वाराणसी: मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ संदीप चौधरी ने बताया कि राष्ट्रीय कार्यक्रम के अन्तर्गत विगत वर्ष 2000 से अक्टूबर माह के द्वितीय बृहस्पतिवार को विश्व दृष्टि दिवस मनाया जाता है, जिसकी शुरूआत डबल्यूएचओ द्वारा विभिन्न नेत्र की समस्याओं की रोकथाम और इलाज योग्य दृष्टिविधीनता के नियंत्रण के बारे में सार्वजनिक जागरुकता बढ़ाने के उद्देश्य से की गई थी। इसी क्रम में 12 अक्टूबर को दृष्टिविहीनता पर वैश्विक ध्यान केंद्रित करने वाली श्रृंखला में 24वां विश्व दृष्टि दिवस मनाया जायेगा।
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इंटरनेशनल ऐजेंसी फॉर विवेशन ऑफ ब्लाइन्डनेस (आईएपीबी) द्वारा इस वर्ष का थीम “Love Your eves at work" यानि 'कार्यस्थल पर अपने नेत्रों से प्यार करे' निर्धारित की गई है। इस दिवस पर कंपोजिट विद्यालय महमूरगंज में जन जागरूकता कार्यक्रम किया जायेगा। सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पर नेत्र परीक्षण का कार्य किया जाएगा। इसके साथ ही राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत गठित टीमों के द्वारा विद्यालयों में नेत्र परीक्षण का कार्य किया जाएगा।
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कार्यक्रम के नोडल अधिकारी व एसीएमओ डॉ संजय राय ने बताया कि इस वर्ष विश्व दृष्टि दिवस 2023 का लक्ष्य वर्ष भर चलने वाले इस अभियान में नियोक्ताओं को अपने कर्मचारियों के नेत्र स्वास्थ्य प्राथमिकताओं को मानक अभ्यास के रूप में अपनाने और नेत्र स्वास्थ्य की मानक आदतों को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहित करना है जिससे लाखों कर्मचारियों की भलाई सुरक्षा और उत्पादकता को लाभ होगा। यह सुनिश्चित करने के लिए सभी नियोक्ताओं को अपने कर्मचारियों को गुणवत्तापूर्ण नेत्र स्वास्थ्य प्रदान करने के लिए, प्रेरित करने के लिए हो, यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि कारखानों के फर्श से लेकर कार्यालय भवन स्टाफ रूम और स्टूडियो तक सभी के लिए आंखों की देखभाल उपलब्ध, सुलभ और सस्ती हो। कार्यस्थल पर अपनी आंखों से प्यार करें विषय और यह अभियान भी व्यक्तियों को अपनी आंखों के स्वास्थ्य की देखभाल करने के लिए प्रोत्साहित करता है। दुनिया भर में एक अरब से अधिक लोगों का ध्यान आकर्षित करता है, जिनके पास दृष्टिविहीनता है परन्तु नेत्र देखभाल सेवाओं तक उनकी पहुंच नहीं है। इसका उद्देश्य कार्यथलों पर दृष्टिहीनता के बारे में जागरुकता बढ़ाना है।
उन्होंने बताया कि भारत में दृष्टिहीनता का मुख्य कारण मोतियाबिन्द, निकट एवं दूर दृष्टिदोष, ग्लूकोमा, बड़ी उर्म में पर्दे की कमजोरी, डायबिटिक रेटिनोपैथी एवं कार्नियल ओपैसिटी, नेत्र संकमण, कुपोषण आदि है तथा अधिकतर मामलों में इनसे बचा जा सकता है।
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आंखों की बारीकियों का उपचार दृष्टि को संरक्षित करने और आंखों की रोशनी को दोबारा प्राप्त करने के लिए है। उपरोक्त को ध्यान में रखते हुए अपने कर्मचारियों / श्रमिकों का ध्यान अपनी आंखों की जांच कराने और आंखों की बीमारियों को रोकने और नियंत्रित करने के उपाय करने पर ध्यान केन्द्रित करने का प्रस्ताव है। चिकित्सा से ही ज्योति को बचाया या दोबारा प्राप्त किया जा सकता है एवं आम जनता में अपने नेत्रों का परीक्षण ही नेत्र ज्योति को बचाने का पहला कदम है। "कार्यस्थल पर अपनी आंखों से प्यार करें" का संकल्प लेकर आंखों की जांच के महत्व के बारे में जागरूकता पैदा की किये जाने के लिए कार्यस्थलों पर नेत्र परीक्षण के महत्व की जागरूकता फैलाने का प्रयास किया जाए तथा देश में नेत्र उपचार में नगे राजकीय चिकित्सालय, राजकीय सहायता प्राप्त गैर सरकारी संगठनों एवं दृष्टिविहीनता नियंत्रण के क्षेत्र से जुड़े प्राईवेट चिकित्सालयों में उपलब्ध चिकित्सा सुविधाओं की पूर्ण जानकारी आमजन चक पहुंचाई जायें।
इस वर्ष जन जागरूकता कार्यक्रमों के आयोजन में निम्न गतिविधियों का समावेश किया जाएगा-
1. इन आयोजनों में कार्यस्थली पर दृष्टिदोष परीक्षण शिविरों का आयोजन किया जाये ताकि जनता में नेत्र परीक्षण की आवश्यकता एवं इसकी जरूरत के बारे में जानकारी पढ़ाई जा सके। इन शिविरों में नेत्र विकारों से सम्बन्धित प्रचार-प्रसार सामग्रियों का प्रदर्शन करते हुए जनता को नेत्र रोगों / नेत्र सम्बन्धित समस्याओं से शिक्षित किया जाये।
2. कार्यस्थलों जैसे फैक्ट्री स्थल, कार्यालय परिसर, स्टाफरूम एवं स्टूडियों आदि में कर्मचारियों की शत प्रतिशत सहभागिता के साथ बैठकें आयोजित कर उन्हें नेत्र स्वास्थ्य की मानकानुसार देशमाल हेतु प्रेरित किया जायें।
3. लोकल रेडियो एवं दूरदर्शन केन्द्रों पर नेत्र सम्बन्धी बीमारियों पर नेत्र स्वास्थ्य सम्बंधी परिचर्चाओं का आयोजन एवं प्रसारण किया जाये।
4. रैली एवं पदयात्रा दौड़ प्रतियोगिता एवं स्कूल परीक्षण शिविरों का आयोजन जिला, ब्लाक एवं निचले स्तर तक आयोजन कराया जाये।
5. प्रशिक्षकों/चिकित्सा प्रशिक्षण संस्थान (मेटिकल कालेज / क्षेत्रीय नेत्र संस्थान / केन्द्रीय नेत्र संस्थानों के नेत्र विभागों में नेत्र स्वास्थ्य सम्बन्धी बैठकें / कॉन्फ्रेंस / नेत्र रोगों की जानकारी से सम्मानित सिम्पोजिया जिनमें संस्थान के छात्रों, प्रशिक्षार्थियों एवं कर्मचारियों का व्यापक सहयोग एवं उपस्थिति सुनिश्चित करायी जाये।
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