियों को रुग्णता प्रबंधन व दिव्यांग्ता रोकथाम (एमएमडीपी) किट और आवश्यक दवा प्रदान की गई। साथ ही रोगियों को घाव की नियमित सफाई के तरीके, योगा व सामान्य व्यायाम के बारे में बताया गया। यह कार्यक्रम स्वास्थ्य विभाग तत्वावधान में पाथ व सीफार संस्था के सहयोग से आयोजित किया गया। 


यह भी पढ़ें: टीबी मुक्त पंचायत अभियान की अलख जगाएँगे एनएसएस के वालंटियर

इस मौके पर जिला मलेरिया अधिकारी (डीएमओ) शरत चंद पाण्डेय, प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉ शेर मोहम्मद, पाथ के आरएनटीडीओ डॉ सरीन कुमार और सीफार के जिला समन्वयक ने सभी रोगियों को एमएमडीपी किट के बारे में सभी रोगियों को प्रशिक्षित किया और एमएमडीपी किट प्रदान की। इस दौरान फाइलेरिया रोगी सहायता समूह (पीएसजी) नेटवर्क के 42 रोगियों को भी किट व प्रशिक्षण दिया गया। शेष नॉन पीएसजी सदस्य हैं। 

यह भी पढ़ें: मुख्य सचिव से मिले राज्य कर्मचारी सयुक्त परिषद के अध्यक्ष जे एन तिवारी एवं महामंत्री अरूणा शुक्ला

डीएमओ ने बताया कि फाइलेरिया ग्रस्त अंगों मुख्यतः पैर की साफ-सफाई रखने से संक्रमण का डर नहीं रहता है और सूजन में भी कमी रहती है। इसके प्रति लापरवाही बरतने पर अंग खराब होने लगते हैं। इससे समस्या बढ़ जाती है। संक्रमण को बढ़ने से रोकने के लिए दवा भी दी जा रही है। उन्होंने बताया कि जिनके हाथ-पैर में सूजन आ गई है या फिर उनके फाइलेरिया ग्रस्त अंगों से पानी का रिसाव होता है। इस स्थिति में उनके प्रभावित अंगों की साफ-सफाई बेहद आवश्यक है। इसलिए एमएमडीपी किट प्रदान की जा रही है। इस किट में एक-एक टब, मग, बाल्टी तौलिया, साबुन, एंटी फंगल क्रीम आदि शामिल हैं। पीएसजी नेटवर्क के सदस्य समुदाय को फाइलेरिया के प्रति जागरूक कर रहे हैं। साथ ही बीमारी से जुड़े मिथक को भी दूर कर रहे हैं। 

यह भी पढ़ें: पूर्वोत्तर रेलवे महाप्रबन्धक सौम्या माथुर ने किया वाराणसी के इन दो रेलवे स्टेशनों का गहन निरीक्षण

डॉ सरीन कुमार ने सभी आशा कार्यकर्ताओं और संगिनी को फाइलेरिया (हाथ-पैरों में सूजन और अंडकोषों में सूजन) के कारण, लक्षण, पहचान, जांच, उपचार व बचाव आदि के बारे में विस्तार से बताया। फाइलेरिया की सभी ग्रेडिंग (हाथ-पैरों में सूजन व घाव की स्थिति) के बारे में जानकारी दी। एमएमडीपी किट को हाथीपांव ग्रसित रोगियों के उपयोग के बारे में बताया।

यह भी पढ़ें: इलाहाबाद हाईकोर्ट के ऐतिहासिक फैसले से 15 से ज्यादा लोगों को चमकी किस्मत

पीएसजी सदस्य समुदाय को कर रहे जागरूक – पीएसजी सदस्य सायरा बानो (55) ने बताया कि वह लगभग 15 वर्ष से हाथीपांव बीमारी से ग्रसित हैं। उन्होंने कई वर्षों तक इलाज कराया, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। अब पीएसजी समूह के साथ जुड़कर डॉक्टर से इसकी देखभाल के लिये सम्पूर्ण जानकारी मिली, जिससे वह अपने सूजे हुये पैरों की नियमित देखभाल कर रही हैं। अन्य सदस्य विमला सिंह (70) ने बताया कि वह करीब 55 साल से फाइलेरिया हाथीपांव से ग्रसित हैं। कई वर्षों तक उपचार कराया, दवा भी खाई लेकिन आराम नहीं मिला। हाल ही में पीएसजी समूह के साथ जुड़ने के बाद फाइलेरिया के बारे में सम्पूर्ण जानकारी मिली। अब वह किट के जरिये  अपने सूजे हुये पैरों की साफ-सफाई और देखभाल करेंगी। साथ ही योगा व सामान्य व्यायाम भी करेंगी। इसके अलावा समुदाय में फाइलेरिया से बचाव के बारे में जागरूक करने में मदद करेंगी। दोनों रोगियों को उपचार के लिए चौकाघाट स्थित राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय में संचालित फाइलेरिया एकीकृत उपचार केंद्र के लिए रेफर किया गया है।   

यह भी पढ़ें: जनपद में आज से शुरू होगा पीएमएमवीवाई का "विशेष पंजीकरण अभियान"

इस मौके पर स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी (एचईओ) दिवाकर वर्मा, मलेरिया निरीक्षक विनोद कुमार, सीनियर लैब टेक्निशियन राजेश यादव, हेल्थ सुपरवाइज़र अजय कुमार राय, पाथ से डॉ सरीन कुमार, सीफार संस्था के प्रतिनिधि एवं अन्य लोग उपस्थित रहे।

यह भी पढ़ें: पुरुष नसबंदी के प्रति जागरूकता के लिए रवाना हुए ‘सारथी वाहन’ 

No comments:

Post a Comment